असम में बुधवार को बाढ़ से जुड़ी घटनाओं में सात और लोगों की मौत हो गई. साथ ही 26 जिलों के लगभग 36 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. एक आधिकारिक बुलेटिन के अनुसार यह जानकारी सामने आयी है. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) ने कहा कि मोरीगांव जिले में तीन लोगों की मौत हो गई.

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अब तक बाढ़ के चलते 92 लोग अपनी जान गवां चुके है

जबकि बरपेटा में दो, सोनितपुर और गोलाघाट जिलों में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई. राज्य में बाढ़ से संबंधित घटनाओं में अब तक 92 लोगों की मौत हो चुकी है. बाढ़ में 66 लोगों की मौत हुई है, जबकि 26 लोगों की जान भूस्खलन की वजह से चली गई. एएसडीएमए ने कहा कि असम के 33 में से 26 जिलों में लगभग 36 लाख लोग प्रभावित हैं.

बारपेटा सबसे ज्यादा प्रभावित जिला

बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित जिला बारपेटा है जहां 5 लाख 50 हजार से ज्यादा लोग पलायन को मजबूर हुए. इसके अलावा धुबरी में 4 लाख 11 हजार, मोरीगांव 4 लाख 8 हजार और दक्षिण सालमाड़ा जिले में 2 लाख 25 हजार लोगों की जिंदगी पटरी से उतर गई है. सोमवार को 27 जिलों में करीब 22 लाख लोगों के प्रभावित होने की जानकारी सामने आई थी.

बाढ़ के चलते 1 लाख 28 हजार कृषि योग्य भूमि भी पानी में डूब गई

ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियों का पानी काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में घुस जाने से जानवर भी प्रभावित हुए थे. बाघ और अन्य जानवरों को जान बचाने के लिए मानव आबादी और ऊंचे इलाकों की ओर भागना पड़ा. बाढ़ के कारण 1 लाख 28 हजार कृषि योग्य भूमि भी पानी में डूब गई है. असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने आज धेमाजी जिले के जोनाई का दौरा कर बाढ़ के हालात की समीक्षा की.

उन्होंने लखीमपुर और अपने विधानसभा क्षेत्र माजुली में हालात का भी जायजा लिया.

Input : ABP News

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