कोरोना वायरस के संक्रमण पर रोक को लेकर सरकार द्वारा एहतियात के तौर पर शुरू लॉकडाउन का कई थोक से लेकर खुदरा कारोबारी बेजा फायदा उठाने से भी नहीं चूक रहे। लॉकडाउन के नाम पर उनमें गोडाउन (गोदाम) भरने की होड़ है। इस जमाखोरी को लेकर सोमवार को मुजफ्फरपुर शहर के बाजार में अफरातफरी रही। वहीं आवश्यक वस्तुओं की किल्लत की अफवाह के चलते आम जनता भी उपभोक्ता सामग्री की खरीदारी कर स्टॉक भरने में पीछे नहीं रही। हालत यह कि चंद घंटे के भीतर आलू की कीमत दोगुनी और प्याज की कीमत 50 फी कोरोना वायरस के संक्रमण पर रोक को लेकर सरकार द्वारा एहतियात के तौर पर शुरू लॉकडाउन का कई थोक से लेकर खुदरा कारोबारी बेजा फायदा उठाने से भी नहीं चूक रहे। लॉकडाउन के नाम पर उनमें गोडाउन (गोदाम) भरने की होड़ है। इस जमाखोरी को लेकर सोमवार को मुजफ्फरपुर शहर के बाजार में अफरातफरी रही। वहीं आवश्यक वस्तुओं की किल्लत की अफवाह के चलते आम जनता भी उपभोक्ता सामग्री की खरीदारी कर स्टॉक भरने में पीछे नहीं रही। हालत यह कि चंद घंटे के भीतर आलू की कीमत दोगुनी और प्याज की कीमत 50 फीसद अधिक हो गई। इन सबके बीच लॉकडाउन को लेकर प्रशासनिक व्यवस्था की भी पोल खुल गई।

आलू-प्याज की खरीदारी

बाजार समिति, बैरिया, नयाटोला सब्जी मंडी और पुरानी बाजार के इलाकों में लोग आलू प्याज की खरीदारी के लिए टूट पड़े। जबकि, गोला रोड इलाके में आटा-चावल, दाल, तेल और नमक आदि उपभोक्ता सामग्री की खरीदारी के लिए खुदरा कारोबारी और ग्राहकों की भीड़ लग गई। बैरिया के पास लोग आलू-प्याज की दुकान पर झपटते नजर आए। बारिश के चलते बाजार समिति परिसर में जलजमाव की स्थिति थी। ऊपर से कारोबारियों की भीड़ से पूरा परिसर कीचड़ से सन गया था। आलू-प्याज लेने के लिए लोग दौड़ रहे थे। इसके चलते कई लोग गिरते और चोटिल होते नजर आए। आखिरकार, अलग-अलग इलाकों में पहुंची पुलिस की टीम ने स्थिति संभाली।

कोरोना विश्व के लिए चुनौती

नॉर्थ बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के मीडिया प्रभारी सज्जन शर्मा ने कहा कि कोरोना वायरस पूरे विश्व के लिए चुनौती बन गया है। इससे बचाव के लिए संयम और जागरूकता जरूरी है। सरकार ने एहतियात के तौर पर लॉकडाउन किया है। नॉर्थ बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री सरकार की इस पहल के साथ है। खुद और समाज के लिए सरकार के हर निर्देश का पालन करना जरूरी है। सरकार और प्रशासन को लॉकडाउन के पालन के लिए जिस तरह की सख्ती का पालन करना चाहिए, वह दिख नहीं रहा है। आवाजाही बंद होने पर बाजार पर थोड़ा-बहुत असर पड़ता है। लेकिन यह स्थायी नहीं होता है। कुछ गलत लोग मानवता के अभाव में कालाबाजारी करते हैं।

