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‘मैं तेजस्वी यादव बोल रहा हूं’, पटना DM के जवाब पर जब लगने लगे जिंदाबाद के नारे, जानें पूरा माजरा

पटना. शिक्षक अभ्यर्थियों के आंदोलन में उतर तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) पटना के इको पार्क पहुंच गए जहां पर बड़ी संख्या में शिक्षक अभ्यर्थी मौजूद थे. तेजस्वी के पहुंचते ही शिक्षक अभ्यर्थी तेजस्वी यादव जिंदाबाद के नारे लगाने लगे. तेजस्वी ने पहले अभ्यर्थियों की समस्या सुनी और उसके बाद डीजीपी, मुख्य सचिव और डीएम को कॉल लगा दिया. इन अधिकारियों से बात कर तेजस्वी यादव ने शिक्षक अभ्यर्थियों को गर्दनीबाग धरनास्थल पर धरना देने की इजाजत देने की मांग की. इस दौरान जब तक के लिए मांग पूरी नहीं हुई, तेजस्वी इको पार्क में ही डटे रहे. जैसे ही जिला प्रशासन द्वारा गर्दनीबाग धरना स्थल पर शिक्षक अभ्यर्थियों को धरना देने की अनुमति मिली तेजस्वी इको पार्क (Eco Park) से पैदल ही गर्दनीबाग धरनास्थल पहुंच गए और यहां भी शिक्षक अभ्यर्थियों के साथ धरने पर बैठ गए. ऐसे में वहां ‘जिंदाबाद’ के नारे लगने लगे. इस दौरान तेजस्वी यादव के निशाने पर नीतीश कुमार रहे. हालांकि, थोड़ी देर धरने पर बैठने के बाद तेजस्वी वहां से निकल गए.
शिक्षक अभ्यर्थियों के बीच से ही तेजस्वी यादव ने पहले बिहार के मुख्य सचिव उसके बाद डीजीपी और अंत मे पटना डीएम को फोन लगाया. हालांकि, डीजीपी और मुख्य सचिव ने तेजस्वी से बात की, लेकिन पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह यह समझ नहीं पाए कि बात किससे से हो रही है. लेकिन, जैसे ही तेजस्वी ने परिचय दिया तो डीएम ने ‘सर’ कहना शुरू कर दिया और मामले की गंभीरता को समझते हुए शिक्षक अभ्यर्थी को गर्दनीबाग में धरना देने की अनुमति दे दी.
बता दें कि मंगलवार रात में ही गर्दनीबाग में शिक्षक बहाली की मांग कर रहे TET पास अभ्यर्थियों को पुलिस ने बलपूर्वक खाली करा दिया था. जिसके बाद शिक्षक अभ्यर्थी 10 सर्कुलर रोड राबड़ी आवास पहुंच कर तेजस्वी यादव से मुलाकात की थी. बुधवार की रात में भी तेजस्वी यादव ने शिक्षक अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज करने के सवाल पर पटना के एसएसपी से बात की थी और पुलिस की कार्रवाई को गलत करार देते हुए अलोकतांत्रिक बताया था. तेजस्वी ने अभ्यर्थियों को आश्वासन दिया था कि गिरफ्तार अभ्यर्थियों की रिहाई और केस वापस लेने के लिए वे अधिकारियों से बात करेंगे और अगर ऐसा नहीं होता है तो तेजस्वी ने खुद धरनास्थल पर भी जाएंगे.
