लॉकडाउन के करीब 45 दिनों के बाद कॉलेजों और पीजी विभागों को खोलने का फैसला आने के बाद बुधवार को कॉलेजों में पसरा सन्नाटा टूटेगा। 17 मई तक के लिए कॉलेजों और विभागों में कर्मियों को रोस्टर के अनुसार बुलाने के लिए कहा गया है। साथ ही वर्ग क और ख के सेवक प्रतिदिन कॉलेज आएंगे। इसके अलावे वर्ग ग और न्यूनवर्गीय व संविदा पर तैनात कर्मियों को 33 फीसद के अनुसार बुलाना है।
कॉलेजों और विभागों में कक्षाओं के संचालन पर पूरी तरह रोक है जबकि, एकेडमिक कैलेंडर के अनुसार ऑनलाइन कक्षाओं के संचालन की छूट दी गई है। मास्क पहन कर ही कर्मियों और अधिकारियों को कॉलेजों और विवि के विभागों में प्रवेश करने को कहा गया है। मास्क पहन कर ही कर्मियों और अधिकारियों को कॉलेजों और विवि के विभागों में प्रवेश करने को कहा गया है। साथ ही शारीरिक दूरी का पालन करने और प्रत्येक विभाग में सैनिटाइजर की व्यवस्था सुनिश्चित कराने को कहा गया है। इस अवधि में वेतन भुगतान, न्यायालय से जुड़े मामले व अन्य आवश्यक कार्यों को पूरा करना है।
कुसलचिव ने जारी किए गए पत्र में लिखा है कि एकेडमिक सेक्सन के अपर डिविजन क्लर्क गौरव, डेवलपमेंट सेक्शन के कंप्यूटर ऑपरेटर संजीव कुमार और डीआर टू कार्यालय के चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी चंदन कुमार को अपने कार्य के अलावे आइक्यूएसी का भी कार्य देखेंगे।
आइक्यूएसी में तीन कर्मियों की नियुक्ति
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में नैक को लेकर बनाई गई इंटरनल क्वालिटी एस्योरेंश सेल (आइक्यूएसी) में तीन कर्मियों की नियुक्ति की गई है। कुलपति डॉ.अमरेंद्र नारायण यादव के समय ही इस सेल का गठन किया गया था। लेकिन, क्लर्क ओर कर्मियों के नहीं होने के कारण इसका कार्य प्रभावित हो रहा था।
Input : Dainik Jagran