बच्चों के यौ’न उ’त्पीड़न से जुड़ी घ’टनाओं पर प्रभावी रोकथाम के लिए सरकार ने इससे जुड़े कानून को अब सख्त बनाने का फैसला लिया है। इसके तहत ऐसे मामले में अप’राधियों को अब फां’सी तक की स’जा देने का प्रावधान होगा।

सरकार ने इसके साथ ही किन्नरों या फिर ऐसे व्यक्ति जिन्होंने किसी कारणवश आपना लिंग बदला हो (ट्रांसजेंडर) को भी सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक आधार पर सशक्त और अधिकार संपन्न बनाने का फैसला लिया है।इसके तहत उन्हें अब अपनी पहचान बताने का अधिकार मिलेगा। दोनों ही मामलों से जुड़े विधेयकों को सरकार संसद के इसी सत्र में पेश करेगी।

मंत्रिमंडल में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने बताया कि पोक्सो में बदलाव और फांसी तक की सजा होने के प्रावधानों से ऐसी घटनाओं में कमी आएगी। अपराधियों में बच्चों के साथ ऐसी घटनाओं को लेकर डर बैठेगा। इसके साथ ही कानून में होने वाले इस बदलाव से बच्चों के हितों की रक्षा हो सकेगी। उन्हें पूरी सुरक्षा और सम्मान भी दिया जाएगा। पोक्सो कानून 2012 को 18 साल की उम्र से छोटे बच्चों को यौन अपराधों,यौन शोषण और अश्लील सामग्री से सुरक्षा प्रदान करने के लिए लाया गया था।

इसी तरह से समाज से सालों से हाशिए पर खड़े किन्नरों को भी अधिकार संपन्न बनाने को लेकर सरकार ने जल्द ही नया बिल लाने का फैसला लिया है। इससे उन्हें भेदभाव, दु‌र्व्यवहार से बचाया जा सकेगा। साथ ही उन्हें पहचान बताने का भी अधिकार मिलेगा। सभी दस्तावेजों में लिंग के रूप में पुरूष और महिला के साथ ट्रांसजेंडर (किन्नर) का भी विकल्प मौजूद रहेगा।

मौजूदा समय में इस वर्ग की कोई पहचान नहीं होने से इन्हें शिक्षा, चिकित्सा जैसी बुनियादी सुविधाओं के लाभ से जूझना पड़ता है। पिछली सरकार के दौरान संसद के आखिरी सत्र में ट्रांसजेंडरों से जुड़ा विधेयक पारित नहीं हो पाया था। जिसके बाद सरकार ने अब इसे नए सिरे से मजबूती के साथ पेश करने का फैसला लिया है।

Input : Dainik Jagran

 

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