सबसे ज्यादा आलू-प्याज खरीदने की होड़

कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए प्रशासन की लॉकडाउन की पहल के बीच उपभोक्ता सामग्री की किल्लत की मची अफवाह के बाद शहर में खरीदारी को भीड़ उमड़ पड़ी। कमोवेश हर घर से निकले लोग कम से कम आलू-प्याज की खरीदारी कर घर लौटते दिखे। हालत यह रही कि शहर के कलमबाग,माड़ीपुर, स्पीकर चौक, लेनिन चौक, साहू चौक, गोला रोड, अंडी गोला रोड, कच्ची पक्की, नया टोला, मिठनपुरा आदि इलाकों में अवस्थित दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ उमड़ पड़ी। चंद घंटे में खुदरा बाजार से आलू-प्याज का स्टॉक समाप्त हो गया। इसके बाद खुदरा कारोबारियों का हजूम बाजार समिति की ओर उमड़ पड़ा।

खुदरा बाजार में आलू की कीमत 30 से 35 रुपये प्रति किलो और प्याज की कीमत 40 रुपये के पार। बाजार समिति पुरानी बाजार और गोला रोड में उमड़ी व्यवसायियों की भीड़।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। कोरोना वायरस के संक्रमण पर रोक को लेकर सरकार द्वारा एहतियात के तौर पर शुरू लॉकडाउन का कई थोक से लेकर खुदरा कारोबारी बेजा फायदा उठाने से भी नहीं चूक रहे। लॉकडाउन के नाम पर उनमें गोडाउन (गोदाम) भरने की होड़ है। इस जमाखोरी को लेकर सोमवार को मुजफ्फरपुर शहर के बाजार में अफरातफरी रही। वहीं आवश्यक वस्तुओं की किल्लत की अफवाह के चलते आम जनता भी उपभोक्ता सामग्री की खरीदारी कर स्टॉक भरने में पीछे नहीं रही। हालत यह कि चंद घंटे के भीतर आलू की कीमत दोगुनी और प्याज की कीमत 50 फीसद अधिक हो गई। इन सबके बीच लॉकडाउन को लेकर प्रशासनिक व्यवस्था की भी पोल खुल गई।

आलू-प्याज की खरीदारी

बाजार समिति, बैरिया, नयाटोला सब्जी मंडी और पुरानी बाजार के इलाकों में लोग आलू प्याज की खरीदारी के लिए टूट पड़े। जबकि, गोला रोड इलाके में आटा-चावल, दाल, तेल और नमक आदि उपभोक्ता सामग्री की खरीदारी के लिए खुदरा कारोबारी और ग्राहकों की भीड़ लग गई। बैरिया के पास लोग आलू-प्याज की दुकान पर झपटते नजर आए। बारिश के चलते बाजार समिति परिसर में जलजमाव की स्थिति थी। ऊपर से कारोबारियों की भीड़ से पूरा परिसर कीचड़ से सन गया था। आलू-प्याज लेने के लिए लोग दौड़ रहे थे। इसके चलते कई लोग गिरते और चोटिल होते नजर आए। आखिरकार, अलग-अलग इलाकों में पहुंची पुलिस की टीम ने स्थिति संभाली।

र्स एंड इंडस्ट्री के मीडिया प्रभारी सज्जन शर्मा ने कहा कि कोरोना वायरस पूरे विश्व के लिए चुनौती बन गया है। इससे बचाव के लिए संयम और जागरूकता जरूरी है। सरकार ने एहतियात के तौर पर लॉकडाउन किया है। नॉर्थ बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री सरकार की इस पहल के साथ है। खुद और समाज के लिए सरकार के हर निर्देश का पालन करना जरूरी है। सरकार और प्रशासन को लॉकडाउन के पालन के लिए जिस तरह की सख्ती का पालन करना चाहिए, वह दिख नहीं रहा है। आवाजाही बंद होने पर बाजार पर थोड़ा-बहुत असर पड़ता है। लेकिन यह स्थायी नहीं होता है। कुछ गलत लोग मानवता के अभाव में कालाबाजारी करते हैं।

 

