भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) आज इतिहास रचने से चूक गया। पृथ्वी की निगरानी करने वाले उपग्रह EOS-3 की लांचिंग का मिशन फेल हो गया। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपण के बाद सैटेलाइट ने अपने दोनों चरणों को सफलतापूर्वक और तय समय पर पूरे किए। लेकिन तीसरे चरण में क्रायोजेनिक इंजन में तकनीकी खराबी आ गई। इसके कुछ देर बाद इसरो ने मिशन के पूरा नहीं होने की घोषणा की।

इस अभियान का उद्देश्य नियमित अंतराल पर बड़े क्षेत्र की वास्तविक समय पर तस्वीरें उपलब्ध कराना, प्राकृतिक आपदाओं की त्वरित निगरानी करना और कृषि, वनीकरण, जल संसाधनों तथा आपदा चेतावनी प्रदान करना, चक्रवात की निगरानी करना, बादल फटने आदि के बारे में जानकारी प्राप्त करना है। यह उपग्रह 10 साल तक सेवा देगा।

ईओएस-03 को 51.70 मीटर लंबे और 416 टन वजनी जीएसएलवी-एफ10 के जरिये आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर के दूसरे लांच पैड से गुरुवार सुबह लांच किया गया। ईओएस-03 का वजन 2,268 किलोग्राम है। इसे करीब 18 मिनट में जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर आर्बिट (जीटीओ) में स्थापित होना था। जीटीओ से इसे अपनी प्रोपल्शन प्रणाली के जरिये भू-स्थिर कक्षा में स्थापित किया जाना था।

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