शाही लीची की तुड़ाई के समय में लगातार हो रही बारिश किसानों के साथ व्यापारियों को भी परेशान कर रही है। लॉकडाउन के कारण किसान-व्यापारी पहले ही चिंतित थे। अब तूफान के कारण 4 दिनों तक बारिश काे लेकर जारी अलर्ट ने किसानाें की परेशानी और बढ़ा दी है। मंगलवार को रिमझिम बारिश के बाद भी किसान लीची के खराब होने की आशंका को देखते हुए तिरपाल लगाकर लीची को तोड़ते रहे। मौसम विभाग के अनुसार, अगले 4 दिनों तक बारिश की आशंका है। किसान भूषण भोलानाथ झा ने बताया कि लगातार दूसरे वर्ष लीची उत्पादक किसानों को बड़ी क्षति उठानी पड़ी है।

सही तापमान नहीं मिलने से लीची का साइज छोटा है। अब तक मिठास नहीं आई है। बारिश के कारण जल्द से जल्द फल तोड़ना मजबूरी है जिससे किसानों को भारी क्षति हो सकती है। व्यापारी मो. निजाम ने बताया, बारिश के कारण फल में कीड़े लग सकते हैं। अब दवा का छिड़काव संभव नहीं है, इसलिए जल्द से जल्द तोड़ना ही विकल्प है। बारिश में भींगे फल काे लकड़ी व कूट के डिब्बे में पैक करना भी मुश्किल हो रहा है।

इधर, ट्रेनों से रिका‌ॅर्ड 1313 क्विं. लीची बाहर जा चुकी

इस बार रेल, सड़क व हवाई तीनाें मार्गाें से लीची बाहर भेजने का स्राेत मिलने पर किसान-व्यापारियाें नें काफी उत्साह दिखाया है। अब तक सिर्फ ट्रेनाें से रिका‌ॅर्ड 1313 क्विंटल लीची बाहर जा चुकी है। प्रतिदिन करीब 240 क्विंटल ट्रेनाें से, 200 टन ट्रकाें से व पटना एयरपाेर्ट से भी भेजी जा रही है। सोनपुर के मंडल रेल प्रबंधक अनिल गुप्ता व वरीय मंडल वाणिज्य प्रबंधक चंद्रशेखर प्रसाद के सहयाेग से किसान-व्यापारियाें के साथ-साथ रेलवे काे भी पर्याप्त फायदा हुअा है। 9 मई से अब तक रेलवे काे 5 लाख 67 हजार 497 रुपए की आय हुई।

मंडल रेल प्रबंधक ने बताया कि 3 साल बाद डिमांड पार्सल वैन से लोकमान्य तिलक के लिए लीची भेजी जा रही है। वरीय मंडल वाणिज्य प्रबंधक ने कहा कि इससे प्रेरित होकर अब बड़ी संख्या में व्यापारी रेलवे से फल बाहर भेजने के प्रति उत्साहित हैं। बिहार लीची उत्पादक संघ अध्यक्ष बच्चा प्रसाद सिंह व अनिल त्रिपाठी ने बताया कि पवन एक्सप्रेस से 1400 पेटी मुंबई समेत 40 ट्रक लीची मंगलवार को बाहर भेजी गई।

Input: dainik bhaskar

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