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शिव भक्त थे सुशांत, 29 जून से तैयार थे प्लान, बहन श्वेता ने खोला बड़ा राज

सुशांत सिंह राजपूत मामले (Sushant Singh Rajput Case) में परिवार के एफआईआर और बिहार पुलिस (Bihar Police) की जांच के बाद जो सच्चाई सामने आ रही है, वो चौंका देने वाली हैं. परिवार के आरोपों के बाद बिहार पुलिस मामले की जांच कर रही हैं. वहीं इस केस में आए नए मोड़ के बाद सुशांत की गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती (Rhea Chakraborty) पहली बार सामने आई हैं और सुशांत सिंह राजपूत मामले में बयान दिया है. अपने बयान में रिया चक्रवर्ती ने भगवान और न्याय पर विश्वास जताया है. वहीं, सुशांत की बहन श्वेता सिंह कीर्ति (Shweta Singh Kirti) लगातार सोशल मीडिया (Social Media) पर अपने भाई को इंसाफ दिलाने के लिए गुहार लगा रही हैं. हाल ही में उन्होंने कुछ ऐसे पोस्ट किए, जो फिर ये सोचने पर मजबूर कर रहा है कि इतनी प्लानिंग के बाद वह सुसाइड कैसे कर सकते हैं?
सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की बहन श्वेता सिंह कीर्ति (Shweta Singh Kirti) सोशल मीडिया पर लगातार सुशांत को इंसाफ दिलाने के लिए कुछ न कुछ शेयर कर रही हैं. सोशल मीडिया के जरिए #justiceforsushantsinghrajput कैंपेन चला रही हैं. इसी कड़ी में श्वेता सिंह कीर्ति ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर किया है, जिसमें उन्होंने सुशांत की 29 जून की प्लानिंग (Sushant did planning from 29 June) को दिखाया है. श्वेता सिंह कीर्ति ने एक तस्वीर शेयर की है ये तस्वीर है सुशांत के व्हाइट बोर्ड की. इस पर सुशांत ने अपनी आने वाले दिनों को लेकर प्लान बना रहे थे.
इससे साफ जाहिर हो रहा है सुशांत भविष्य के लिए प्लानिंग कर रहे थी. इसे शेयर करते हुए श्वेता सिंह कीर्ति ने कैप्शन में लिखा, ‘भाई का व्हाइट बोर्ड जहां 29 जून से वो वर्कआउट और मेडिटेशन की प्लानिंग कर रहा था. तो साफ है कि वो आगे की प्लानिंग कर रहा था’.
– जल्दी उठना है और अपना बिस्तर ठीक करना है.- कंटेंट वाली फिल्में और सीरीज देखना.- गिटार सीखना.- वर्कआउट- 29 जून से रोज- मेडिटेशन- 29 जून से रोज- अपने आसपास के एरिया को साफ सुधरा रखना.- सीखना, प्रैक्टिस करना और इसे रीपीट करना.- तुम वो सब चीजें भी कर सकते हो जिसके बारे में तुमने कभी सोचा ही नहीं. जो तुम सोचते हो वो तुम करते हो और जो तुम करते हो वो तुम हो.
वहीं, श्वेता ने एक अन्य पोस्ट शेयर कर इशारा किया कि सुशांत शिव भक्त था. हालांकि सुशांत के कई वीडियोज वायरल हुए उसमें एक वीडियो ऐसे भी था, जिसमें वो दोस्त संग जय जय शिव शंबू गा रहे थे. उसी वीडियो का ग्रैब लेकर बहन ने सत्य के जीतने की कामना की है. कैप्शन ने श्वेता ने लिखा- मैं चाहती हूं कि हर कोई भगवान शिव से प्रार्थना करे. हमें सच्चाई की तरफ लेकर जाया जाए और लड़ने की शक्ति दी जाए.