Source : News18
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बिहार में पुलिस जीप के चालक व दारोगा बीच सड़क पर उलझे, ऐसी-ऐसी गालियां दी कि लोग सन्न रह गए

राजपुर थाना के जीप चालक और एक दरोगा के बची हुई झड़प और गाली-गलौज मामले की जांच करने के लिए आज डीएसपी (मुख्यालय) आ सकते हैं। इसके लिए एसपी नीरज कुमार सिंह ने उन्हें आदेश दे दिया है। मामला पिछले शुक्रवार का बताया जा रहा है। इसका वीडियो शनिवार से वायरल हो रहा था। वीडियो को राजपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत दैत्रा बाबा के समीप मौजूद पेट्रोल पंप पर शूट किए जाने की बात सामने आ रही है, जहांं ट्रकों से अवैध वसूली को लेकर दोनों के बीच झड़प होने की बात भी सामने आई है।
मामला संज्ञान में आने के बाद पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार सिंह द्वारा इसकी जांच का आदेश दिया गया है। इस घटना के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार की सुबह लगभग 6:30 बजे पुलिस गश्ती के लिए सहायक अवर निरीक्षक हरेंद्र सिंह पुलिस बल के जवानों के साथ जीप में सवार होकर बसही की तरफ जा रहे थे। जैसे ही दैतरा बाबा पुल के समीप पहुंचे, तभी हरेंद्र सिंह गाड़ी से उतरकर लघुशंका के लिए गए। इस दौरान जीप चालक त्रिभुजी ने कोचस की तरफ से आ रहे एक बालू लदी ट्रक को रोककर पांच हजार रुपये की मांग कर दी। इस पर ट्रक चालक ने रुपए देने से इंकार कर दिया और ट्रक मालिक से बात करने लगा। इस बीच वापस आए एएसआई हरेंद्र ङ्क्षसह ने चालक को वसूली से मना करते हुए उसे बसही की तरफ चलने को कहा।
तब तियरा पेट्रोल पंप के पास पहुंचने पर चालक त्रिभुजी ने गाड़ी में तेल लेकर आगे बढऩे की बात बताई। हरेंद्र सिंह ने इससे इंकार करते हुए कहा कि गस्ती से लौटते समय तेल भरवाया जायेगा। इसी बात को लेकर दोनों के बीच पहले कहासुनी हुई और बात ही बात में मामला गाली गलौज से होते हुए हाथापाई पर पहुंच गया, और दोनों तरफ से लात-घुसा चलने लगे। इस बीच साथ में मौजूद होमगार्ड के जवान अजय कुमार, मान सिंह एवं रूपेश कुमार ने बीच-बचाव कर मामले को शांत कराया। इसी दौरान पेट्रोल पंप पर मौजूद किसी ने इसका वीडियो बनाकर वायरल कर दिया।
Input: Live Hindustan
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नीतीश कुमार बर्थडे: इन 10 फैसलों की वजह से नीतीश कुमार बने बिहार की सियासत के ‘हीरो’

बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर 7वीं बार शपथ लेकर नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने अपने कद को बहुत बड़ा कर लिया है. राज्य की सियासत के चाणक्य कहे जाने वाले सीएम आज 70 साल के हो गए हैं. यही नहीं, उनकी लंबी राजनीतिक पारी से लेकर व्यक्तित्व की चर्चा आज भी न सिर्फ उनके सहयोगी, बल्कि विरोधी तक करते हैं. इसके अलावा वह बिहार में अपने निर्णयों की वजह से महिला मतदाताओं पर खासी पकड़ रखते हैं.
1 मार्च 1951 को पटना जिला के बख्तियारपुर
(Bakhtiarpur) में जन्मे ‘मुन्ना’ जिसे आज देश और दुनिया नीतीश कुमार के नाम से जानती है, वह आज 70 साल के हो गए हैं. बचपन से ही तेज बुद्धि के नीतीश ने स्कूली पढ़ाई बख्तियारपुर से पूरी करने के बाद साइंस कॉलेज से पढ़ाई की और इसके बाद पटना इंजीनियरिंग कॉलेज से डिग्री ली. इसके बाद 1974 के आंदोलन में सक्रिय हो गए और राजनीति में कदम रखा. छात्र राजनीति में आने के बाद नीतीश कुमार ने पहली बार 1977 में विधानसभा चुनाव हरनौत से लड़ा, लेकिन वो हार गए. इसके बाद 1980 में एक बार फिर हरनौत से उन्हें शिकस्त मिली, लेकिन नीतीश कुमार ने हिम्मत नहीं हारी.
आखिरकार 1985 में हरनौत से नीतीश कुमार शानदार जीत हासिल की और विधायक बने, इसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. 1989 में तब के मजबूत नेता माने जाने वाले राम लखन सिंह यादव को बाढ़ से हराकर लोकसभा चुनाव जीता और पांच बार सांसद बने. वहीं, उनके (नीतीश) 1974 के आंदोलन के मित्र और राजनीतिक सहयोगी वशिष्ठ नारायण सिंह बताते हैं कि नीतीश कुमार ने छात्र राजनीति के वक्त ही अपनी अलग पहचान बना ली थी.
कुछ ऐसा है नीतीश का परिवार
कविराज राम लखन सिंह और माता परमेश्वरी देवी के पुत्र मुन्ना यानी नीतीश कुमार की पेशे से शिक्षिका मंजू कुमारी सिन्हा से शादी हुई. उनसे एक पुत्र निशांत है, जो इंजीनियर है. हालांकि मंजू सिन्हा का निधन हो चुका है. बता दें कि 2005 में नीतीश कुमार की अगुवाई में लालू प्रसाद यादव के खिलाफ जब एनडीए को शानदार जीत मिली थी, तब से वह कुछ महीने छोड़कर अब तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज हैं. इसके अलावा नीतीश कुमार ने केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में भी रेल और कृषि मंत्री जैसे महत्वपूर्ण विभाग संभालते हुए अपने काम का लोहा मनवाया है.
