INDIA
हर महीने 4500 रुपये की बचत से भी बन सकते हैं करोड़पति, बस ऐसे बनाएं रणनीति

आज के समय में छोटी या बड़ी कमाई करने वाला हर व्यक्ति अपने भविष्य को वित्तीय रूप से सुरक्षित करने के बारे में सोच रहा है. खासकर, कोरोना वायरस महामारी की वजह से पैदा हुई स्थिति को लोग अब सबक के तौर पर देखने लगे हैं. अगर आप भी छोटे निवेश से मोटा बचत करना चाहते हैं तो सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP- Systematic Investment Plan) आपके लिए एक सबसे बेहतर विकल्प साबित हो सकता है. जानकारों का कहना है कि अगर कोई निवेशक SIP के जरिए ज्यादा रिटर्न प्राप्त करना चाहता हैं तो उन्हें लंबी अवधि के लिए निवेश करने के बारे में सोचना चाहिए. अधिकतर जानकार एसआईपी के कम्पाउंडिंग लाभ उठाने के लिए 15 से 20 साल तक निवेश की सलाह देते हैं.
दरअसल, एसआईपी में लंबी अवधि तक निवेश की सलाह इसलिए दी जाती है ताकि निवेशकों को कम्पाउंडिंग का लाभ मिल सके. अगर कोई निवेश 15 से 20 साल के लिए निवेश करता है तो अंतिम समय में रकम में इजाफा होने का रेट ज्यादा होता है और इस प्रकार उन्हें मोटा रिटर्न प्राप्त हो सकता है.
जानकारों का मानना है कि करीब 20 साल तक की अवधि के लिए निवेश किया जाता है तो इसपर औसतन 15 फीसदी की रिटर्न की उम्मीद की जा सकती है. हालांकि, यह इस बात पर निर्भर करता है कि निवेशक ने कैसी एसआईपी पॉलिसी को चुना है. अगर सही समय में सही एसआईपी को चुन लिया जाता है तो 15 फीसदी की रिटर्न आसानी से मिल सकती है. आइए एक उदाहरण की मदद से समझते हैं कि कैसे हर महीने की छोटी बचत भी आपको करोड़पति बना सकती है.
मान लीजिए कि आप हर महीने किसी एसआईपी में 4,500 रुपये की निवेश करते हैं और इस पर 15 फीसदी रिटर्न की उम्मीद करते हैं. आपने यह निवेश 20 साल के लिए किया है. एसआईपी कैलकुलेटर की मदद से इसपर मिलने वाले कुल रिटर्न की बात करें तो 20 साल के अंत में आप 68,21,797.387 रुपये के मालिक बन सकते हैं. हालांकि, यहां पर एक ट्रिक की मदद से आप इसे 1 करोड़ रुपये में बदल सकते हैं.
अगर आप इस एसआईपी में हर साल के बाद प्रति महीने 500 रुपये का टॉप अप बढ़ा देते हैं तो आप आसानी से करोड़पति बन सकते हैं. अगर आप इस ट्रिक का इस्तेमाल करते हैं तो शुरुआत के हर महीने 4,500 रुपये का निवेश आपको 20 साल के बाद मैच्योरिटी के समय पर 1,07,26,921.405 रुपये दिला सकता है.
Input : News18
INDIA
सैनिक ने हाथ पर लिखा, तेरी मौत की खबर नहीं सुन सकता, मैं आ रहा हूं, फिर खुद को मार ली गोली

मंडी. एक सैनिक ले जम्मू कश्मीर में खुद को गोली मार कर आत्महत्या कर ली. इससे पहले सैनिक ने अपने हाथ पर लिखा विनोद अक्षय मुझे माफ करना, डिंपल तेरा बत्रा तेरी मौत की खबर नहीं सुन सकता इसलिए मैं भी आ रहा हूं, आई लव यू डिंपल. जानकारी के अनुसार घटना जम्मू कश्मीर के मीरा साहब की है. आत्महत्या करने वाले सैनिक की पहचान योगेश कुमार के तौर पर हुई है जो मंडी जिले के पधर उपमंडल में आने वाले सुराहण गांव का रहने वाला है. सैनिक की उम्र 22 साल की बताई जा रही है.
