BIHAR
मोबाइल नंबर शेयर कर सुशील मोदी ने लगाया आरोप, विधायकों को फोन कर एनडीए तोड़ने की कोशिश कर रहे लालू

बिहार में विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव से एक दिन पहले सियासी गहमागहमी बढ़ गई है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मोबाइल नंबर शेयर करते हुए रांची की जेल में सजा काट रहे राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर आरोप लगाया कि वह फोन कर एनडीए विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लालू एनडीए विधायकों को मंत्री बनाने तक का ऑफर दे रहे हैं।
Lalu Yadav making telephone call (8051216302) from Ranchi to NDA MLAs & promising ministerial berths. When I telephoned, Lalu directly picked up.I said don’t do these dirty tricks from jail, you will not succeed. @News18Bihar @ABPNews @ANI @ZeeBiharNews
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) November 24, 2020
सुशील मोदी के आरोप के जवाब में राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि सुशील मोदी लालू फोबिया से ग्रस्त रहे हैं और अनर्गल बयान देते रहते हैं। उन्होंने कहा कि उप-मुख्यमंत्री से हटाए गए हैं, इसलिए चर्चा में बने रहने के लिए यह हथकंडा अपना रहे हैं।
सुशील मोदी ने अपने ट्वीट में मोबाइल नंबर 8051216302 का जिक्र करते हुए कहा कि इस नंबर से विधायकों को फोन आए हैं। उन्होंने दावा किया कि इस नंबर की सत्यता की पुष्टि करने के लिए जब फोन किया तो सीधे लालू यादव ने कॉल रिसिव किया। पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा, “लालू प्रसाद से मैंने बातचीत भी की और उन्हें कहा कि ऐसी गंदी हरकत न करें। विधायकों को तोड़ने की कोशिश कहीं से भी उचित नहीं है और इस कोशिश में आप कामयाब नहीं होंगे। उनकी मंशा कभी भी सफल नहीं होने वाली है।”
बिहार विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए पद के लिए एनडीए की ओर से विजय सिन्हा, जबकि महागठबंधन से अवध बिहारी चौधरी को प्रत्याशी बनाया गया है। बुधवार को सदन की कार्यवाही आरंभ होने तक यदि विपक्ष ने अपना नामांकन वापस नहीं लिया तो मतदान से विधानसभा के नए अध्यक्ष का फैसला होगा। ऐसे में सुशील मोदी के आरोप के बाद यह सवाल भी उठने लगे हैं कि क्या चुनाव में मात खाने के बाद महगठबंधन जोड़तोड़ करके सत्ता में आने की ताक में है।
चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद पर झारखंड में कुल पांच मामले चल रहे हैं। इनमें से चार मामलों में उन्हें सजा मिल चुकी है। इनमें से चाईबासा के दो व देवघर के मामले में जमानत मिल चुकी है, जबकि दुमका कोषागार वाले में उन्होंने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की है। डोरंडा कोषागार वाले मामले में अभी निचली अदालत में सुनवाई चल रही है।
Input: Live Hindustan
BIHAR
बिहार की कानून-व्यवस्था पर DGP बोले-गुप्तेश्वर पांडेय के कार्यकाल से अब की स्तिथि बेहतर

पटना: बिहार में बिगड़ती कानून-व्यवस्था को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे राज्य के डीजीपी एस.के. सिंघल ने दावा किया कि पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय के कार्यकाल की तुलना में अब स्थिति पहले से बेहतर है. पिछले डीजीपी पांडे ने बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए वीआरएस (VRS) ले लिया था. उसके बाद 22 सितंबर को सिंघल ने बिहार डीजीपी के रूप में कार्यभार संभाला.
हालांकि, जनता दल (युनाइटेड) ने पांडे को टिकट देने से इनकार कर दिया, इस कारण वह चुनाव नहीं लड़ पाए. सिंघल ने कहा, ‘मैंने सितंबर में डीजीपी के रूप में कार्यभार संभाला है. जब आप अक्टूबर 2020 के अपराध ग्राफ की तुलना अक्टूबर 2019 से करते हैं और पिछले वर्ष के साथ अन्य महीनों की समान अवधि के दौरान करते हैं, तो अपराध का ग्राफ कम है.’
सिंघल ने मीडिया से पूछा, ‘आप 2019 के अपराध डेटा को क्यों नहीं दिखाते, जब विभाग ने कहीं अधिक आपराधिक मामले दर्ज किए थे?’ सिंघल को तब से आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है, जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने सार्वजनिक रूप से उनसे फोन पर संपर्क किया और मीडिया के सवालों के जवाब देने का निर्देश दिया.
