एक्यूट इंसेफलाइटिस और जापानी इंसेफलाइटिस को लेकर समाहरणालय के सभागार में शनिवार को कोर कमिटी की बैठक हुई। जिसकी अध्यक्षता जिला परिषद् की अध्यक्ष इंदिरा देवी ने किया। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य एईएस/जेई से संबंधित चल रही तैयारियों का जायजा और कमीयों को ढूंढ कर उनका निदान करना था। इस बैठक में विभिन्न विभाग के दायित्वों और उनके तरफ से किए जा रहे प्रयासों को संबंधित विभागों के अधिकारियों से पूछा गया। वहीं मौजूदा कमियों को पहचान तुरंत उनका निराकरण करने का आदेश भी दिया गया।
बैठक में जिलाधिकारी अलोक रंजन ने कहा इस बार एईएस के मामले में जीरो टॉलरेंस को बढ़ावा देने की जरूरत है। वहीं हरेक विभाग को अपनी क्षमता का 200% देना होगा। वहीं आम लोगों से भी अपेक्षा रहेगी कि वे भी इस बीमारी के रोकथाम के प्रयासों को सहायता दें। जल्द ही एसकेएमसीएच में एक एडवांस लाइफ सर्पोटिंग एंबुलेंस दिया जाएगा। वहीं मौजूदा खराब एबुंलेंस को अविलंब ठीक कराया जाय। वहीं जिला परिषद् अध्यक्ष इंदिरा देवी ने सुझाव दिया कि जनप्रतिनिधियों को एईएस के बारे में प्रशिक्षित किया जाय ताकि वे अपने क्षेत्र में एईएस के बारे में जागरुकता फैला सकें।
5 विंग को जिलाधिकारी ने किया परिभाषित
इस साल एईएस/ जेई से निपटने के लिए पांच स्तरों पर किये जा रहे कार्य के विषय में जिलाधिकारी ने विस्तार से जानकारी दी. जिसमें आईसी के अंतर्गत प्रचार -प्रसार संबंधी गतिविधी, सरकारी एवं नीजी अस्पतालों में पूर्व तैयारी, चिकित्सकों की तैनाती, डॉक्टर, एएनएम एवं आशा को प्रशिक्षण देना है। पालिसी में दैनिक मानिटरिंग तथा रोगियों के पुर्नवास की सुविधा पर ध्यान देना है। वहीं दवा की उपलब्धता, कमियों को दूर करने के लिए फंड की सुविधा तथा रिसर्च में समन्वय करना शामिल है। जिसमें अलग -अलग संस्थाओं के द्वारा किए जा रहे रिसर्च के अलावा मृत्यु के ठीक कारनों का पता लगाना भी जरुरी है।
हर विभाग को बताए गये दायित्व
बैठक के दौरान डीएम ने एक -एक कर इस अभियान में शामिल सभी विभागों के दायित्व और उनके से निर्वहन को बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि हर हफ्ते हर विभाग अपने कार्यों की सूची जिलाधिकारी कार्यालय को भेजेगें। इससे यह पता चल सकेगा कि कहां पर कितना काम हुआ है और कहां कमियां रह गयी हैं। वहीं जिले में घूम कर प्रचार – प्रसार कर रहे कला जत्था की टीम की माॅनिटरींग करने का भी आदेश दिया। वहीं स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया कि सदर अस्पताल, पीएचसी सहित एसकेएमसीएच में किसी तरह की उपकरणों या दवाओं की जरुरत को तुरंत बताया जाय। उसे अविलंब दूर किया जाएगा।
हर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भेजेगा चित्र
जिलाधिकारी ने निर्देष दिया कि जिले के सभी प्रखंड के पीएचसी जहां एईएस वार्ड बनाया गया है। वहां के प्रभारी चिकित्सक के साथ एईएस वार्ड दवाइयों एवं उपकरणों की फोटोग्राफी कर अविलंब भेजी जाय।
महीने के अंत तक एप्प की होगी लॉन्चिंग
डीएम ने बताया इस महीने के अंत तक एक एप्प लांच होगा। जिसमें रोगी के इनपुट लोकेशन के अनुसार निकटतम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा एबुंलेस की जानकारी एवं नंबर उपलब्ध होगी। वहीं निकटतम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा अस्पताल को भी मैसेज के द्वारा सूचना चली जाएगी कि उनके यहां रोगी आने वाला है। इस आधार पर वहां पर स्वास्थ्यकर्मी पहले से भी तैयार रहेगें। इससे पीएचसी लेबल पर ही उसका प्राथमिक उपचार संभव हो पाएगा। जिससे मृत्यु की संख्या में निश्चित तौर से कमी होगी।
एक्जिक्यूटिव असिस्टेंट बनाएगें मुफ्त में आयुष्मान कार्ड
हरेक पंचायत में मौजूद एक्जीक्यूटिव असिस्टेंट मौजूद हैं जो बिना किसी ष्शुल्क के आयुश्मान भारत का कार्ड बनाएगें। वहीँ इस बार के लिस्ट में शामिल प्राईवेट अस्पतालों में भी आयुष्मान भारत के केंद्र खोले जाएगें। ताकि जो कार्ड बनवाने में छूट गये हों वह वहां पर कार्ड बनवा सकें। इससे उन्हें आर्थिक बोझ से मुक्ति मिलेगी। वसुधा केंद्र पर तीस रुपये में आयुश्मान भारत का कार्ड बनेगा।
चमकी बुखार को एसकेएमसीएच मे होगा विशेष काउंटर
एसकेएमसीएच में चमकी बुखार के पंजीकरण के लिए अलग से काउंटर होगा। जिसमें एईएस रेस्पांस यूनिट होगा और रोगियों के लिए स्ट्रेचर की सुविधा होगी। वहीं परिजनों के लिए बैठने की सुविधा होगी।
मौके पर जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष, जिला परिषद अध्यक्ष इंदिरा देवी, डीडीसी उज्ज्वल कुमार सिंह, नगर आयुक्त मनेश कुमार, डीपीआओ कमल सिंह, एसकेएमसीएच के प्राचार्य डॉ.एसके शाही , विभागाध्यक्ष, शिशु रोग डॉ. गोपाल प्रसाद साहनी, सिविल सर्जन डॉ. एसपी सिंह, भीबीडीओ डॉ. सतीश कुमार, केजरीवाल अस्पताल के निदेषक,डीआईओ डॉ.. आरपी सिंह, डीपीएम, भीबीडीसी, एसीएमओ सहित रेडक्रॉस , केयर, यूनिसेफ,आइसीडीएस,यूनडीपी के प्रतिनिधि उपस्थित थे।