वो दिन गुजर गए कि कोई भी किसी प्रकार के खाद्य पदार्थ की बिक्री का कारोबार कर लेता थे। अब सारी व्यवस्था हाईटेक हो गई है। जिस तरह प्रत्येक दवा दुकान के लिए एक फॉर्मेसिस्ट लाइसेंस का होना अनिवार्य है, उसी तरह एक खाद्य कारोबारी के लिए फूड सेफ्टी सुपरवाइजर का लाइसेंस होना आवश्यक है। यह जानकारी सोमवार से शुरू हुई खाद्य संरक्षा विभाग की सात दिवसीय कार्यशाला में प्रशिक्षक केके ठाकुर ने दी। वह बैरिया स्थित एक व्यवसायिक भवन में खाद्य संरक्षा विभाग द्वारा आयोजित प्रशिक्षण शिविर को संबोधित कर रहे थे। शिविर में जिले के अलावा सीतामढ़ी व शिवहर के कारोबारी भी प्रशिक्षण लेने आए थे। खाद्य संरक्षा पदाधिकारी सुदामा चौधरी ने बताया कि एफएसएसए (भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकार ) एक्ट 2006 के अनुसार सभी खाद्य कारोबारी के पास कम से कम फूड सेफ्टी सुपरवाइजर होना अनिवार्य है। इसके साथ ही इन कारोबारियों का नाम अब फूड सेफ्टी ऑपरेटर रखा गया है। सभी कारोबारियों को अब यह प्रशिक्षण लेना अनिवार्य है। प्रशिक्षण के लिए रजिस्टेशन शुल्क 900-1200 रुपये रखा गया है। सभी श्रेणी के खाद्य कारोबारी, उद्यमी, बेकरी, डेयरी, मीट निर्यातक, होटल एवं रेस्टोरेंट कारोबार, किराना कारोबार आदि के व्यवसायी शामिल हैं। सात दिन के प्रशिक्षण के बाद सर्वे अभियान चलेगा जिसमें प्रशिक्षण प्रमाणपत्र का सत्यापन होगा। मौके पर प्रमाणपत्र न मिलने पर कारोबारी के खिलाफ कार्रवाई होगी।
आंकड़ों में खाद्य कारोबार
जिले में कुल कारोबारियों का रजिस्ट्रेशन2491
लाइसेंस871
रजिस्ट्रेशन सीतामढ़ी में585 लाइसेंस297 शिवहर में रजिस्ट्रेशन68
लाइसेंस28
Input : Dainik Jagran