अयोध्या विवाद (Ayodhya Dispute) पर आए फैसले के खिलाफ दाखिल 18 पुनर्विचार याचिकाओं (Review Petitions) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की संविधान पीठ (Constitution Bench) ने इन चैम्बर सुनवाई के दौरान ही खारिज कर दी थी. बता दें पांच जजों की संविधान पीठ ने गुरुवार को करीब 50 मिनट तक सुनवाई की. इसके बाद सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया गया. याचिकाएं खारिज होने के साथ ही अब अयोध्या मामला कोर्ट में दुबारा नहीं लाया जाएगा.
9 नवंबर को सुनाया गया था फैसला
गौरतलब है कि 9 नवंबर को तत्कालीन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई वाली संविधान पीठ ने फैसला सुनाया था. इसमें विवादित जमीन रामलला को देते हुए राम मंदिर के लिए ट्रस्ट बनाने के निर्देश दिया था. साथ ही मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन देने का निर्देश दिया था. इस फैसले के खिलाफ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड व अन्य मुस्लिम पक्षकारों, जिनमे जमीयत उलेमा-ए-हिन्द भी शामिल था, उसने पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी. हालांकि मामले में सबसे बड़े पक्षकार सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और एक अन्य पक्षकार इकबाल अंसारी ने फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करने से इनकार कर दिया था.
मौलाना मुफ्ती हसबुल्लाह, मोहम्मद उमर, मौलाना महफूज उर रहमान, मिसबाउद्दीन, रिजवान, हाजी महबूब, असद और अयूब की ओर से पुनर्विचार याचिकाएं दाखिल की गई थीं. इसके अलावा ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने आठ लोगों की ओर से पुनर्विचार याचिकाएं दायर की थी. याचिकाओं को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड समर्थन दे रही थी.
तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, एसए बोबडे, डीवाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण और एस अब्दुल नजीर की पीठ ने सर्वसम्मति से सुनाया था. सुप्रीम कोर्ट के नियम के मुताबिक पुनर्विचार याचिकाओं पर वही पीठ विचार करती है जिसने मूल फैसला सुनाया होता है. लेकिन इस मामले में जस्टिस रंजन गोगोई सेवानिवृत हो चुके हैं ऐसे में पीठ में पांच न्यायाधीशों का कोरम पूरा करने के लिए सुनवाई पीठ में नये न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना को शामिल किया गया है.
Input : News18