भारतीय पायलट विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान इन दिनों मेडिकल चैकअप की प्रोसेस से गुजर रहे हैं। इसके बाद उनसे पूछताछ का लंबा दौर भी चलेगा। अभिनंदन ने बीते बुधवार यानी 27 दिसंबर को एलओसी के पास पाकिस्तानी फाइटर जेट एफ-16 मार गिराया था। लेकिन उनका मिग-21 भी क्रैश होकर एलओसी पार करते हुए पीओके में चला गया था। जहां उन्हें पाकिस्तान आर्मी ने हिरासत में ले लिया था। आज एयरचीफ मार्शल बीएस धनोवा से मीडिया कॉन्फ्रेंस में पूछा गया कि आखिर क्या वजह थी कि पाकिस्तान के एफ-16 से लड़ने के लिए मिग-21 उतार दिए गए। इस पर धनोवा ने बताया कि अभिनंदन को जो उस समय उपलब्ध फाइटर जेट मिला, वो उसे ही उड़ाकर एफ-16 को भारतीय सीमा से खदेड़ने चले गए। अब एफ-16 को मिग-21 से गिराने के लिए दुनियाभर में विंग कमांडर अभिनंदन की तारीफ हो रही है। दरअसल, एफ-16 अमेरिकन मेड अत्याधुनिक फाइटर जेट है, जबकि मिग-21 रूस में बने 60 साल पुराने विमान हैं। ऐसे में अभिनंदन की तारीफ होना लाजिमी है।
दुनियाभर में हो रही है अभिनंदन की तारीफ
– भारत ने इसे अपने करीबन पुराने फाइटर जेट MiG-21 से टक्कर दी थी। इसका इस्तेमाल इंडियन एयरफोर्स ने 1970 के दशक में शुरू किया था। ऐसे में जेट के एक्सपर्ट्स के बीच चर्चा का विषय बन गई है। अब इस बारे में खुद रूस के प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान ने रूस टुडे ने एक अहम जानकारी जारी की है।
– रिपोर्ट में कहा गया कि ये कहना ठीक नहीं होगा कि कोई मिग 21 ने एफ-16 को मार गिराया है। बल्कि ये कहना ज्यादा उचित है कि मिग 21 से एफ-16 को मार गिराने में ज्यादा अहम भूमिका मिग 21 में सवार पायलट की होगी।
एडवांस टेक्नोलॉजी से लैस है PAF का एफ-16
– रूस एयरफोर्स में कर्नल पद से रिटायर और डिफेंस एक्सपर्ट्स मिखाईल खोदारनोक के मुताबिक, “ये दोनों विमान एक-दूसरे से एकदम अलग हैं। बल्कि दोनों दो अलग-अलग जेनरेशन के विमान हैं। हालांकि इसका आशय ये नहीं कि मिग-21 और एफ-16 का सामना करने के लायक नहीं है। पाकिस्तानी एयरफोर्स के एफ-16 ज्यादा एडवांस तकनीकी से लैस हैं।
– जानकारी के अनुसार MiG थर्ड जेनरेशन के सुपरसोनिक जेट-फाइटर और इंस्पेक्टर एयरक्राफ्ट हैं। सोवियत की मिलिट्री ने इसे करीबन साल 1959 में लॉन्च किया था। जबकि F-16 फोर्थ जेनरेशन का सुपरसोनिक मल्टीरोल फाइटर है. यह मिग विमानों के आने के करीब दो दशक बाद अमेरिकी वायुसेना ने इसका प्रयोग शुरू किया था। रूस रक्षा विशेषज्ञ कहते हैं, “इसमें कोई दो राय नहीं कि एफ-16 की मारक क्षमता मिग-21 की तुलना में कहीं ज्यादा है। तुलना की जाए तो एफ-16 में कई ऐसी विशेषताएं हैं, जो मिग से कहीं बेहतर हैं. इनमें कॉम्बैट रेडियस की बात करें तो एफ 16 की रेंज 547 किलोमीटर है जबकि मिग 21 की महज 370 किलोमीटर है।
एक साथ 8 निशाने लगा सकता है मिग-21
– इसके स्पेयर और रडार सिस्टम इतने संवेदनशील हैं कि दुश्मन के विमान की 57 किलोमीटर दूर से ही पता लगा सकते हैं. जबकि सामने लगा रीयर भी 30 किलोमीटर दूर से दुश्मन की स्थिति का पता चलगा सकता है। रूस टुडे के मुताबिक, “मिग 21 एक साथ 8 निशाने पर प्रहार कर सकता है। यही नहीं इसमें एक बार निशाना साधने के बाद ऑटॉमैटिक दुश्मन के विमानों को पहचानकर उसकी बदलती स्थिति के अनुसार उस पर हमला बोल सकता है।
– मिग 21 बिसन मिडियम रेंज के आर-77 का एयर टू एयर सेल्फ गाइडेड मिसाइल से लैस लड़ाकू विमान है। यह तकनीक हवा में 110 किलोमीटर दूर के निशाने को भेदने में भी सक्षम है। जबकि इसकी स्पीड 4250 किलोमीटर प्रति घंटा होती है. जबकि लॉन्च होने के बाद इसका वजन करीबन 22 किलोग्राम होता है।
रक्षा विशेषज्ञ ने कहा, “ऐसे में रूस निर्मित मिग 21-93, अमेरिका निर्मित लड़ाकू विमान एफ 16 को ना केवल टक्कर दे सकता है, बल्कि निश्चित तौर पर यह उसे गिरा भी सकता है। लेकिन सच्चाई यही कि इसका सर्वोत्तम प्रदर्शन तब देखने को मिलेगा जब इसके कॉकपिट में एक सर्वोत्तम पायलट बैठा हो।”
रूसी विशेषज्ञ के मान्यतानुसार देखें तो पाकिस्तान के एफ 16 को गिराने में इंडियन एयरफोर्स के लड़ाकू विमान से कहीं ज्यादा अहम भूमिका बहादुर पायलट विंग कमांडर अभिनंदन की है।
Input : Dainik Bhaskar