अब रेलवे के अस्पतालों में भी आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों का इलाज हो सकेगा। इसका लाभ रेलकर्मियों व लाइसेंसी सहायकों के अलावा अन्य लोगों को मिलेगा। इस संबंध में पूर्व मध्य रेलवे, हाजीपुर ने रेलवे अस्पतालों को योजना के तहत जोड़ा है। अन्य तैयारी तेजी से चल रही है। जल्द ही इलाज शुरू हो जाएगा।

रेल मंत्रलय की यह योजना भारतीय रेलवे के सभी चिकित्सालयों में लागू होगी। इस संबंध में रेलवे बोर्ड ने सभी महाप्रबंधकों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। यहां योजना से जुड़ा गोल्डन कार्ड रखने वाले लोग, स्टेशन पर मौजूद लाइसेंसधारी सहायक (कुली) व उनके परिवार और इसके दायरे में आने वाले रेलकर्मियो को यह सुविधा मिलेगी। लाइसेंसधारी सहायकों का इस योजना के तहत इलाज सिर्फ रेलवे अस्पताल में होगा। आवश्यकता पड़ने पर दूसरे केंद्रीय और मंडलीय रेलवे अस्पताल में रेफर किया जाएगा।

पांच लाख तक के इलाज की सुविधा : आयुष्मान भारत योजना में गोल्डन कार्डधारी मरीज को सरकारी और सूचीबद्ध अस्पतालों में साल में पांच लाख रुपये तक मुफ्त इलाज की सुविधा है। यदि किसी परिवार में पांच सदस्य हैं। एक सदस्य के बीमार होने पर पांच लाख से अधिक राशि खर्च होती है तो दूसरे सदस्य के बीमार होने पर योजना का लाभ नहीं मिलेगा। लेकिन, एक सदस्य के इलाज पर तीन लाख खर्च होते हैं तो दूसरे को दो लाख तक इलाज की सुविधा मिलेगी। योजना में बड़ी बीमारियों की सर्जरी के साथ दवाइयों के अलावा छोटे मेडिकल टेस्ट भी शामिल हैं। सरकारी अस्पतालों में दवाइयां और जांच की सुविधा नहीं होने पर निजी मेडिकल स्टोर और जांच लैब को योजना के लिए सूचीबद्ध किया गया है। पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. गो¨वद प्रसाद का कहना है कि रेलवे अस्पतालों में आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों को सुविधा देने की प्रक्रिया चल रही है। इसके लिए जोनल स्तर से रजिस्ट्रेशन किया गया है। गोल्डन कार्ड से मरीजों का इलाज हो सकेगा।

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