ये 10 फैसले बने नीतीश कुमार की पहचान:
- स्कूल जाने वाली लड़कियों के लिए साइकिल और पोशाक योजना की शुरुआत करना, जिसके कारण बड़ी संख्या में लड़कियां स्कूल जाने लगीं और उनकी साक्षरता दर में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है.
- स्पीड ट्रायल: अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए नीतीश कुमार ने स्पीड ट्रायल की शुरुआत की. इसकी का नतीजा था कि अपराधियों के मन में भय समाया और बिहार में अपराध में काफी कमी आई.
- पंचायती राज में महिलाओं को आरक्षण: नीतीश कुमार के इस कदम से महिलाओं के आत्म विश्वास में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है.
- महिला पुलिस में सिपाही भर्ती में 33 प्रतिशत आरक्षण का फैसला जिसकी वजह से न सिर्फ महिलाओं को रोजगार मिला बल्कि महिलाओं का आत्मविश्वास भी खूब बढ़ा है.
- शराबबंदी: नीतीश कुमार का ये वो फैसला था जिसकी चर्चा आज भी होती है. विरोधी इस फैसले पर सवाल उठाते हैं, बावजूद इसके शराबबंदी ने बिहार के गांव से लेकर शहर की तस्वीर बदलने में बड़ा योगदान किया है.
- जल-जीवन और हरियाली: पर्यावरण को बचाने के लिए नीतीश कुमार के इस फैसले की सराहना देश और दुनिया में हुई है. इस फैसले से पर्यावरण को काफी फायदा मिल रहा है और जंगल भी बढ़ रहे हैं.
- सात निश्चय: हर घर जल, कल नल योजना को चला कर नीतीश कुमार ने गांव की शक्ल सूरत बदलने में बड़ी भूमिका निभाई है.
- बाल विवाह, दहेज प्रथा और बुजुर्ग मां-बाप की सेवा करना अनिवार्य बनाना, जैसे फैसले से भी बिहार में बदलाव का कारण बने हैं.
- देश में पहली बार किसी राज्य ने सवर्ण आयोग का गठन किया. महादलित समुदाय के किसी शख़्स से 15 अगस्त और 26 जनवरी को झंडा फहराने के फैसलने भी नीतीश कुमार को चर्चा दिलाई है.
- कृषि रोडमैप लाने वाला बिहार देश का पहला राज्य है, जिसकी वजह से बिहार में कृषि में काफी बदलाव आया है.
Input: Live Hindustan
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मुजफ्फरपुर सेंट्रल जेल में कारा प्रशासन की रेड, शौचालय के पास मिले तीन मोबाइल फोन

मुजफ्फरपुर सेंट्रल जेल में शनिवार की देर रात कारा प्रशासन ने छापेमारी की। वार्ड पांच के शौचालय के समीप तीन मोबाइल बिना सिम के मिले। कौन बंदी जेल में चोरी-छिपे मोबाइल का इस्तेमाल कर रहे थे, फिलहाल इसकी जानकारी नहीं हो सकी है। इस संबंध में जेल उपाधीक्षक सुनील कुमार मौर्य ने मिठनपुरा थाने में रविवार को अज्ञात पर एफआईआर कराई है।
जेल उपाधीक्षक ने बताया कि जेल अधीक्षक राजीव कुमार सिंह के नेतृत्व में औचक छापेमारी की गई। वार्ड पांच के खंड एक के शौचालय के समीप भुजिया के पैकेट में तीन काले मोबाइल मिले। इसे उच्चवर्गीय क्लर्क रवि कुमार व होमगार्ड सुनील कुमार के समक्ष जब्त किया गया। जेल उपाधीक्षक ने बताया कि वार्ड पांच के अलावा दूसरे वार्ड, सेल और टी-सेल में भी छापेमारी की गई। वहीं, मिठनपुरा थानेदार भगीरथ प्रसाद ने एफआईआर की पुष्टि करते हुए बताया कि जांच की जा रही है। मोबाइल को लैब भेजा जाएगा।
निलंबित न्यायिक पदाधिकारी के पास से मिला था मोबाइल :
प्रॉपर्टी डीलर हत्याकांड में चार्जशीटेड निलंबित न्यायिक पदाधिकारी के पास से फरवरी के दूसरे सप्ताह में औचक जांच के दौरान मोबाइल व चार्जर बरामद हुआ था। इस संबंध में एफआईआर भी कराई गई थी, लेकिन जांच की रफ्तार काफी धीमी है। जांच के लिए मोबाइल को अबतक लैब नहीं भेजा गया। न ही आईओ ने मोबाइल रखने के आरोपित बंदी निलंबित न्यायिक पदाधिकारी से पूछताछ की है।
Input: Live Hindustan
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