आपको बता दें कि श्वेता अपने भाई के लिए लगातार अपनी पोस्ट के जरिए न्याय की उम्मीद कर रही हैं. सुशांत के फैन्स भी उनकी बहन का इस मुहिम में पूरा साथ दे रहे हैं. वो भी सोशल मीडिाय के जरिए सुशांत केस में सीबीआई जांच के लिए प्रेशर बना रहे हैं.
Input : News18
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व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम डाउन, यूजर्स को मैसेज भेजने में हो रही परेशानी

शुक्रवार देर रात को व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम और फेसबुक मैसेंजर डाउन हो गया. यूजर को व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम और फेसबुक मैसेंजर्स यूज करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा है. रात के करीब 11 बजे कई व्हाट्सएप यूजर्स ने मैसेज भेजने और रिसीव करने में परेशानी की शिकायत की है.
व्हाट्सऐप डाउन होने की ख़बर तो किसी बड़े भूकंप के आने से भी बड़ी बन जाती है! 🤔#WhatsAppDown
— Umashankar Singh उमाशंकर सिंह (@umashankarsingh) March 19, 2021
हे ऊपरवाले कम से कम एक दिन के लिए बंद रखना। दुनिया को भी पता चले बिना व्हाट्सएप इंस्टाग्राम के जिंदगी कैसी होती है।#whatsappdown
— #आंदोलनजीवी Devashish Jarariya (@jarariya91) March 19, 2021
लोग व्हाट्सएप डाउन पर तो ऐसे राजू रोना कर रहे जैसे बड़ी भीड़ लगी हो इनके व्हाट्सएप में लोग मरे जा रहे हो इनसे बात करने के लिए😹
— How Dare You Isolated Monk ? (@IsolatedMonk) March 19, 2021
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नीतीश कुमार ने मान लीं उपेंद्र कुशवाहा की शर्तें, इसी हफ्ते JDU में हो जाएगा रालोसपा का विलय

पटना. बिहार के सियासत में बहुत जल्द लव कुश समीकरण की बड़ी तस्वीर देखने को मिलेगी, जब नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और उपेन्द्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) एक साथ एक पार्टी के रूप में सामने दिखेंगे. पिछले कुछ महीने से उपेन्द्र कुशवाहा को लेकर JDU लगातार प्रयास कर रहा था और इस प्रयास में JDU के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह, नीतीश कुमार और उपेन्द्र कुशवाहा के बीच कड़ी का काम कर रहे थे.
एक अणे मार्ग स्थित सीएम आवास में वशिष्ठ नारायण सिंह के सहयोग से उपेन्द्र कुशवाहा और नीतीश कुमार के बीच पांच बार मुलाकात हुई है. खबर है कि दो दिन पहले कुशवाहा और नीतीश कुमार की मुलाकात जब हुई तो उस बैठक में भी वशिष्ठ नारायण सिंह मौजूद थे. उसी बैठक में बात लगभग फाइनल हो गई. सूत्र बताते हैं कि कुशवाहा की जो मांगें थीं उसमें से अधिकांश नीतीश कुमार ने मान ली हैं.
राजनीतिक हलके के बीच कुशवाहा और नीतीश कुमार के एक साथ आने की खबर पर तब और मुहर लग गई, जब उपेन्द्र कुशवाहा और वशिष्ठ नारायण सिंह एक साथ IGIMS पहुंचे और कोरोना का टीका लिया. उस वक़्त जब NEWS 18 ने दोनों नेताओं से पूछा कि ये महज़ संयोग है या फिर मज़बूत होते सम्बंध का असर है, इस सवाल पर दोनों नेता मुस्कुराते रहे. कुशवाहा ने बोला कि हमारा सम्बंध दादा से काफी पुराना है और जहां तक बात नीतीश जी की है तो हम अलग कब थे कि साथ होने की बात हो रही है? वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि कुशवाहा जी हमारे पुराने साथी रहे हैं. हमारे साथ बहुत जल्द आ जाएंगे और ये भी मानिए कि आज से ही हमारे साथ आ गए हैं.