मुख्यमंत्री को वर्तमान डीजीपी और अन्य पुलिस अधिकारियों के बारे में शिकायतें मिलीं कि ये जनता का सामना करने से बच रहे हैं. राजद नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav), बिहार कांग्रेस के प्रमुख मदन मोहन झा, जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) के नेता पप्पू यादव और अन्य विपक्षी नेताओं ने संबंधित विभागों में नौकरशाहों के एकाधिकार की ओर इशारा करते हुए आरोप लगाया कि इन्होंने आम लोगों की अनदेखी की और जनप्रतिनिधियों के फोन का जवाब भी नहीं दिया.
बिहार के डीजीपी ने बताया कि अक्टूबर 2020 तक कुल अपराध के मामले 2,14,968 हैं जो 2019 की तुलना में कम है जब उसी अवधि के दौरान विभाग ने 2,27,604 अपराध दर्ज किए गए थे. 2019 की तुलना में 2020 में हत्या जैसे जघन्य अपराध अभी भी अधिक हैं.
(इनपुट-आईएएनएस)
BIHAR
नीतीश के ‘निश्चय’ को मुखिया लगा रहे पलीता, ठेकेदार-सुपरवाइजर के साथ मिलकर बहाई जा रही भ्रष्टाचार की गंगा, देखें घोटाला करने वाले मुखिया की लिस्ट

बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सात निश्चयों में से एक निश्चय को घोटालेबाजों की नजर लग गई है। ये योजना हर घर नल का जल है जिसमें जमकर माल बटोरा गया है। इस योजना में भ्रष्टाचार की गंगोत्री बहाने के आरोप में अब तक 350 से ज्यादा मुखिया पर FIR दर्ज हुई है। सरकारी बाबुओं पर भी इस मामले में एक्शन हुआ है।
मुखिया के अलावा ठेकेदार, सुपरवाइजर और पंचायत सचिव भी घपले में शामिल
ये फेहरिस्त बहुत लंबी है। राज्य में सिर्फ नल जल योजना में घपले को लेकर अब तक 373 मुखिया, 45 ठेकेदार ,62 सुपरवाइजर, 32 पंचायत सचिव पर FIR दर्ज कराई जा चुकी है। इन पर आरोप है कि योजना के बजाए इन्होंने अपनी जेब भरने पर ध्यान दिया। काम में गुणवत्ता से लेकर हर मोर्चे पर घपला हुआ। क्या मुखिया, क्या ठेकेदार… जो जितना पैसा अपनी जेब में भर सकता था, उसने उतना भर लिया। लेकिन घोटाले का घड़ा जल्दी ही फूट गया जब इसकी शिकायतें आने लगीं।
RTI से हुआ खुलासा
बिहार के जानेमाने आरटीआई एक्टिविस्ट शिवप्रकाश राय ने जब नल जल योजना से जुड़ी जानकारी मांगी तब ये खुलासा हुआ। पता चला कि ज्यादातर मुखिया पर कमीशनखोरी से लेकर प्रोजेक्ट को पूरा कराने में लेट-लतीफी बरतने, काम की खराब गुणवत्ता जैसे गंभीर आरोप थे। जब इसकी जांच हुई तो आरोप सही पाए गए। इसके बाद अब सरकार की तरफ से दोषी पाए गए सभी मुखिया को पद मुक्त करने की कार्रवाई की जाएगी। साथ ही प्रोजेक्ट की निगरानी में चूक या लापरवाही बरतने वाले अफसरों पर भी कार्रवाई होनी तय है। तेरह प्रखंड विकास पदाधिकारी और 10 पंचायत राज पदाधिकारी से इस बारे में लिखित सफाई मांगी गई है।
देख लीजिए घोटाला करने वाले मुखिया की लिस्ट
जिन जिलों में मुखिया पर प्राथमिकी हुई है उसमें पटना में 12,औरंगाबाद में 9, नालंदा में 6, जहानाबाद में 19, मुजफ्फरपुर में 16, गया में 17, भागलपुर में 13, मधुबनी में 22, दरभंगा में 13, सहरसा में 16, बांका में 17 ,रोहतास में 15, पूर्वी चंपारण में 12, पश्चिम चंपारण में नौ, सिवान में 9, सारण में 5, मुंगेर में 19, समस्तीपुर में 13, सुपौल में 11, मधेपुरा में 17 ,पूर्णिया में 12, भोजपुर में 8, गोपालगंज में 12, वैशाली में 17, सीतामढ़ी में 12 मुखिया शामिल हैं।
गड़बड़ी मिलने के बाद मुख्य सचिव ने जारी किया आदेळ
‘हर घर नल का जल’ योजना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सात निश्चयों में से एक और उनके ड्रीम प्रोजेक्ट तक में शामिल है। चुनाव हों या फिर कोई भी मौका, सीएम नीतीश इसकी चर्चा हमेशा करते हैं। अब इसी में गड़बड़ी के मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्य सचिव दीपक कुमार ने सभी जिलाधिकारियों को प्रोजेक्ट में पूरी पारदर्शिता लाने और निगरानी बढ़ाने का आदेश दिया है।
मुख्यमंत्री नीतीश तक के गृह जिले में हुआ घपला!
