रामनगरी अयोध्या में इसबार रामनवमी का पर्व बेहद खास होने जा रहा है. इस बार रामनवमी के अवसर पर 500 वर्षों में पहली बार भक्तों की राम जन्मभूमि परिसर में एंट्री होगी. आपको बता दें कि अयोध्या विवाद में सुप्रीम कोर्ट का फैसला राम मंदिर के पक्ष में आने से पहले तक रामनवमी पर्व का आयोजन राम जन्मभूमि परिसर में होता तो था, लेकिन श्रद्धालुओं की एंट्री नहीं होती थी. इस बार रामनवमी को लेकर राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने व्यापक व्यवस्था की है.

श्रद्धालु जन्म आरती और भोग में होंगे शामिल
25 मार्च से चैत्र नवरात्री, रामनवमी की शुरुआत हो रही है. राम जन्मोत्सव के मौके पर 2 अप्रैल को भव्य आयोजन होगा. मुख्य पुजारी राम जन्मभूमि आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि रामजन्म के समय 2 अप्रैल को श्रद्धालुओं को जन्म आरती व भोग में शामिल होने का अवसर मिलेगा. राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट राम नवमी की विशेष तैयारियां कर रहा है. इस बार राम जन्मोत्सव में देश के कोने-कोने से राम भक्त शामिल हो सकेंगे. श्रद्धालुओं को पहली बार भोग प्रसाद भी दिया जाएगा.

राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने की व्यापक व्यवस्था
ट्रस्ट इस बार तीन क्विंटल पंचमेवा पंजीरी और एक क्विंटल पंचामृत बनवा रहा है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की व्यवस्था के तहत रामनवमी का आयोजन होता रहा है. आयोजन में रिसीवर अयोध्या कमिश्नर की अनुमति लेनी होती थी. जिसमें राम जन्मोत्सव के समय दोपहर 12 बजे श्रद्धालुओं को आरती व भोग के समय खड़े होने की अनुमति नहीं होती थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट में रामलला के पक्ष में निर्णय आने के बाद और राम मंदिर के लिए राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट बनने के बाद व्यवस्था ट्रस्ट के हाथ में आ गई है.

रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि पंचमेवा और पंचामृत के साथ साथ फल, मिष्ठान का भोग भी लगाया जायेगा. राम नवमी के दिन रामलला सहित तीनों भाई लक्ष्मण, भरत व शत्रुघन को नए वस्त्र भी पहनाये जायेंगे. इससे पहले रिसीवर व्यवस्था में राम जन्मोत्सव के दौरान मात्र 51 हजार में ही सभी व्यवस्था करनी पड़ती थी. लेकिन इस बार ऐसा नहीं है. ट्रस्ट बनने के बाद राम जन्मोत्सव के लिए विशेष फंड की व्यवस्था की गई है.

टेंट छोड़ अस्थाई मंदिर में रामलला होंगे विराजमान
ट्रस्ट रामभक्तों को चैत्र नवरात्री के पहले दिन एक बड़ी सौगात भी दे रहा है.  चैत्र नवरात्री के पहले दिन 25 मार्च को रामलला भोर में टेंट से निकल कर नए फाइबर युक्त बुलेटप्रूफ शीशे से बने मंदिर में विराजमान होंगे. राम जन्मभूमि परिसर के मानस भवन की ओर नए चबूतरे का निर्माण हो गया है. लाइटिंग का कार्य किया जा रहा है. चबूतरे पर रखे मंदिर में रामलला विराजेंगे. रामलला के भक्तों को अब ज्यादा लम्बा भी नहीं चलना पड़ेगा. साथ ही रामलला का दर्शन भी भक्त नजदीक से कर सकेंगे.

मंदिर में प्रवेश से पहले भूमि का होगा शुद्धिकरण
रामलला के नए अस्थाई मंदिर में प्रवेश से पहले भूमि का शुद्धिकरण का भी किया जायेगा. बताया जा रहा है कि 20 मार्च से ही उत्सव की शुरुआत हो जाएगी. वाराणसी के वैदिक पंडितों को निमंत्रण दिया गया है. वैदिक ब्राह्मणों द्वारा भूमि का शुद्धिकरण किया जायेगा.

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