सूत्र बताते हैं कि बहुत जल्द यानी 14 या 15 मार्च को JDU और RLSP का विलय हो सकता है. कुशवाहा की जो मांगें थीं यानीं उनके सहयोगियों का बेहतर सामंजस्य हो जाए और उनकी भूमिका क्या होगी, इन तमाम सवालों का जवाब नीतीश कुमार ने दे दिया है. और अब दोनों दलों का एक होना महज औपचारिकता ही शेष है.
Source : News18
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बंगाल चुनाव में भाजपा के लिए फायदेमंद हैं मिथुन चक्रवर्ती, जानें सियासी गुणा-गणित

अभिनेता से नेता बने मिथुन चक्रवर्ती पश्चिम बंगाल की संस्कृति का अभिन्न हिस्सा हैं, जो फिल्मों से लेकर राजनीतिक जीवन में कई अहम किरदार निभा चुके हैं। कभी वामपंथी झुकाव वाले मिथुन तृणमूल कांग्रेस से राज्यसभा सांसद रहे हैं। अब उन्होंने भाजपा का झंडा थाम लिया है। मिथुन की यह अपील कि बंगाल में रहने वाले सभी बंगाली हैं और वे उनके साथ खड़े हैं, भाजपा के लिए विधानसभा चुनावों में मददगार हो सकती है।
मिथुन भारतीय सिनेमा में बंगाल के सबसे सफल सितारों में एक हैं। वह गांव-गरीब और मजदूरों के हीरो माने जाते हैं। उनके ज्यादातर प्रशंसक छोटे शहरों और गांवों से जुड़े हैं। मिथुन के जरिये भाजपा बंगाल में गांव-गरीब और मजदूरों तक पहुंच बनाना चाहती है। अभिनेता के भाजपा में आने से पार्टी को काफी मजबूती मिली है, क्योंकि उसे पश्चिम बंगाल की क्षेत्रीय अस्मिता से जुड़े ऐसे विशिष्ट लोगों की जरूरत थी, जिससे वह खुद को बंगाली भद्रलोक में स्थापित कर सके। साथ ही वहां की जड़-जमीन के साथ अपना नाता स्थापित कर पाए। इस कड़ी में मिथुन का आना उसके लिए राजनीतिक रूप से लाभ का सौदा हो सकता है।
सितारों पर दांव की रणनीति
मिथुन के भाजपा में शामिल होने के बाद सबसे बड़ा सवाल यही है कि वह किस तरह से पार्टी के लिए फायदेमंद हो सकते है। इसे समझने के लिए आपको ममता बनर्जी के टिकट गणित को समझना होगा। ममता ने इस बार के चुनाव में फिल्मी दुनिया से पांच अभिनेत्री और दो अभिनेताओं को उतारा है। चूंकि, मनोरंजन की दुनिया में मिथुन दा की जबरदस्त पैठ है। ऐसे में भाजपा ने बहुत बड़ा मास्टरस्ट्रोक खेला है। यह कितना असरदार साबित होगा, ये तो दो मई को ही पता चलेगा।
सियासी प्रतिभा का लोहा मनवाया
दरअसल, मिथुन चक्रवर्ती के अभिनय के दीवाने तो करोड़ों हैं, लेकिन उनकी राजनीतिक प्रतिभा के कद्रदान भी कम नहीं हैं। कॉलेज के दिनों में कम्युनिस्ट पार्टी के करीबी रहे मिथुन साल 2014 में ममता की पार्टी में शामिल हुए और राज्यसभा सांसद भी बने। दो साल बाद 2016 में राज्यसभा सांसद के पद से इस्तीफा देने के बाद से मिथुन दा ब्रेक पर चल रहे थे, लेकिन अब उनका ब्रेक खत्म हो गया है।
Source : Hindustan
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