BIHAR
राबड़ी देवी का CM नीतीश को जवाब- लालू जी का शुक्रगुजार रहें कि आपको राजनीतिक जीवनदान दिया

नई सरकार के गठन के बाद बिहार विधानमंडल का पहला सत्र काफी हंगामेदार रहा. इस दौरान कई वजहों से व्यक्तिगत टिप्पणियां भी की गई जिस पर काफी बवाल मचा. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने जब सीएम नीतीश कुमार पर आपत्तिजनक टिप्पणी की तो इस पर सियासत हुई. इस पर बयानबाजियों का सिलसिला अब भी लगातार जारी है और अब इसी क्रम में अब राबड़ी देवी ने सीएम नीतीश कुमार को उस बात की याद दिलाई है जब वर्ष 2015 में 80 सीटें होने के बावजूद महागठबंधन ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया था.
पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए ट्वीट में लिखा, नीतीश कुमार कुतर्कों के योद्धा बन गए हैं. कह रहे तेजस्वी को उपमुख्यमंत्री बनाया. इनमें लोकलाज बची ही नहीं, बताइए सबसे बड़ी पार्टी और 80 विधायकों के नेता को उपमुख्यमंत्री बना नीतीश ने कौन सा अहसान कर दिया? शुक्रगुज़ार आपको लालू जी का होना चाहिए जो आपको राजनीतिक जीवनदान प्रदान किया.
नीतीश कुमार कुतर्कों के योद्धा बन गए है। कह रहे तेजस्वी को उपमुख्यमंत्री बनाया। इनमें लोकलाज बची ही नहीं, बताइए सबसे बड़ी पार्टी और 80 विधायकों के नेता को उपमुख्यमंत्री बना नीतीश ने कौन सा अहसान कर दिया? शुक्रगुज़ार आपको लालू जी का होना चाहिए जो आपको राजनीतिक जीवनदान प्रदान किया।
— Rabri Devi (@RabriDeviRJD) November 28, 2020
बता दें कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की टिप्पणी से आहत होते हुए मुख्यमंत्री ने गुस्से में सदन में खड़े होकर कहा था कि कि ये (तेजस्वी यादव ) मेरे भाई समान दोस्त (लालू यादव) का बेटा है इसलिए हम सुनते रहते हैं, हम कुछ नहीं बोलते हैं, बर्दाश्त करते रहते हैं. इसके पिता को लोकदल में विधायक दल का नेता किसने बनाया था, इसको मालूम नहीं है. मगर ये सारी बात एक-एक लोग जानते हैं.
नीतीश ने आक्रोश में पूछा, इसे (तेजस्वी यादव) डिप्टी सीएम किसने बनाया था? यह चार्जसीटेड है, इसपर अब कार्यवाही होगी. यह झूठ बोल रहा है. हमने कहा था – जवाब दे दो तो यह आगे नहीं आया. इसपर हम महागठबंधन से अलग हो गए. नीतीश कुमार ने थोड़ी देर बाद शांत होते हुए कहा कि आगे बढ़ना है तो मर्यादा में रहना सीखना होगा.
हालांकि सीएम नीतीश कुमार की बातों का तेजस्वी यादव पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा और वे अपनी बात पर अडिग रहे. उन्होंने कहा कि हमने सीएम नीतीश की कही गई बातों का ही जवाब दिया है. गौरतलब है कि तेजस्वी यादव ने यह भी कहा था कि 1991 में सीएम नीतीश पर हत्या का मुकदमा चला जिसे बिना किसी पूछताछ के रफा-दफा कर दिया गया. कंटेंट चोरी के मामले में मुख्यमंत्री रहते 25000 का जुर्माना भरना पड़ा.
तेजस्वी ने सृजन घोटाले की भी चर्चा की और एनडीए के विधायकों की ओर इशारा करते हुए कहा था कि यह डरे हुए चोर और बेईमान लोग हैं. उस समय सदन में सीएम नीतीश कुमार भी मौजूद थे. तेजस्वी ने सीएम नीतीश की संतान को लेकर भी टिप्पणी की और कहा कि उन्होंने दूसरा बच्चा इसलिए पैदा नहीं किया क्योंकि उन्हें बेटी होने का डर था.
Source : News18
MUZAFFARPUR
मुजफ्फरपुर में रोनोजीत के हत्यारे को फांसी देने की मांग लेकर नगर विधायक व हजारों की संख्या में निकाला गया कैंडल मार्च

मुज़फ़्फ़रपुर जिले के ही करजा थाना क्षेत्र स्थित पकरी गांव में बीते दिनों पुलिसिया कार्रवाई से बेखौफ होकर जिम संचालक रोनोजीत उर्फ जॉन की हत्या कर दिया गया, जिस घटना को लेकर आज हत्यारे को फांसी देने की मांग को लेकर सैकड़ों की संख्या में युवाओं ने खुदीराम बोस स्मारक स्थल से सरैयागंज टावर, कल्याणी चौक होते हुए मोतीझील ओवर ब्रिज पर लाकर समापन किया।
वही इस कैंडल मार्च मे लग रहे नारो को बुलंद करने के लिए शामिल हुए मुज़फ़्फ़रपुर के नगर विधायक विजेंद्र चौधरी और पत्रकारों से वार्तालाप करते हुए बताया कि रोनोजीत उर्फ जॉन बहुत ही अच्छे व्यक्ति थे जिनकी हत्या कर दी गई, जिसके हत्यारे को फाँसी दिया जाए
और उनकी जिले में अच्छी जगह पर प्रतिमा लगाया जाए,
साथ ही साथ उनके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी दिया जाए
वही इस कार्यक्रम में शामिल रहे कार्यक्रम के नेतृत्व कर्ता दीपक कुमार एवं रितेश कुमार पासवान, सोनू कुमार, छात्र राजद के प्रधान महासचिव चंदन यादव, युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष मोहम्मद सद्दाम हुसैन, छात्र राजद नेता प्रिंस मंसूरी समेत अन्य सैकड़ों युवा।
बाइट विजेन्द्र चौधरी विधायक नगर मुज़फ़्फ़रपुर
BIHAR
शिक्षक अभ्यर्थियों से मिले तेजस्वी, पुलिस लाठीचार्ज की बात सुन सीधे डीजीपी को लगा दिया फोन

