असम के नगांव केंद्रीय कारागार और विशेष कारागार में सितंबर में कुल 85 कैदियों की जांच में एचआईवी संक्रमण की पुष्टि हुई है. स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.

नगांव बीपी सिविल अस्पताल के अधीक्षक डॉ. एलसी नाथ ने यहां शुक्रवार को मीडिया कर्मियों को बताया कि 85 एचआईवी संक्रमितों में से 45 विशेष कारागार के हैं और 40 नगांव के केंद्रीय कारगार के हैं. डॉ, नाथ ने कहा कि ये सभी नशे की लत के कारण संक्रमित हुए. उन्होंने कहा कि सिविल अस्पताल में पिछले महीने चार महिलाओं समेत 88 लोगों की जांच में संक्रमण की पुष्टि हुई थी.

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नगांव जिला स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार, ज्यादातर एचआईवी संक्रमित कैदी नशे के आदी हैं. वे प्रतिबंधित दवाएं लेने के लिए एक ही सुई का प्रयोग करते थे जिससे वे संक्रमण के शिकार हुए. स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के प्रधान सचिव अनुराग गोयल ने बताया था कि असम राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी (एएसएसीएस) की ओर से जो आंकड़े जारी किए गए हैं उसमें 2002 से 2021 तक असम में कुल 20085 एचआईवी पॉजिटिव मरीज मिले हैं. आंकड़ों के मुताबिक, कामरूप में सबसे अधिक 6,888 एचआईवी के मरीज मिले है जबक‍ि कछार में 4609 और डिब्रूगढ़ में 1245 एचआईवी संक्रमित मरीज सामने आए हैं.

गोयल ने बताया कि मोरीगांव, नागांव और नलबाड़ी जैसे जिलों में इंडेक्स टेस्टिंग के चलते एचआईवी संक्रमित मरीजों की संख्‍या तेजी से बढ़ी है. उन्‍होंने कहा कि जेल में ड्रग्‍स का इंजेक्‍शन लगाने के कारण कैदियों में एचआईवी संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं. बता दें कि इंडेक्स टेस्टिंग उन पार्टनर्स के कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के जरिए किया जाता है, जिनके साथ जेल के कैदी जेल के बाहर उच्च जोखिम वाले व्यवहार में लिप्त थे. यही कारण है क‍ि एचआईवी के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है.

(भाषा इनपुट के साथ)

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