मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के दौरान हुई लापरवाही गंभीर होती जा रही है। मंगलवार को एसकेएमसीएच में दो मरीजों की संक्रमित आंख निकालनी पड़ी। इसके पहले ऑपरेशन के दूसरे दिन ही स्थिति गंभीर होने पर आई अस्पताल ने आनन-फानन में चार मरीजों की आंख निकाल दी थी।
मामला दबाने के प्रयास में अस्पताल प्रबंधन ने इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग या जिला प्रशासन तक को नहीं दी थी। मंगलवार को जांच टीम की सख्ती के बाद अस्पताल प्रबंधन ने पहले ही चार लोगों की आंख निकालने की बात स्वीकारी। जांच टीम ने आशंका जताई है कि दर्जनभर से अधिक मरीजों की आंख निकालनी पड़ सकती है।
ऑपरेशन कराने वाले ज्यादातर मरीजों का कॉर्निया बेकार हो गया है। कई मरीजों में संक्रमण ब्रेन तक पहुंचने का खतरा है। छह पीड़ितों की हालत गंभीर है। इन सबकी आंख बुधवार को एसकेएमसीएच में निकाली जाएगी। उधर, डीएम प्रणव कुमार ने अगले आदेश तक मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल में ऑपरेशन पर रोक लगा दी है।
आई हॉस्पिटल में ऑपरेशन में लापरवाही के कारण लोगों की आंख की रोशनी जाने का मामला मंगलवार को गरमाया रहा। स्वास्थ्य विभाग के साथ ही प्रशासनिक अधिकारी भी अलर्ट मोड में दिखे। डीएम के आदेश पर एसीएमओ डॉ.सुभाष प्रसाद सिंह के नेतृत्व में बनी जांच टीम लगभग 11 बजे आई हॉस्पिटल पहुंची।
अस्पताल प्रबंधन के अधिकारियों के साथ ही ऑपरेशन करने वाले डॉ. एनडी साहू को भी बुलाया गया था। गौरतलब है कि सोमवार को डॉ. साहू ने इस बात से इनकार कर दिया था कि उन्होंने ऑपरेशन किया है। मंगलवार को जांच टीम के सामने उन्होंने ऑपरेशन करने की बात कबूली।
मामले की जांच होगी : निदेशक
राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने कहा कि मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल में मोतियाबिंद कैंप से जुड़े मामले की जांच करायी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस संबंध में जिला स्वास्थ्य प्रशासन से विस्तृत रिपोर्ट मांगी जाएगी।
प्रोटोकॉल का उल्लंघन
ऑपरेशन के बाद चार लोगों की आंख निकाले जाने की बात अस्पताल प्रशासन ने छिपा रखी थी। इसकी जानकारी डीएम और सिविल सर्जन तक को नहीं दी गई। मंगलवार को जांच टीम के सामने इसका खुलासा हुआ। टीम ने ऑपरेशन के प्रोटोकॉल पर कई सवाल किए। किसी का भी अस्पताल प्रबंधन संतोषप्रद जवाब नहीं दे सका। प्रोटोकॉल के अनुसार एक दिन में एक डॉक्टर को केवल बारह ऑपरेशन करने हैं। प्रबंधन से पूछा गया है कि किस परिस्थिति में एक डॉक्टर ने 65 लोगों का ऑपरेशन किया। इसके साथ ही ओटी की स्थिति और भीड़ की तुलना में अन्य संसाधन की जांच की।
कल्चर के लिए ओटी से लिए नमूने
जांच टीम में शामिल नेत्र रोग विशेषज्ञों ने आंशका जताई कि ऑपरेशन के पहले इस्तेमाल होनी वाली आरएल (ऑपरेशन के पहले आंख साफ करने वाली दवा) के संक्रमित होने के कारण भी इस ढंग की समस्या आ सकती है। एसकेएमसीएच के माइक्रो बायोलॉजी विभाग की टीम ने कल्चर जांच के लिए ओटी से नमूने लिए।
जांच रिपोर्ट के बाद होगी प्राथमिकी: डीएसपी
मंगलवार को अस्पताल प्रबंधन पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। इस संबंध में नगर डीएसपी राम नरेश पासवान ने कहा कि जांच रिपोर्ट आने क बाद ही एफआईआर दर्ज की जाएगी। रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
सिविल सर्जन डॉ. विनय कुमार शर्मा ने कहा, ‘मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल ने जांच टीम के सामने स्वीकार किया कि चार मरीजों की आंख पहले निकाली गई थी। जांच टीम की रिपोर्ट के बाद आगे कार्रवाई की जाएगी।’
एसीएमओ डॉ. सुभाष प्रसाद सिंह ने कहा, ‘स्थिति गंभीर है। आंखों में गंभीर संक्रमण के और मरीज सामने आ सकते हैं। इन्हें बचाने के लिए इनकी आंख निकालनी पड़ सकती है।’
डीएम प्रणव कुमार ने कहा, ‘मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल में ऑपरेशन पर रोक लगा दी गई है। जांच टीम तकनीकी गड़बड़ी, अस्पताल में मौजूद संसाधनों समेत कई बिंदुओं की पड़ताल कर रही है। रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।’
Source : Hindustan
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