जानकारी के अनुसार योगेश कुमार ने सोमवार रात करीब साढ़े बारह बजे खुद को सिर पर गोली मारी. इस दौरान वो नाइट ड्यूटी पर तैनात था. जैसे ही गोली की आवाज आई अन्य सैनिक वहां पहुंचे और उसको पास के मिलिट्री अस्पताल में लेकर गए जहां पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
प्रेम प्रसंग वजह
युवक की आत्महत्या के पीछे प्रेम प्रसंग कारण बताया जा रहा है. खुद योगेश ने भी अपने हाथ पर कुछ ऐसा ही लिखा है. हालांकि लोगों को सही कारणों का पता नहीं लग सका है. वहीं स्थानीय लोगों के अनुसार योगेश काफी मिलनसार था और उसकी अभी शादी भी नहीं हुई थी. वहीं उसके बड़े भाई और बड़ी बहनों की शादी हो गई है. घटना का पता जैसे ही गांव में चला पधर क्षेत्र में शोक छा गया.
हादसे के बाद से ही मृतक के परिजन गहरे सदमे में हैं. सभी इस बात से हैरान हैं कि योगेश ने इतना बड़ा कदम कैसे उठा लिया क्योंकि उसने किसी भी परेशानी के संबंध में अपने किसी परिजन या दोस्त को नहीं बताया था. वहीं सैन्य अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार परिजन मिलिट्री अस्पताल जम्मू के लिए रवाना हो गए हैं. यहां पर सैनिक के पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों के हवाले कर दिया जाएगा. वहीं सूचना मिली कि मृतक का बड़ा भाई धीरज कुमार भी सेना में कार्यरत है और वो 15 जे एंड के राइफल में तैनात है.
Source : News18
BIHAR
एनडीए का मतलब अब सिर्फ बीजेपी? शिवसेना-अकाली के बाद अब JDU ने किया राम-राम

बिहार में सियासी हलचल तेज हो गई है. पूरे देश की नजरें बिहार की राजधानी पटना पर टिकी हैं जहां हर तरफ बैठकों का दौर चल रहा है. एक तरफ नीतीश कुमार ने जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) संसदीय दल की बैठक बुलाई है, वहीं राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के तेजस्वी यादव भी बैठक पर बैठक कर रहे हैं. जेडीयू और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के ब्रेकअप का आधिकारिक ऐलान होना अभी बाकी है लेकिन नीतीश कुमार की पार्टी का राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को राम-राम करना अब तय माना जा रहा है.
कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टियों के विधायकों ने महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का समर्थन करने से संबंधित पत्र भी तेजस्वी यादव को सौंप दिया है. बिहार में जारी सियासी घटनाक्रम के बीच अब ये चर्चा भी शुरू हो गई है कि क्या एनडीए का मतलब सिर्फ बीजेपी ही रह गया है? एनडीए के पुराने घटक दल एक-एक कर गठबंधन से अलग होते जा रहे हैं. पहले शिवसेना और शिरोमणि अकाली दल (एसएडी)) ने एनडीए से नाता तोड़ा और उसके बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने.
अब जेडीयू भी शिरोमणि अकाली दल और शिवसेना की राह पर है. एनडीए का प्रमुख घटक रही तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) ने भी बीजेपी से गठबंधन तोड़ लिया था. एक-एक कर अधिकतर विश्वस्त और पुराने गठबंधन सहयोगी बीजेपी का साथ छोड़कर जा चुके हैं. ऐसे में ये सवाल भी उठ रहा है कि ऐसा क्यों हो रहा है. हालांकि, बीजेपी की ओर से लगातार ये भी कहा जाता रहा है कि हम गठबंधन धर्म निभाते हैं लेकिन एनडीए के घटक दलों का एक-एक कर अपनी राहें अलग करते जाना कुछ और ही इशारा कर रहा है.
क्यों साथ छोड़ रहे सहयोगी दल
एनडीए से सहयोगी दलों के नाता तोड़कर जाने का सिलसिला जारी है. नीतीश कुमार की पार्टी के भी एनडीए से अलग हो जाने के बाद इसके लिए एनडीए में सामंजस्य के अभाव को प्रमुख वजह बताया जा रहा है. कहा तो ये भी जा रहा है कि पुरानी बीजेपी और मोदी युग की बीजेपी में जो बड़ा अंतर आया है, सहयोगियों के साथ छोड़ने का वही बड़ा कारण है.
