शहर में स्मार्ट सिटी की योजनाओं को लेकर गुरुवार को निगम कार्यालय में नगर आयुक्त मनेश कुमार मीणा की अध्यक्षता में कंसल्टेंट के पदाधिकारियों की बैठक हुई। इसमें इंट्रीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर (आइसीसीसी) को लेकर काफी देर तक मंथन चला।

स्मार्ट सिटी परियोजना की कंसल्टेंट हेड श्रेयी से जब बात की गई तो पता चला कि इस पर कुछ काम हो ही नहीं रहा। उन्होंने अधीनस्थ कर्मचारियों की कमी होने का जब रोना रोया तो नगर आयुक्त ने उन्हें कड़ी फटकार लगाई और एक सप्ताह के अंदर प्रोजेक्ट वर्क में तेजी लाने को कहा। कंसल्टेंट ने स्मार्ट सिटी बनाने के लिए फिलहाल 202 करोड़ की परियोजना के टेंडर को प्रक्रियाधीन बताया। साथ ही डीपीआर बनने में 174 करोड़ रुपये खर्च होने की जानकारी दी गई। बता दें कि पिछले एक साल से स्मार्ट सिटी को लेकर नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश कुमार शर्मा के साथ कमिश्नर, नगर आयुक्त के साथ कई राउंड बैठक हो चुकी है। कंसल्टेंट एजेंसी तय हुई। लेकिन कंसल्टेंट एजेंसी का यहां न दफ्तर खुला और न ही कार्य में प्रगति आई। जबकि नगर विकास एवं आवास मंत्री मुजफ्फरपुर, पटना, भागलपुर सहित अन्य जिलों में इसको लेकर कई राउंड की बैठक पिछले एक साल से कर रहे हैं।

परिसदन में बैठक आज

स्मार्ट सिटी, पेयजल, अतिक्रमण सहित अन्य मामलों को लेकर नगर आवास एवं विकास मंत्री शुक्रवार को परिसदन में अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। इसमें नगर आयुक्त सहित स्मार्ट सिटी से जुड़े पदाधिकारी भी शामिल होंगे।

Input : Dainik Jagran

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