देश के शीर्ष प्रदूषित शहरों में मुजफ्फरपुर के शामिल होने मंगलवार को नगर निगम में बैठक हुई। इसमें इसके रोकथाम की दिशा में कई निर्णय लिए गए। कहा गया कि शहर में धूल उड़ाते व कूड़ा जलाते पकड़े जाने पर जुर्माना लगाया जाएगा। मकान बनाने में प्रदूषण काननू के उल्लंघन पर नक्शा रद्द कर दिया जाएगा।
बैठक में इस पर चर्चा करते हुए डिप्टी मेयर मानमर्दन शुक्ला ने कहा कि शहर में प्रदूषण का स्तर दिल्ली, कानपुर, आगरा जैसे शहर को मात दे रहा है और यहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स 455 तक पहुंच जा रहा है। यह बेहद खतरनाक स्थिति है। अगर तत्काल इस पर अकुंश लगाने के लिए निगम सचेत नहीं हुआ तो यह जानलेवा भी हो सकता है। उन्होंने इस संकट को ध्यान में रखकर शहर में नीम के पौधे लगाने का अभियान चलाया। इसे अब व्यापक अभियान बनाने की जरूरत है। पार्षद राजीव कुमार पंकू व पार्षद एनामुल हक ने कहा कि इस प्रदूषण के कारण बच्चों में सांस की बीमारी बढ़ रही है। यही नहीं बड़ी संख्या में लोग चर्म रोग के शिकार हो रहे हैं। अपर नगर आयुक्त विशाल आनंद ने कहा कि इस संकट को गंभीरता से लिया जाएगा। इसके लिए प्रमंडलीय आयुक्त भी काफी गंभीर हैं। प्रभाव से प्रदूषण कानून के तहत दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। बैठक में पार्षद गीता देवी, अजय ओझा, सुनीता भारती, गीता देवी-2, सुरेश कुमार, ओम प्रकाश, अशोक कुमार सिंह, सुशील सिंह थे।
बैठक में ये फैसले लिए गए
न कूड़ा जलाएं, न किसी को जलाने दें। यह निर्देश निगम के सभी अंचल निरीक्षकों दिया जाएगा।
नगर निगम का कोई ट्रैक्टर या अन्य वाहन कूड़े को ढके बिना नहीं चलेगा।
शहर में बालू, मिट्टी, गिट्टी, सीमेंट बिना ढके लाने दंड लगेगा।
बिना ग्रीन कवर किए किसी मकान का निर्माण करते पाया गया तो उनके खिलाफ ईपीए के तहत कार्रवाई होगी। उनका नक्शा भी रद्द हो सकता है।
पूरे शहर को पॉलीथिन मुक्त बनाया जाएगा। इसके लिए सिटी मैनेजर एवं दो टैक्स दारोगा अभियान चलाकर पूरे शहर से पॉलीथिन पर पूर्णत: रोक सुनिश्चित करेंगे। ।
शहर के प्रमुख सड़कों पर जहां धूलकण अधिक मात्रा में जमा होते हैं, वहां रात्रि में पानी का छिड़काव होगा।
नये सभी मकान में सोख्ता का निर्माण करना अब अनिवार्य होगा। ऐसा नहीं करने पर निगम उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करेगा।
जल प्रदूषण को देखते हुए एक सप्ताह के भीतर फूटे पाइप लाइन की मरम्मत करायी जाएगी।
Input : Hindustan