एनडीए में समन्वय का अभाव
बिहार के ताजा सियासी घटनाक्रम से एक चीज और निकलकर सामने आई है और वो है एनडीए में समन्वय का अभाव. बिहार के बीजेपी नेता नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ बयान देते रहे. साथ ही जातिगत जनगणना समेत कई मुद्दों पर नीतीश कुमार और बीजेपी का मतभेद भी खुलकर सामने आया. एनडीए में समन्वय के लिए बैठकें भी अब गुजरे जमाने की बात हो चली है. राजनीति के जानकारों की मानें तो बीजेपी का अपने नेताओं की बयानबाजियों पर लगाम न लगा पाना भी गठबंधन से सहयोगियों के नाता तोड़ते जाने का प्रमुख कारण है.
Source : Aaj Tak
INDIA
नोएडा सोसाइटी में महिला से अभद्रता करने वाला ‘गालीबाज’ श्रीकांत त्यागी गिरफ्तार

नोएडा: उत्तर प्रदेश के नोएडा में आवासीय सोसाइटी में महिला से अभद्रता करने वाला फरार ‘गालीबाज’ श्रीकांत त्यागी अब पकड़ में आ गया है. यूपी पुलिस की मानें तो बीते तीन-चार दिनों से फरार चल रहे श्रीकांत त्यागी को एसटीएफ ने आज यानी मंगलवार को मेरठ के पास से गिरफ्तार किया. इससे पहले त्यागी की कई गाड़ियों को जब्त किया गया और उसकी पत्नी से आज तीसरी बार पूछताछ हुई. बता दें कि महिला से अभद्रता करने के आरोपी श्रीकांत त्यागी की गिरफ्तारी पर सोमवार को 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था. फेस-2 थाने ने उसकी गिरफ्तारी पर यह इनाम घोषित किया है.
UP: Noida Police arrests Srikant Tyagi for assaulting, abusing woman in viral video
Read @ANI Story |https://t.co/I5AREztxzR#NoidaPolice #SrikantTyagi pic.twitter.com/4VhaI6vpG0
— ANI Digital (@ani_digital) August 9, 2022
दरअसल, बीते दिनों श्रीकांत त्यागी का सोसाइटी में रहने वाली एक महिला से झगड़ा हो गया था, जिसके बाद शुक्रवार को उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (किसी महिला पर हमला करना या आपराधिक बल का प्रयोग करना) के तहत मामला दर्ज किया गया था. इसकी वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ, जिसमें उसे महिला के साथ अभद्रता करते और उसे गाली देते देखा गया.
पुलिस के मुताबिक, श्रीकांत त्यागी के खिलाफ बाद में भारतीय दंड संहिता की धारा 447 (अनाधिकार प्रवेश), 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाना), 504 (शांति भंग के इरादे से जानबूझकर अपमान करना) और 506 (धमकी देना) के तहत आरोप लगाए गए. श्रीकांत त्यागी रविवार रात से ही फरार है. श्रीकांत त्यागी को पकड़ने के लिए पुलिस कई राज्यों में दबिश दे रही थी.
बुलडोजर एक्शन भी हुआ था
श्रीकांत त्यागी के खिलाफ यूपी सरकार का बुलडोजर एक्शन भी देखने को मिला था. नोएडा प्राधिकरण ने सेक्टर 93-बी स्थित त्यागी के फ्लैट के सामने किए गए अवैध निर्माण को बुलडोजर एक्शन के तहत ढहा दिया. इसके अलावा, अपनी कार पर उत्तर प्रदेश सरकार के चिह्न का दुरुपयोग करने के आरोप में मोटर वाहन अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज किया गया है.
सीएम योगी ने दिया था सख्त निर्देश
नोएडा के भगोड़े गालीबाज श्रीकांत त्यागी के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त सख्ती दिखाई और इस पूरे प्रकरण में गृह विभाग से रिपोर्ट भी तलब की है. मुख्यमंत्री ने गृह विभाग को श्रीकांत त्यागी के खिलाफ सख्त कार्रवाई के भी आदेश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने पूरे प्रकरण में गृह विभाग से रिपोर्ट तालाब करते हुए कई बिंदुओं पर सवाल पूछा है. उन्होंने यह भी पूछा है कि श्रीकांत त्यागी को किस आधार पर पुलिस सुरक्षा मुहैया करवाई गई थी. मिल रही जानकारी के मुताबिक जांच रिपोर्ट के बाद उन अफसरों पर भी गाज गिर सकती है, जिन्होंने त्यागी को गनर उपलब्ध करवाया था. इस बीच पूरे मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में एक एसएचओ, सब इंस्पेक्टर समेत चार सिपाहियों को निलंबित कर दिया गया है.
Source : News18
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