सिटिजन एमेंडमेंट बिल यानी सीएबी पर जेडीयू की तरफ से खुलकर सरकार का साथ दिया गया था, जिसके बाद जेडीयू (JDU) के भीतर से ही कई तरह की आवाजें उठनी शुरू हो गई थीं. पार्टी की तरफ से प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) से लेकर पवन वर्मा तक ने सवाल खड़ा किया. इन दोनों के अलावा गुलाम रसूल वलियावी समेत कई दूसरे नेताओं ने भी पार्टी के स्टैंड से असहमति जताई. हालांकि प्रशांत किशोर की नीतीश कुमार (Nitish Kumar) से मुलाकात के बाद उनके तेवर थोड़े नरम जरूर पड़े. लेकिन, पार्टी नेतृत्व को साफ करना पड़ा कि भले ही हमने सीएबी का समर्थन किया है लेकिन, एनआरसी (NRC) पर हमारा स्टैंड पुराना है, जो पहले था.
जेडीयू की तरफ से प्रधान महासचिव के सी त्यागी ने साफ-साफ शब्दों में कहा कि बिहार के लिए न तो सुप्रीम कोर्ट का कोई निर्देश है और न ही केंद्र की सरकार ने कोई कानून बनाया है, इसलिए यह मांग राजनीतिक है न कि व्यावहारिक.
के सी त्यागी का बयान ऐसे वक्त आया है, जब बीजेपी की तरफ से बिहार के कई नेता एनआरसी लागू करने की मांग कर रहे हैं. बीजेपी की तरफ से सांसद राकेश सिन्हा ने बिहार में एनआरसी लागू करने की मांग की है. उधर, पार्टी के फायरब्रांड नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह से लेकर राज्यसभा सांसद गोपालनारायण सिंह ने एनआरसी लागू करने की मांग लगातार की है.
ऐसे में इस मुद्दे पर बीजेपी और जेडीयू दोनों आमने-सामने आ गए हैं. दरअसल, सिटिजन एमेंडमेंट बिल पास होने के बाद से ही देशभर में कई जगहों पर हिंसा और प्रदर्शन हो रहे हैं. उधर, जेडीयू के भी कुछ नेताओं की तरफ से इसके खिलाफ आवाज उठाने के बाद पार्टी में आपसी खींचतान और कलह खुलकर सतह पर आ गई थी. लिहाजा डैमेज कंट्रोल के लिए पार्टी की तरफ से खुलकर एनआरसी के विरोध करने का फैसला किया गया है.
CAA पर प्रदर्शन को लेकर जेडीयू के तेवर तल्ख
यहां तक कि देश के अलग-अलग हिस्सों में सिटिजन एमेंडमेंट एक्ट के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन को लेकर जेडीयू के तेवर तल्ख हैं. जेडीयू ने इस मुद्दे पर सख्त तेवर दिखाते हुए एक बार फिर से एनडीए के भीतर सभी जरूरी मुद्दों पर सभी घटक दलों से सलाह लेने की जरूरत पर जोर दिया है.
धर, विरोधी लगातार जेडीयू और उसके मुखिया नीतीश कुमार पर सवाल खड़े कर रहे हैं. दिल्ली में विपक्षी पार्टियों की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने न्यूज 18 से बात करते हुए कहा कि बिहार के मुखिया के बारे में क्या कहें, सारा स्टैंड खूंटी पर टांग कर रख दिया है.
विरोधियों के हमले झेल रही जेडीयू की तरफ से बार-बार यह साबित करने की कोशिश हो रही है कि एनआरसी पर उसका स्टैंड पहले की तरह ही है. लिहाजा बीजेपी और जेडीयू के बीच तकरार की संभावना बढ़ गई है.
Input : News18