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा के सिलाव प्रखंड के पाकी गांव में सात निश्चय योजना से बनाई गई पानी टंकी टावर सहित 24 घंटे के अंदर जमींदोज हो गई। स्थानीय लोगों की माने तो इस पानी टंकी का निर्माण काफी दिनों से कराया जा रहा था। इसी सोमवार को इसके ऊपर पानी की टंकी रखी गई और सुबह में जैसे ही इस में पानी भरना शुरू किया गया तो अचानक टंकी समेत टावर टूट कर गिर गया । इससे आसपास के लोगों में हड़कंप मच गया। इस मामले में पंचायत की मुखिया कांति देवी ने बताया कि उन्होंने राशि की भुगतान कर दिया गया है । उन्होंने बताया कि वार्ड संख्या 11 में 18 लाख की लागत से नल जल योजना काम कराया जा रहा था। मगर काम में अनियमितता बरती गई जिसके कारण यह हादसा हुआ । उन्होंने सीधे-सीधे वार्ड सदस्य वार्ड सचिव पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। इस मामले में सिलाव के प्रखंड विकास पदाधिकारी डॉक्टर अंजनी कुमार ने कहा कि मामले की जांच की जाएगी । जो भी दोषी होंगे उनपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
Input: NBT Hindi
MUZAFFARPUR
राम काज करिबे को आतुर : मंदिर निर्माण के लिए श्रीराम मय हुआ मुजफ्फरपुर

श्रीराम मंदिर के निर्माण को लेकर निधि समर्पण अभियान तेज हो गया है। रविवार को इसे लेकर महानगर के 11 नगरों के विभिन्न स्थानों से पहुंचे रामभक्तों का जत्था मोटरसाइकिल से मुजफ्फरपुर क्लब पहुंचा। यहां से मोटरसाइकिल रैली शुरू होकर जूरन छपरा, इमलीचट्टी, माड़ीपुर ओवरब्रिज होते हुए छाता चौक, कलमबाग चौक, मिठनपुरा, पानी टंकी चौक, बनारस बैंक चौक, दुर्गास्थान मंदिर, गरीबस्थान मंदिर, सरैयागंज टावर होते हुए पुन: मुजफ्फरपुर क्लब में समाप्त हुआ। बाइक पर जय श्री राम रचित झंडा और सबों के गर्दन और माथे पर भगवा पट्टियां थी। रैली के दौरान जय श्री राम का नारा गूंजता रहा।
महानगर अभियान प्रमुख कृष्ण मुरारी भरतिया ने कहा कि निधि समर्पण जागरूकता को लेकर यह बाइक रैली निकाली गई है। अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचने को लेकर कई कार्यक्रम चलाए जाएंगे। कोई भी व्यक्ति श्रीराम मंदिर निर्माण से ना चूके इसे लेकर अभियान चलाया जा रहा है। यह 27 फरवरी तक चलेगा। प्रचार प्रमुख प्रभात कुमार ने बताया कि महानगर के 104 बस्तियों के अंतर्गत सैकड़ों गली प्रमुख बनाए गए हैं। जो अभियान को गति देंगे।
रैली मे सह अभियान प्रमुख प्रेम कुमार सर्राफ, हिसाब प्रमुख जगन्नाथ प्रसाद, अनीष कुमार, अभिषेक आनंद सन्नी, पंडित अभिषेक पाठक, वैभव मिश्रा, विकास चौधरी, सूतापट्टी नगर अभियान प्रमुख सुकेश प्रकाश, अरुण ओझा, हरिओम कुमार, रंजन कुमार, मनोज कुमार मुन्ना, अशोक शर्मा, सुरज कुमार गुप्ता, रंजीत कुमार, रंजन तिवारी, दिनेश प्रसाद, मनीष कुमार सिंह, नचिकेता पांडे, महनीष कुमार, अमित रंजन, साकेत शुभम, परितोष सिंह, योगेश कुमार टिंकू, अमरेश कुमार विपुल, प्रदुयमण राणा समेत सैकड़ों रामभक्त शामिल हुए।वहीं हिंदू रक्षा सेना के तत्वाधान में रामदयालु स्थित मुक्तिनाथ मंदिर से भव्य मोटरसाइकिल रैली निकाली गई।
यह कच्ची-पक्की, शेरपुर, अतरदह, ओरिएंट क्लब होते हुए मुजफ्फरपुर क्लब पहुंचे। इसमें मुख्य रूप से हिंदू रक्षा सेना के संयोजक राकेश पटेल, सुनील पाठक संजय सिन्हा समेत बड़ी संख्या में राम भक्त शामिल थे।
Input: Dainik Jagran
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