किसी देश की अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस का क्या असर हो सकता है, इसकी बानगी सोमवार को अमेरिका में नजर आई। यहां इतिहास में पहले Crude oil यानी कच्चे तेल की कीमत 0 (शून्य) डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गई। सोमवार को जब कारोबार शुरू हुआ तो यूएस क्रूड ऑयल फ्यूसर्च में डब्ल्यूटीआई क्रूड ऑयल की कीमत 18 डॉलर प्रति बैरल थी, जो अचानक 104 फीसदी से अधिक की गिरावट के साथ शून्य डॉलर प्रति बैरल से भी नीचे चली गई। हालांकि -1.43 डॉलर प्रति बैरल तक नीचे चले जाने के बाद दिन के आखिरी में कुछ सुधार हुआ और दाम शून्य से ऊपर आ गए।

भारत पर नहीं होगा कोई असर

अमेरिका में कच्चे तेल की इस गिरावट का भारत में ग्राहकों को कोई लाभ नहीं होगा। जानकारों का मानना है कि भारतीय ग्राहकों को पेट्रोल व डीजल की कीमतों में कोई राहत मिलने के आसार नहीं है। एक महीने से भी ज्यादा समय से देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें कमोवेश एक ही स्तर पर कायम हैं। लॉकडाउन की वजह से पेट्रोल व डीजल की मांग एकदम घट गई है।

अंतरराष्ट्रीय बाजार से कच्चा तेल नहीं खरीद रहा भारत

इंडियन ऑयन कंपनियों के अनुसार, Crude oil की कीमत कम होने के बावजूद भारत में असर नहीं होगा, क्योंकि भारत अभी अंतरराष्ट्रीय बाजारों में ज्यादा खरीदारी नहीं कर रहा है। कारण यह है कि भारत में तेल कंपनियों के पास अतिरिक्त भंडारण की जगह नहीं है। वहींं लॉकडाउन के कारण भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। कहा नहीं जा सकता कि 3 मई को लॉकडाउन खत्म होने के बाद हालात सामान्य हो जाएंगे।

Crude oil की खपत भी घट गई

दरअसल, दुनियाभर की पेट्रोलियम कंपनियां भंडारण क्षमता के अभाव में ज्यादा खरीदारी करने से हिचक रही हैं। इससे तेल की मांग पर असर पड़ रहा है व कीमतें भी दबाव में हैं। कोरोना की वजह से तकरीबन 200 करोड़ लोग घरों में बंद हैं और 60 फीसद से ज्यादा वाहन सड़कों से गायब हैं। हवाई जहाजों की उड़ानें भी पूरी तरह से बंद हैं। ऐसे में क्रूड ऑयल की खपत घट गई है।

Input : NBT 

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