अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि के महत्व को देखते हुए वित्त मंत्रालय ने इसे ऐतिहासिक पूजा स्थल के रूप में मान्यता दे दी है। इसके साथ ही श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के खाते में दान की जाने वाली राशि को आयकर मुक्त कर दिया है। वित्त मंत्रालय के इस निर्णय पर अयोध्या के संतों व ट्रस्ट ने सरकार का आभार जताया है।

रामनगरी में रामलला के मंदिर निर्माण के लिए देश के कोने-कोने से दान आ रहा है। ट्रस्ट ने अप्रैल 2020 से मिलने वाले दान को आयकर से मुक्त करने की मांग केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय से की थी। अब वित्त मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है, इसमें श्रीराम जन्मभूमि को ऐतिहासिक पूजा स्थल के रूप में मान्यता देते हुए कहा गया है कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के खाते में अप्रैल माह से प्राप्त होने वाले दान की राशि दानदाताओं के लिए आयकर की धारा 80जी के तहत करमुक्त होगी। ट्रस्ट में दान करने के बाद लोग छूट के लिए क्लेम कर सकेंगे।

वित्त मंत्रालय के इस निर्णय के बाद राममंदिर निर्माण के लिए सहयोग करने वाले अब खुले मन से दान दे सकेंगे। लॉकडाउन के दौरान निर्माण कार्यों में छूट मिलने के बाद रामलला के मंदिर की नींव रखने से पहले की तैयारियां जोरों से की जा रही हैं।
लॉकडाउन के दौरान निर्माण कार्यों में ढील मिलने के बाद ट्रस्ट ने रामजन्मभूमि परिसर में सुरक्षा की दृष्टि बनाई गई बैरिकेडिंग को शनिवार तक लगभग हटा दिया है। इस बीच राममंदिर बनाने के लिए समतलीकरण का कार्य एलएंडटी के इंजीनियरों के देखरेख में करने की तैयारी तेज हो गई है। दो इंजीनियरों ने साइट का दौरा कर फाउंडेशन की मैपिंग की है। वहीं, लॉकडाउन में भी न्यूनतम एक हजार एक से लेकर करोड़ों के दान ट्रस्ट के खाते में आ रहे हैं। वित्त विभाग के निर्णय से अयोध्या के संत व ट्रस्टी खुश हैं।

दानदाता को मिलेगी शत प्रतिशत टैक्स से छूट : चंपत

ट्रस्ट को 80जी सेक्शन 2 मिलने पर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि यह सरकार की सामान्य प्रक्रिया है। जो व्यक्तिगत लाभ नहीं कमाते ट्रस्टी निजी हित के लिए रूपए नहीं लेते, दान का सभी पैसा समाज के लिए समर्पित रहता है। ऐसे सभी ट्रस्ट को यह क्लॉज मिलता है। हमने अप्लाई किया था जो ट्रस्ट को अब अधिकार मिल गया है। दानदाता जितना भी दान देगा उसे शत-प्रतिशत इनकम टैक्स में छूट मिलेगी।

सरकार ने मंदिर निर्माण में किया बड़ा सहयोग : आचार्य

रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का कहना है कि रामलला के भव्य मंदिर निर्माण कि लोगों को लंबे समय से प्रतीक्षा है। इसके लिए देश के कोने-कोने से लोग दान देना चाहते हैं। केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय ने ट्रस्ट को देने वाले दान में को आयकर मुक्त कर मंदिर निर्माण में एक बड़ा सहयोग दिया है। लोग अब खुले मन से ट्रस्ट को दान कर सकेंगे।

मंदिर निर्माण में आड़े नहीं आएगी धन की कमी : कमलनयन

मणिरामदास की छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास ने भी केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि अब बड़ी संख्या में दान दाता सामने आएंगें। राममंदिर निर्माण में धन की कोई कमी आड़े नहीं आने पाएगी। ट्रस्ट राममंदिर निर्माण की तैयारियों में जुटा है, लॉकडाउन से देश की स्थिति सामान्य होते ही निर्माण की प्रक्रिया युद्धस्तर पर शुरू होगी।

भव्य मंदिर निर्माण को मिला बल : डॉ अनिल रामंमदिर ट्रस्ट के सदस्य डॉ.अनिल मिश्र ने कहा कि राममंदिर के लिए दान देने का सिलसिला जारी है। भव्य मंदिर निर्माण को इस निर्णय से और अधिक बल मिला है। एक रूपए से लेकर एक करोड़ तक का दान लोगों द्वारा अब तक दिया जा चुका है। इनकम टैक्स में छूट देने से यह साबित होता है कि राममंदिर निर्माण की भव्यता को लेकर सरकार भी प्रतिबद्ध है।

स्वागतयोग्य है सरकार का निर्णय- दिनेंद्र दास: ट्रस्टी दिनेंद्र दास ने भी वित्त मंत्रालय के निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि दानदाता अब खुले मन से दान दे सकेंगे और रामनगरी में दिव्य-भव्य राममंदिर निर्माण की परिकल्पना साकार होगी। ट्रस्ट राममंदिर निर्माण की तैयारियों में जुटा है, हम अयोध्या में अतुलनीय अलौकिक राममंदिर का निर्माण चाहते हैं, सरकार के इस निर्णय से मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त होगा।

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