अहियापुर में यु/वती काे जिं/दा ज/लाने के मुख्य आ/रोपी राजा राय और मुकेश राय के खि/लाफ शनिवार काे पुलिस ने न्या/यालय में चा/र्जशीट दायर कर दी। चा/र्जशीट के साथ काे/र्ट में 48 पन्ने की केस डायरी भी दी गई है। इस मा/मले में तीन डाॅक्टर समेत अलग-अलग 13 लाेगाें काे ग/वाह बनाया गया है।

पुलिस ने मौत से पहले मजिस्ट्रेट के सामने जिंदा जलाई गई युवती द्वारा दिए गए बयान के वीडियाे की सीडी भी साैंपी है। एसकेएमसीएच में युवती ने महिला मजिस्ट्रेट ललिता देवी और पटना के अपाेलाे बर्न हाॅस्पिटल में अनिता जायसवाल के समक्ष बयान दिया था। दाेनाें मजिस्ट्रेट काे भी कांड का मुख्य गवाह बनाया गया है। हालांकि केस डायरी व चार्जशीट में इस बात का जिक्र नहीं किया गया है कि युवती ने राजा के खिलाफ छेड़खानी की शिकायत की थी और अहियापुर थाने की पुलिस ने काेई कार्रवाई नहीं की थी। केस डायरी में इसका जिक्र नहीं किए जाने पर पीड़िता के वकील सुशील सिंह ने कहा कि पुलिस ने रिमांड पर लेकर राजा राय का स्वीकाराेक्ति बयान लिया था। उसके बयान से पुलिस ने कांड में अभियाेजन साक्ष्य काे कमजाेर करने की काेशिश की है।

पीड़िता के वकील का सवाल बेल के बाद ही पुलिस ने क्याें दायर की चार्जशीट

मामले में पीड़िता के वकील सुशील सिंह ने बताया कि काेर्ट ने तीन-तीन बार रिमाइंडर किया था, लेकिन पुलिस ने केस डायरी नहीं दी। जब मुकेश काे बेल मिल गया, तब काेर्ट में केस डायरी साैंपी गई है। इससे आरोपी काे राहत पहुंचाने की मंशा स्पष्ट हाे रही है। वकील ने बताया कि अब इस कांड में आरोपी की जमानत अर्जी खारिज करने के लिए हाई काेर्ट में अपील की जाएगी।

इनपुट : दैनिक भास्कर

 

 

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