शहर में प्रदूषण गंभीर स्तर पर पहुंच गया है। नेशनल एयर क्वालिटी इंडेक्स एक्यूआई औसत 362, जबकि अधिकतम 467 आंका गया, जो गंभीर श्रेणी को दर्शाता है। इंडेक्स का आखिरी लेवल 500 है। दीपावली के एक दिन पहले एक्यूआई 278 दर्ज किया गया था। यानी, 24 घंटे में हवा की क्वालिटी खराब से गंभीर स्तर पर पहुंच गई।

यह इस साल प्रदूषण के रिकॉर्ड लेवल पर है। हालात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रविवार की सुबह तक शहर धुंध की चादर में लिपटी रहा। बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए एनजीटी ने पटाखे की बिक्री पर पाबंदी लगा दी थी, लेकिन फिर भी इसका असर नहीं दिखा। आधी रात बाद तक जमकर हुई आतिशबाजी ने ऐसा जहर घोला कि हवा दमघोंटू हो गई। हवा में पीएम 2.5 सबसे ज्यादा बढ़ गया है। अन्य पोल्लुटेंट की मात्रा भी तेजी से बढ़ी है। प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के मुताबिक, दीपावली और इसके बाद प्रदूषण बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच गया। स्थिति भयावह हो गई है। हवा की गति धीमी होने से प्रदूषण की स्थिति और बुरी हो गई है। इससे प्रदूषक तत्व एक ही जगह इकट्ठा हो रहे हैं, जो बेहद चिंताजनक है। लोगों को भी जागरूक होना होगा।

स्थिति भयावह होने के बाद भी सुधार के लिए कोई पहल नहीं

मार्च के बाद लॉकडाउन होने से एयर क्वालिटी काफी स्वच्छ हो गई थी। एक्यूआई 35 से 45 के बीच हाे गया था। सितंबर तक यह स्थिति रही, लेकिन फिर भयावह हो गई है। फिर भी सुधार के लिए पहल नहीं हो रही है। जिला प्रशासन से लेकर नगर निगम तक आंख मूंदे है।

धुएं से आंखों में काफी जलन लोगों का दम फूलने लगा

खतरनाक स्तर पर प्रदूषण के कारण बुजुर्ग और बीमार लोगों का दम फूलने लगा है। कल्याणी चौक निवासी संजय झा ने कहा, आतिशबाजी के चलते आंखों में जलन होने लगी है। बच्चे भी सुबह जलन की बात कह रहे थे।

Source : Dainik Bhaskar

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