मुजफ्फरपुर : शहर के विकास कार्यो को गति दी जाएगी। लंबित विकास योजनाएं पूरी होंगी। जर्जर सड़कों के निर्माण की निविदा का शीघ्र निष्पादन किया जाएगा। स्मार्ट सिटी परियोजनाओं के काम को शीघ्र शुरू कराया जाएगा। दीपावली एवं छठ पर्व पर शहर के साथ-साथ घाटों की साफ-सफाई होगी। विधानसभा चुनाव जीतने के दूसरे दिन ही विजेंद्र चौधरी निगम कार्यालय पहुंचे और महापौर सुरेश कुमार, उपमहापौर मानमर्दन शुक्ला, नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय एवं वार्ड पार्षदों के साथ बैठक की। बैठक के बाद उन्होंने उक्त बातें कहीं। उन्होंने बिना किसी भेदभाव के सभी के सहयोग से शहर के विकास के सपने को साकार करने की बात कही। जलापूर्ति एवं अन्य लंबित योजनाओं को पूरा करने के लिए सबसे सहयोग मांगा। कहा कि जनता ने जिस पीड़ा से मुक्ति के दिलाने के लिए उनको अपना समर्थन दिया उसे वह पूरा करेंगे। महापौर, उपमहापौर ने भी विजेंद्र चौधरी को जीत की बधाई दी और हर तरह के सहयोग का आश्वासन दिया। बैठक में वार्ड पार्षद राकेश कुमार सिन्हा उर्फ पप्पू, राजीव कुमार सिन्हा उर्फ पंकू, एनामुल हक, सुनीता भारती, रतन शर्मा, पवन राम समेत एक दर्जन पार्षद मौजूद रहे। उन्होंने नगर आयुक्त से स्मार्ट सिटी परियोजनाओं पर भी तेजी से काम कराने को कहा। निगम से निकल विजेंद्र चौधरी ने जवाहर लाल रोड एवं क्लब रोड का पैदल भ्रमण किया। इस दौरान लोगों से मिलकर जर्जर सड़कों से मुक्ति दिलाने का वादा किया। पथ निर्माण विभाग एवं बुडको के कार्यपालक अभियंता से बात कर सड़क निर्माण की निविदा का शीघ्र निष्पादन करने को कहा। कहा कि विकास कार्यो में कोताही किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं होगी।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मिलने पहुंचे : तिलक मैदान स्थित जिला कांग्रेस कार्यालय पहुंच विजेंद्र ने जिलाध्यक्ष अर¨वद कुमार मुकुल एवं कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। कहा कि शहरवासियों ने न सिर्फ उनको बल्कि पार्टी को भी विकास का जिम्मा सौंपा है। इसलिए पार्टी कार्यकर्ताओं के सहयोग से इस जिम्मेदारी को पूरा किया जाएगा। कार्यालय में जिलाध्यक्ष समेत अन्य नेताओं ने उनका स्वागत किया।
विजेंद्र की जीत से करवट लेगी निगम की राजनीति
विजेंद्र चौधरी की जीत के साथ नगर निगम की राजनीति एक बार फिर करवट लेगी। विजेंद्र चौधरी डेढ़ दशक तक निगम के किंगमेकर रह चुके हैं। सुरेश कुमार शर्मा के विधायक एवं मंत्री बनने के बाद से निगम पर उनका वर्चस्व समाप्त हो गया था। पार्षद कई खेमे में बंट गए थे। लेकिन विजेंद्र को विधायक की कुर्सी मिलते ही निगम की राजनीति में एक बार फिर उनकी पैठ होगी। चुनाव जीतने के दूसरे दिन बुधवार को उनके निगम कार्यालय पहुंचने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि निगम की राजनीति में वे एक बार फिर किंगमेकर की भूमिका में नजर आएंगे। नगर निगम शहर की राजनीति का केंद्र रहा है। जिसका निगम पर कब्जा रहा वह शहर की राजनीति का आका बना। वर्ष 2002 में विधायक रहे विजेंद्र चौधरी ने महापौर एवं उपमहापौर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
Source : Dainik Jagran