मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल कांड में किरकिरी करा चुके सदर अस्पताल में भी अब मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया जाएगा। इसका रास्ता लगभग साफ हो गया। इसे सदर अस्पताल परिसर में ही बनाया जाएगा। सम्भावना है कि इसे नशा मुक्ति केंद्र भवन के बगल में बनाया जाएगा। इसकी कवायद शुरू कर दी गयी है। सिविल सर्जन डॉ. विनय कुमार शर्मा ने इस सम्बंध में अंधापन निवारण के अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी को पत्र लिखा है।

इसमें कहा है कि सदर अस्पताल में आंख सम्बन्धित अत्याधुनिक इलाज की व्यवस्था नहीं है। व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए राज्य स्तर से एक टीम गठित की जाए। जिसे जांच के लिए सदर अस्पताल भेजा जाए। ताकि एक स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल के अनुसार ऑपरेशन थिएटर बनाया जा सके। साथ ही स्थल का भी चयन कर लिया जाए। जिसके बाद मानक अनुसार काम शुरू कर दिया जाएगा। CS के पत्र के बाद सम्भावना है कि की शीघ्र ही राज्य स्तरीय टीम सदर अस्पताल में निरीक्षण करने आएगी। जिसके बाद OT बनाने का काम शुरू हो जाएगा।

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प्राइवेट हॉस्पिटल के चक्कर काटने से छुटकारा

सदर अस्पताल में मोतियाबिंद का ऑपरेशन शुरू होने से मरीजों को काफी सहूलियत होगी। उन्हें प्राइवेट हॉस्पिटल के चक्कर काटने के झंझट से छुटकारा मिल जाएगा। अगर सरकारी अस्पताल में मरीजों के आंखों का इलाज किया जाएगा तो उम्मीद है कि दोबारा जिले में अंखफोरवा कांड जैसी घटना नहीं होगी। गरीब वर्ग के लोग लूटने से भी बच जाएंगे।

2010 से बंद है ऑपरेशन

बता दें कि सदर अस्पताल में 2010 से आंखों का ऑपरेशन बंद है। वर्तमान में सिर्फ OPD है। जिसमें भी उपकरण के नाम पर सिर्फ एक टोर्च है। इसी के सहारे मरीजों की आंखों का इलाज किया जाता है। भास्कर ने इसे प्रमुखता से उजागर किया था। जिसके नाद स्वास्थ्य महकमा हड़कत में आ गया और यहां OT बनाने की व्यवस्था शुरू कर दी गयी।

Source : Dainik Bhaskar

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