पटना के इको पार्क में इकट्ठा हुए शिक्षक अभ्यर्थियों से तेजस्वी यादव ने मुलाकात की. गर्दनीबाग धरना स्थल से पुलिस ने इन्हें पीट पीटकर भगा दिया था. पुलिस की लाठी चार्ज में दर्जनों अभ्यर्थी घायल हो गए हैं. जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. पुलिसिया लाठीचार्ज में घायल अभ्यर्थियों ने तेजस्वी को पूरी बात बतायी.
नेता प्रतिपक्ष ने सभी अभ्यर्थियों की बातों को बड़े ही गौर से सुना. एक दिव्यांग की ओर से इशारा करते हुए कहा कि ‘का हो तोहरो मार पड़ल बा’ अगर मेरी सरकार होती 10 लाख लोगों को रोजगार दे दिया गया होता. उनकी इस बात पर अभ्यर्थियों ने हामी भरते हुए कहा कि अब आप ही से हम लोगों को उम्मीद है.
मौके से ही तेजस्वी ने डीजीपी और एसएसपी और डीएम को फोन लगाया. उन्होंने डीजीपी से बात कर पूरे मामले की जानकारी दी, साथ ही दोषी पुलिसवालों पर कार्रवाई करने की मांग की. वहीं डीएम और एसएसपी से भी बात करते हुए अभ्यर्थियों की मांग पर गौर करने का निर्देश दिया.
अभ्यर्थियों की बातों को सुनने के बाद उन्होंंने नीतीश सरकार को जनविरोधी करार देते हुए कहा कि इस सरकार से सभी वर्ग के लोग नाखुश है. अगर कोई अपनी बातों को शांति ढंग से सरकार तक पहुंचाना चाहता है तो उसपर लाठियां बरसायी जाती है. यह सरकार निरकुंश हो गयी है.
बता दें कि मंगलवार को पटना के गर्दनीबाग में धरने पर बैठे शिक्षक अभ्यर्थियों को पुलिस ने खदेड़ खदेड़ कर पीटा. जबरन उन्हें धरना स्थल से खदेड़ दिया गया. पुलिस की इस बर्बरतापूर्ण कार्रवाई में कई अभ्यर्थी बुरी तरह से घायल हो गए हैं. घायलों में महिला और पुरूष अभ्यर्थी शामिल है. सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
Input: Live Cities
BIHAR
बिहार में पंचायत चुनाव से पहले मुखिया सरपंच को आयोग का झटका! जानें राज्य आयोग का फैसला

बिहार में पंचायत चुनाव के ऐलान से पहले राज्य में मुखिया और सरपंच को बड़ा झटका लगा है. राज्य आयोग ने मतदान केंद्रों की सूची बनाने को लेकर अधिसूचना जारी की है. अधिसूचना में कहा गया है कि सभी मतदान केंद्र की सूची और निरीक्षण करने का जिम्मा प्रखंड विकास पदाधिकारी का होगा. मतदान केंद्रों का फाइनल लिस्ट आयोग के सहमति से ही प्रकाशित किया जा सकता है.
राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक बिहार में अप्रैल और मई में पंचायत चुनाव हो सकता है. चुनाव से पहले सभी जिले में अधिकृत अधिकारियों को मतदान केंद्र का जायजा लेना है. अधिकारी मतदान केंद्र की लिस्ट जिला निर्वाचन पदाधिकारी को सौंपेंगे, जिसे आयोग की सहमति से प्रकाशित किया जा सकता है.
नोटिफिकेशन में बताया गया है कि वर्तमान मुखिया के घर से 100 मीटर की दूरी पर केंद्र नहीं बनाया जा सकता है. ऐसा होने पर अधिकृत अधिकारी जिम्मेदार होंगे. बिहार में होली के बाद कभी भी पंचायत इलेक्शन का ऐलान किया जा सकता है.
वहीं बिहार निर्वाचन आयोग के निर्देश के बाद सूबे की सभी 8387 ग्राम पंचायतों में मतदाता सूची के ड्राफ्ट का प्रकाशन मंगलवार को कर दिया जायेगा. राज्य निर्वाचन आयोग ने सोमवार को सभी जिलाधिकारियों के साथ मतदाता सूची के प्रारूप प्रकाशन को लेकर बातचीत की. साथ ही जिन जिलों में मतदाता सूची के प्रकाशन में किसी तरह की परेशानी थी, तो उसे दूर करा दिया है.
Input: Prabhat Khabar
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