जूरन छपरा रोड नंबर 2 स्थित मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल में 22 नवंबर को 65 लोगों की आंख का ऑपरेशन होने के बाद रोशनी जाने और डेढ़ दर्जन से अधिक मरीजों की आंख निकालने के मामले में अस्पताल प्रबंधन पर स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार देर शाम एफआईआर कराई। सिविल सर्जन और एसीएमओ ने संयुक्त रूप से आई हॉस्पिटल प्रबंधन की लापरवाही से अब तक 15 लोगों की आंख की रोशनी जाने को लेकर नगर थाने में केस दर्ज कराया। बताया जाता है कि विपक्ष ने जब बुधवार को विधानसभा में आई हॉस्पिटल की लापरवाही के मामले को लेकर जमकर हंगामा किया, उसके बाद सरकार व स्वास्थ्य विभाग ने और सख्ती बढ़ाई। राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक ने सिविल सर्जन को फोन कर पूरे मामले की जांच रिपोर्ट मांगी। एफआईआर कराने का निर्देश दिया।

उल्लेखनीय है कि आंख में इंफेक्शन से पीड़ित लोगों में से 9 का बुधवार को एसकेएमसीएच में फिर ऑपरेशन हुआ। सभी की आंख निकालनी पड़ी। सीएस ने अब तक 16 लोगों की आंख निकाले जाने की पुष्टि की है। चार पीड़ितों को गंभीर होने पर भर्ती किया गया है। इनका इलाज चल रहा है। गुरुवार काे एसकेएमसीएच में ही इनकी भी आंख निकाली जाएगी। एसकेएमसीएच में कुल 15 मरीज भर्ती हुए हैं। यहां अलग-अलग दिनाें में 11 मरीजों की आंख निकाली गई। मुख्यालय के निर्देश के बाद सिविल सर्जन डॉ विनय कुमार शर्मा और एसीएमओ सह डीपीएम अंधापन डॉ सुभाष प्रसाद सिंह गुरुवार दोपहर भी आई हॉस्पिटल पहुंचे।

उन्होंने आई हॉस्पिटल प्रबंधन को पत्र थमा कर कई बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी। पत्र में लिखा कि 30 नवंबर को अस्पताल के निरीक्षण में कई कागजात की मांग की गई थी, जिसे 1 दिसंबर तक अस्पताल ने विभाग को उपलब्ध नहीं कराया। दोनों अधिकारियों ने अस्पताल के सील ओटी का भी जायजा लिया कि कहीं चुपके से प्रबंधन ने इसे खाेला ताे नहीं? इस दाैरान परिसर में इक्के-दुक्के मरीज ही दिखे।

उल्लेखनीय है कि 22 से 27 नवंबर के बीच आई हॉस्पिटल में ऑपरेशन कराए सभी 328 मरीजों का फॉलोअप हाेगा। इनके बीएचटी मिलने के बाद सदर अस्पताल में सेल गठित होगी। सीएस ने कहा कि इनमें 65 की हालत ताे गंभीर है ही, जो दूसरे मरीज भी सामने आ रहे हैं, उनकी आंख खराब हो चुकी है। इसलिए सर्जरी और ओपीडी वाले मरीजों के नाम-पते लेकर पड़ताल जरूरी है।

अस्पताल प्रबंधन से पैनलिस्ट सर्जन, बीसीएमआर सर्टिफिकेट और कार्य सहमति पत्र आदि मांगे गए हैं। कर्मियों के 2 वर्षों का बैंक से भुगतान विवरण भी मांगा गया है। आई हाॅस्पिटल में लापरवाही का आलम यह है कि जिन 24 मरीजाें काे सिविल सर्जन ने बुधवार काे एसकेएमसीएच भेजने के लिए कहा, उन्हें एंबुलेंस ही नहीं मिला। सभी घर चले गए।

23 को ऑपरेशन कराई एक महिला काे भी देखने में दिक्कत

आई हॉस्पिटल में सिविल सर्जन डॉ. विनय शर्मा से दलसिंहसराय की एक महिला संजीदा खातून ने नहीं दिखने की शिकायत की। बताया कि 23 नवंबर को ऑपरेशन के बाद वह घर चली गई थी। दाे दिन बाद से आंख में जलन शुरू हो गया था। अब तो दिखाई ही नहीं दे रही है। सिविल सर्जन ने उस महिला को एसकेएमसीएच जाने के लिए कहा। उधर, सीएस और एसीएमओ एसकेएमसीएच भी पहुंचे। वहां प्रिंसिपल और अधीक्षक से भर्ती मरीजों की स्थिति की जानकारी ली।

आईबी ने सिविल सर्जन से पूरे मामले की मांगी रिपोर्ट

घटना की गंभीरता को देखते हुए इंटेलिजेंस ब्यूरो ने सिविल सर्जन से आई हॉस्पिटल मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। आईबी के डीएसपी ने सिविल सर्जन को फोन कर पूरे घटनाक्रम की विस्तृत रिपोर्ट देने का अनुरोध किया है। हालांकि, विभाग की ओर से जांच रिपोर्ट आने के बाद ही आईबी को रिपोर्ट देने को कहा गया है। दूसरी ओर, एसकेएमसीएच के सुपरिटेंडेंट डॉ. बीएस झा ने बताया कि पहले से जो आई विभाग है, उससे अलग एक स्पेशल वार्ड आई हॉस्पिटल की पीड़ित मरीजों के लिए बना दिया गया है। यहां 24 घंटे बेहतर इलाज का प्रबंध किया गया है।

एनएचआरसी का मुख्य सचिव को नोटिस

मुजफ्फरपुर में मोतियाबिंद सर्जरी के कारण कई रोगियों की आंखें निकाल लिए जाने की खबर पर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने भी संज्ञान लिया है। आयोग ने पाया है कि इस तरह की लापरवाही से आंखों का ऑपरेशन करना, मेडिकल प्रोटोकॉल के नियमों के उल्लंघन का एक गंभीर मामला है। इसके लिए आयोग ने मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। प्रतिक्रिया 4 सप्ताह के भीतर अपेक्षित है।

अब तक 15 मरीजों की आंख निकाली जा चुकी है। इसमें 11 एसकेएमसीएच और चार आई हॉस्पिटल का मामला है। चार और गंभीर मरीज भर्ती हैं, जिनकी आंख निकाले जाने की चिकित्सकों ने बात कही है। अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही बरतने को लेकर ब्रह्मपुरा थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। कल्चर रिपोर्ट आने के बाद जांच टीम की रिपोर्ट पर आगे की कार्रवाई हाेगी। अब तक की रिपोर्ट से स्वास्थ्य मुख्यालय पटना और डीएम को अवगत करा दिया गया है। – डॉ. विनय कुमार शर्मा, सिविल सर्जन, मुजफ्फरपुर।

Source : Dainik Bhaskar

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