यूं आसमान चढ़ी आलू की कीमत

समय कीमत

सुबह 7 बजे 20 रुपये किलो

सुबह 8 बजे 22 रुपये किलो

सुबह 9 बजे 25 रुपये किलो

सुबह 10 बजे 28 रुपये किलो

सुबह 11 बजे 32 रुपये किलो

दोपहर 12 बजे 35 रुपये किलो

दोपहर 1 बजे 35 से 40 रुपये किलो

प्याज की कीमत भी कुछ ऐसे बढ़ी

समय कीमत

सुबह 7 बजे 28 रुपये किलो

सुबह 8 बजे 29 रुपये किलो

सुबह 9 बजे 30 रुपये किलो

सुबह 10 बजे 32 रुपये किलो

सुबह 11 बजे 35 रुपये किलो

दोपहर 12 बजे 35 रुपये किलो

दोपहर 1 बजे 40 रुपये किलो

इसके अलावा चावल, आटा, सरसों तेल, दाल और सोयाबीन की कीमत में भी पांच से लेकर दस फीसद की वृद्धि दिखी।

किल्लत जैसी स्थिति नहीं

सोमवार को भले ही शहर के बाजार में आलू-प्याज, चावल और आटा समेत उपभोक्ता सामग्री की खरीदारी को ग्राहकों की भीड़ रही, और इसके चलते कीमतों में वृद्धि दिखी। लेकिन, तत्काल, शहर में उपभोक्ता सामग्री की किल्लत जैसी स्थिति नहीं है। थोक और खुदरा बाजार में उपभोक्ता सामग्री उपलब्ध है। गोला रोड के एक व्यवसायी ने बताया कि तमाम उपभोक्ता सामग्री पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।

सामान का स्टॉक कर रहे

ट्रक भी लगातार पहुंच रहे हैं। लोग नाहक ही सामान का स्टॉक करने में लगे हैं। जबकि, खुदरा व्यवसायियों ने कहा कि ग्राहकों द्वारा की गई खरीदारी के चलते कुछ सामग्री का स्टॉक खत्म हो गया है। उधर, गोला रोड पहुंचे शंकर प्रसाद, दीपक कुमार, रामाश्रय शर्मा, विनोद पाठक और सुधीर कुमार आदि ने बताया कि हर कोई चाहता है कि जरूरी सामान घर में रख लें। ताकि, उन्हें बार-बार घर से निकलने की जरूरत भी नही पड़े। यही कारण है कि लॉकडाउन के साथ ही लोग खरीदारी को उमड़ पड़े। जबकि, सुधीर कुमार व अरुण प्रसाद ने कहा कि लोग लॉकडाउन का मतलब नही समझ पा रहे हैं।

सुबह से ही उमड़ी लोगों की भीड़

रविवार को जनता कर्फ्यू के समापन के बाद सोमवार की सुबह ही लोग घरों से निकल पड़े। इस दौरान सबसे ज्यादा भीड़ दूध के लिए दिखी। शहर के सभी मिल्क पार्लर में ग्राहक उमड़े रहे। यही हाल सब्जी, फल और किराना दुकानों का रहा।

बंद रहीं शहर की दुकानें, पसरा रहा सन्नाटा

लॉकडाउन के चलते सोमवार को लगातार दूसरे दिन भी शहर के बाजार और दुकानें बंद रहीं। केवल मिल्क पार्लर, दवा दुकान, किराना दुकान खुले रहे। मॉल, होटल और रेस्तरा में ताले लटके रहे। मिठनपुरा, माड़ीपुर और मोतीझील के इलाके में सोमवार की सुबह कुछ दुकानें खुलीं। लेकिन पुलिस की टीम ने पहुंच कर दुकानों को बंद करा दिया। इसके बाद शहर के तमाम इलाकों की दुकानें और बाजार बंद हो गए। सराफा, कपड़ा, इलेक्ट्रॉनिक, इलेक्ट्रीक और आटोमोबाइल दुकानें बंद रहीं।

 

Input:Dainik Jagran

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