नई दिल्ली. रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव (Railway Board Chairman Vinod Kumar Yadav) ने शुक्रवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अगले 3-4 साल में रेलवे पैसेंजर ट्रेन और फ्रेट ट्रेन को ऑन डिमांड चलाने में सक्षम होगा. इसका मतलब साफ है कि आम यात्रियों को ट्रेन में सफर करने के लिए वेटिंग टिकट की जरुरत नहीं होगी. जब चाहें तब आसानी से ट्रेन में सफर किया जा सकेगा. विनोद कुमार यादव ने बताया कि साल 2023 तक उत्तर पूर्वी राज्यों की सभी राजधानियों के रेलवे नेटवर्क से जुड़ने की उम्मीद. दिसंबर 2022 तक कटरा से बनिहाल तक अंतिम स्ट्रैच भी पूरा होने की उम्मीद है.

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सबसे पहले इन रूट पर कन्फर्म टिकट देने की तैयारी- रेल यात्रियों को दिल्ली -मुंबई रूट पर सबसे पहले कन्फर्म टिकट मिलेगी. इसको लेकर ने पूरी तैयारी कर ली है. इसके बाद दिल्ली-कोलकाता रूट पर ट्रेन टिकट के कन्फर्म होने का इंतजार नहीं करना होगा. क्योंकि रेलवे ने इस रूट पर चलने वाली मालगाड़ियों के लिए अलग से ट्रैक बना रही है. अगले 2 साल में इसके पूरा होने की उम्मीद है. लिहाजा इस रूट पर आसानी से ट्रेन टिक मिल सकेगी.

ट्रेन की स्पीड बढ़ाकर भी मिलेगी राहत- भारत में दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा रेल रूट पर सबसे ज्यादा ट्रेनों की भीड़ रहती है, जिसके कारण इन दोनों रूट्स पर चलने वाली ट्रेनें लगातार लेट होती रहती हैं. इसके कारण सबसे ज्यादा परेशानी यात्रियों को होती है. इसीलिए इन रूट्स पर चलने वाली ट्रेनों की स्पीड बढ़ने वाली है.

अगले 9 महीने के अंदर दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा के ट्रैक पर चलने वाली सभी ट्रेनें 130 किलोमीटर की स्पीड से दौड़ने लगेंगी. पूरे ट्रैक पर एक ही स्पीड होने के कारण यात्री पहले से कम समय में अपनी मंजिल तक पहुंच सकेंगे.

जब दिल्ली-मुंबई रूट पर 160 किलोमीटर की रफ्तार से ट्रेन दौड़ेगी, तो करीब साढ़े तीन घंटे के समय की बचत होगी. दिल्ली-हावड़ा रूट पर करीब 5 घंटे का समय बचेगा. रेलवे बोर्ड के मुताबिक इन रूटों पर ट्रैक, सिग्नलिंग और कम्युनिकेशन में जो कमियां थी उन्हें दूर किया जा रहा है.

(दिपाली नंदा, CNBC आवाज़)

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