मुजफ्फरपुर : मंझौली-चोरौत एनएच 527-सी नवंबर 2021 तक बनकर तैयार हो जाएगा। मुजफ्फरपुर, मधुबनी और सीतामढ़ी के अलावा नेपाल सीमा तक को जोड़ने वाले इस हाईवे का निर्माण अब रफ्तार पकड़ने लगा है। एनएचएआइ के परियोजना निदेशक मनोज कुमार पांडेय ने बताया कि निर्माण की तमाम बाधाएं पार कर ली गई हैं। भूमि अधिग्रहण का मुआवजा दिया जा चुका है। अब काम का रफ्तार बढ़ेगा।

सड़क पूरी तरह कंक्रीट निíमत और सपाट होगी : मुजफ्फरपुर जिले के मझौली से दरभंगा-मधुबनी के कुछ हिस्सों से होते हुए सीतामढ़ी जिले के नानपुर, बोखड़ा और चोरौत होते हुए एनएच 104 में मिलने वाली 64 किमी लंबी यह सड़क पूरी तरह कंक्रीट निíमत और सपाट होगी। इस सड़क पर हवाई जहाज को भी उतारा जा सकेगा। दिल्ली-आगरा यमुना एक्सप्रेस-वे की तर्ज पर इस सड़क का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। इस तरह की सड़क बिहार में पहली और देश में पांचवीं होगी।

साल 2013 में जब केंद्रीय राजमार्ग मंत्रलय ने इस सड़क की मंजूरी दी थी तब यह देश में दूसरी सड़क थी। कुल 537 करोड़ 14 लाख रुपये की लागत वाली 64 किमी लंबी सड़क पर चार बड़े पुल और 16 छोटे पुलों का निर्माण कराया जा रहा है। मझौली से आगे दो किलोमीटर पर बहलोलपुर में बागमती की पुरानी धार तथा 17 वें किलोमीटर पर कटरा में बागमती नदी पर दो बड़े पुल तथा 51 वें और 58 वें किलोमीटर पर भी दो बड़े ब्रिज का निर्माण कराया जाना है। यह सड़क मुजफ्फरपुर जिले के मझौली से कटरा, खंउरा, यजुआर, सीतामढ़ी जिले के नानपुर प्रखंड के खरका- बसंत, मझौर, बहेड़ा, पुपरी होते हुए चोरौत तक जाएगी। चोरौत में यह सड़क एनएच 104 से मिल जाएगी। इस हाईवे के निर्माण के लिए कुल 255 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है। इसके तहत भूमि के अधिग्रहण पर 340 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। सीतामढ़ी जिले में 86 हेक्टेयर, मुजफ्फरपुर में 99 हेक्टेयर मधुबनी में 7 हेक्टेयर और दरभंगा में 9 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है। स्वीकृति के बावजूद निर्माण लंबित रहा। तत्कालीन सांसद अर्जुन राय की पहल पर तत्कालीन राजमार्ग मंत्री सीपी जोशी ने इस हाईवे की स्वीकृति दी थी।

मुजफ्फरपुर : मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी-सोनबरसा हाईवे के बेदौल असली में निर्माणाधीन पुल में बाधा बनी चट्टान को हटा लिया गया है। अब निर्माण ने रफ्तार पकड़नी शुरू कर दी है। 400 मीटर में काम शेष रह गया है। जिसे शीघ्र पूरा कर लिया जाएगा। इसकी जानकारी एनएचएआई के परियोजना निदेशक मनोज कुमार पांडेय ने दी। बताते चलें कि एनएच-77 के बेदौल में वषरे से पुल का निर्माण कार्य चल रहा है। लेकिन भौगोलिक जटिलता के चलते कई बार इसमें बदलाव किया गया। निर्माण के दौरान 25 फीट की गहराई पर चट्टान मिलने के कारण निर्माण बाधित था। अभिंताओं की टीम ने चट्टान को हटा निर्माण की बाधा को पार कर लिया है।

Input : Dainik Jagran

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