एसकेएमसीएच में ब्लैक फंगस का इलाज किया जाएगा। इसके लिए रेमडेसिविर की तरह एमफोटेरिसीन-बी का भी नियंत्रण पूरी तरह ड्रग कंट्रोलर के पास दिया गया है। वहां से सभी मेडिकल कॉलेज को इंजेक्शन आवंटित कर दिया गया है।
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ.सतीश कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से शुरुआत में सूबे के सभी मेडिकल कॉलेजों को ब्लैक फंगस के इलाज के लिए चिह्नित किया गया है। ड्रग विभाग की ओर से सभी मेडिकल कॉलेजों को एमफोटेरिसीन-बी आवंटित कर दिया गया है। एसकेएमसीएच अधीक्षक डॉ.बीएस झा ने बताया कि अभी एसकेएमसीएच में इसका इंजेक्शन उपलब्ध है। आवंटन भी 200 फाइल का हो गया है। सीएस डॉ.एसके चौधरी ने बताया कि पहले एसकेएमसीएच में इलाज होगा। उसके बाद सदर अस्पताल व पीएचसी स्तर पर इलाज की कवायद चल रही है।
Input: Dainik Jagran