घट’नाओं का सिलसिला कब और कैसे शुरु होता है ये पब्लिक डोमेन में कोई नहीं जानता,मा’मला पब्लिक में तब आया जब शहर के चर्चित RTI ACTIVIST हेमंत कुमार के उपर पुर्व में चर्चित रहीं दीपशिखा परासर के द्वारा पोस्को एक्ट के तहत के’स दायर किया गया जिसमें आ’रोप यह लगा कि हेमंत कुमार ने दीपशिखा परासर के घर उनके पति वैभव मिश्रा को ढूंढते हुए गए और उन्हें अग’वा करके जा’न से मा’रने कि ध’मकी दि और उनके और उनकी सात साल कि बेटी के साथ अ’भद्र एवं ग’लत करने का प्र’यास किया।
सदर थाना में केस दर्ज होतें ही हेमंत कुमार ने पुर्व में मुजफ्फरपुर में पदस्थापित और वर्तमान में बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय पर आरोप लगाते हुए फेसबुक पर पोस्ट लिखते हुए कहा कि “डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय ने वैभव मिश्रा के जरिये सदर थाना मुजफ्फरपुर मे मुझपर पॉक्सो एक्ट का मुकदमा दर्ज कराया!”
इस तरह हेमंत कुमार के यह लिखे जाने पर कि “केस श्री गुप्तेश्वर पांडेय के इशारे पर हुआ है”के बाद बौखलाए वैभव मिश्रा ने अपने चीर परिचित अंदाज में फेसबुक पर लाइव आ कर हेमंत कुमार पर आरोपों कि बौछार करते हुए पुराने मामलों कि जिनमें हेमंत आरोपी हैं का जिक्र करते हुए पोस्ट्स शेयर करने लगा।
वैभव ने लाइव विडियो के दौरान लगातार दावा किया था कि वो डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय से एक शिष्टाचार मुलाकात के अलावा कभी नहीं मिला। वैभव द्वारा ऐसा कहने पर हेमंत कुमार ने नीचे दिया तस्वीर और विडियो साझा करते हुए वैभव को झुठलाया।
ये दोनो तरफ से चल रहे आपसी फेसबुकिया नूरा कुश्ती में राज्य के डीजीपी श्री गुप्तेश्वर पांडेय जी और सिवान और मुजफ्फरपुर के एसएसपी का नाम चर्चा में उठाया जा रहा है, दोनों तरफ से दावा किया गया कि गुप्तेश्वर पांडेय एक दुसरे के करीबी हैं, और हैरत कि बात ये है कि डीजीपी से एक दुसरे को करीबी दिखाने के पीछे मंसा उनसे सांठ गांठ दिखाने कि ऐसा करने के लिए फोटोशाफ्ड तस्वीरें और वाट्सऐप् चैट्स का पुरज़ोर इस्तेमाल किया गया जा रहा,जो कि वैभव मिश्रा के द्वारा बाद में डिलीट भी कर दिया गया है।
आरोप प्रत्यारोप आपसी है और तस्वीर फोटोशाफ्ड है या नहीं ये मामला तो न्यायालय देखेगा, लेकिन देखने में ही वैभव मिश्रा द्वारा इस्तेमाल किए गए हेमंत कुमार के डीजीपी के साथ वाले तस्वीर मारफ्ड लगें क्योंकि पब्लिक फंक्शन में उसी तस्वीर के असली तस्वीर में कोई और बैठा दिख रहा है जिसे टेक्नोलोजी के मदद से वैभव ने बनाया है, वहीं वैभव के डीजीपी के साथ वाला तस्वीर सिंगल होने कि वजह से कुछ कहना सही नहीं होगा।अब ऐसे फेसबुकिया नुरा कुश्ती में डीजीपी के गरिमामयी पद का जिक्र बार-बार और लगातार किया जा रहा और सोशल मिडिया पर कमेंट्स में लोग तरह तरह के आरोप भी लगातार लगाए जा रहें हैं।