पति के नाम की सिंदूर माथे पर चमकती थी, तलाक के बाद भी राजकुमारी ने पति का साथ नहीं छोड़ा।
सुर्खियों से दूर एक करीबी ऐसी थी, जिन्होनें बिना किसी ख्वाहिश के पूर्व केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान की सलामती चाही। वह शख्स, वह महिला कोई और नहीं उनकी पहली पत्नी राजकुमारी देवी है।
पहली पत्नी राजकुमारी देवी पति की मृत्यु की खबर सुनते ही बेसुध हो गई। जब होश आया,दुख: के मारे आंसु निकलते रहे। उन्हें देखकर आसपास खड़े लोगों के भी आंसु बरबस निकलते रहे। पति ने तलाक दे दिया था, मगर उनकी मांग की सिंदूर हमेशा ही उनके ललाट पर चमकती रही। पति से दूर रहकर भी अपने सुहाग की सलामती की कामना ईश्वर से करती रही।
शनिवार को उनके साथ आईं महिलाएं और स्काॅर्पियो चालक रमेश ने बताया कि जब से यह खबर मिली है उसके बाद से ही वह लगातार रो रही हैं। न भूख न प्यास, बस हर पल अपने पति के लिए बिलखती रहीं। रमेश का कहना है कि रास्तेभर पानी तक नहीं पिया। ज्यादातर समय अचेत रहीं, जब भी होश में आईं दहाड़े मार मारकर रोने लगीं।
रामविलास की पत्नी शनिवार सुबह 8 बजे एसके पुरी पहुंचीं। घर के बाहर कार्यकर्ताओं की खचाखच भीड़ थी। भीड़ के बीच राजकुमारी की स्कॉर्पियो रुकी और उनकी हालत देख वहां मौजूद हर कोई गम में डूब गया। गाड़ी में राजकुमारी को दो महिलाएं संभाल रही थी। घर की चौखट पर पहुंचते ही उनकी हालत और बिगड़ गई। रो-रो कर चेहरा पूरा सूज गया था, आंख भी बहुत सूजी थी। शरीर में इतनी शक्ति नहीं थी कि वह गाड़ी से उतर सकें। गाड़ी से महिलाओं ने उतारा और सहारा देकर अंदर ले गईं। हालांकि परिवार का कोई सदस्य उन्हें रिसीव करने या सहारा देने घर से बाहर नहीं निकला। वह घर की दहलीज पार करते ही दहाड़े मारकर रो रही थी। राजकुमारी अपने पासवान का शव देखते बेसुध हो गईं।
आपको बता दें कि रामविलास पासवान का अंतिम संस्कार आज दीघा के जनार्दन घाट पर दिन के साढ़े 12 बजे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। साढ़े 11 बजे आवास से अंतिम यात्रा निकलेगी।