वसंत पंचमी हिन्दू पंचांग के अनुसार, माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। मुख्य रूप से यह त्योहार ज्ञान की देवी मां सरस्वती को समर्पित है। शास्त्रों के अनुसार, इसी दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है। सरस्वती पूजा के दौरान कुछ खास बातों का ध्यान रखना बहुत आवश्यक है। आईये जानते हैं ऐसी ही कुछ बातों को जिन्हें ध्यान में रखते हुए आप सरस्वती पूजा को पूरी श्रद्धा से करते हुए पूर्णरूप से फल की प्राप्ति कर सकते हैं।

वसंत पंचमी के दिन बिना स्नान किए भोजन नहीं करना चाहिए। पूजा पाठ के लिए मन के साथ साथ तन भी स्वच्छ होना चाहिए। इसलिए सरस्वती पूजन से पहले अच्छी तरह स्नान करके ही पूजा प्रारंभ करनी चाहिए।

सरस्वती पूजन के लिए खास पीले रंग के वस्त्रों का उल्लेख किया जाता है। माना जाता है कि पीले रंग का वस्त्र धारण करके पूजा करने से सरस्वती माता अपने भक्तों पर प्रसन्न होती हैं। इस दिन रंग-बिरंगे कपड़े नहीं पहनने चाहिए। पीले वस्त्रों को ही प्राथमिकता देने का प्रयास करना चाहिए।

माँ सरस्वती ज्ञान की देवी हैं और ज्ञान आदमी को प्रेम और भाईचारा सिखाता है। अतः वसंत पंचमी के दिन पेड़-पौधे नहीं काटने चाहिए। साथ ही, इस दिन गाली-गलौज व झगड़े से भी बचना चाहिए।

स्कूलों और शिक्षण संस्थानों में मां सरस्वती की पूजा के साथ-साथ घरों में भी यह पूजा की जाती है। अगर आप घर में मां सरस्वती की पूजा कर रहे हैं तो इन बातों का ध्यान जरूर रखें। सुबह-सुबह नहाकर मां सरस्वती को पीले रंग के फूल अर्पित करें। इसके बाद पूजा के समय मां सरस्वती की वंदना करें। पूजा स्थान पर वाद्य यंत्र और किताबें रखें और बच्चों को भी पूजा स्थल पर बैठाएं। बच्चों को उपहार में पुस्तक दें। इस दिन पीले चावल या पीले रंग का भोजन करें।

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