आयुष मंत्रालय (Ministry of AYUSH) ने बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ( Patanjali Ayurved Ltd) को फिलहाल कोरोनो की दवा कोरोनिल (Coronil) का प्रचार नहीं करने के निर्देश दिए हैं. आयुष मंत्रालय ने पतंजलि से दवा के नतीजों की पूरी जानकारी मुहैया करने का निर्देश दिया है. बता दें कि योग गुरू बाबा रामदेव (Baba Ramdev) ने मंगलवार को कोविड19 (COVID19) की आयुर्वेदिक दवा को लॉन्च किया. इसे कोरोनिल टैबलेट (Coronil) नाम दिया गया है. बाबा रामदेव का कहना है कि यह कोरोना के लिए पहली आयुर्वेदिक क्लीनिकली कंट्रोल्ड, रिसर्च, प्रमाण और ट्रायल बेस्ड दवा है.
AYUSH ministry orders Patanjali to stop advertising its COVID drug until "issue" is examined
— Press Trust of India (@PTI_News) June 23, 2020
कोरोनिल किट की इतनी है कीमत
आयुष मंत्रालय ने एक प्रेस रिलीज में कहा, पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को कोविड-19 इलाज की दवा का नाम और कम्पोजिशन का नाम उपलब्ध कराने को कहा गया है. साथ ही साइट/अस्पताल जहां कोविड-19 के लिए रिसर्च स्टडी, सैम्पल साइज, इंस्टीट्यूशनल एथिक्स कमिटी क्लियरेंस, CTRI रजिस्ट्रेशन और स्टीड का नतीजा उपलब्ध कराने को कहा गया है. इसके अलावा पतजंलि आयुर्वेद को इस तरह के दावों को विज्ञापन / प्रचारित करना बंद करें को कहा है जब तक कि इस मुद्दे की विधिवत जांच नहीं हो जाती.
कोरोनिल किट 545 रुपए में उपलब्ध होगी. योगगुरु रामदेव के मुताबिक, इस दवाई को बनाने में सिर्फ देसी सामान का इस्तेमाल किया गया है, जिसमें मुलैठी-काढ़ा समेत कई चीज़ों को डाला गया है. साथ ही गिलोय, अश्वगंधा, तुलसी, श्वासरि का भी इस्तेमाल किया गया. रामदेव ने कहा कि आयुर्वेद से बनी इस दवाई को अगले सात दिनों में पतंजलि के स्टोर पर मिलेगी, इसके अलावा सोमवार को एक ऐप लॉन्च किया जाएगा जिसकी मदद से घर पर ये दवाई पहुंचाई जाएगी.
बाबा रामदेव ने बताया कि इस दवाई पर हमने दो ट्रायल किए हैं. 100 लोगों पर क्लीनिकल स्टडी की गई उसमें 95 लोगों ने हिस्सा लिया. 3 दिन में 69 फीसदी मरीज ठीक हो गए, जबकि 7 दिन में 100 फीसदी मरीज स्वस्थ हो गए. कोरोनिल को पतंजलि योगपीठ ने बनाया है. बाबा रामदेव ने 3 दवाओं की एक किट लॉन्च की. कोरोनिल के क्लीनिकल कंट्रोल्ड ट्रायल्स पतंजलि रिसर्च सेंटर और NIMS जयपुर ने मिलकर किए हैं.
आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक दिव्य कोरोनिल टैबलेट में शामिल अश्वगंधा कोविड-19 के आरबीडी को मानव शरीर के एसीई से मिलने नहीं देता. इससे संक्रमित मानव शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं में प्रवेश नहीं कर पाता. वहीं गिलोय भी संक्रमण होने से रोकता है. तुलसी का कंपाउंड कोविड-19 के आरएनए-पॉलीमरीज पर अटैक कर उसके गुणांक में वृद्धि करने की दर को न सिर्फ रोक देता है, बल्कि इसका लगातार सेवन उसे खत्म भी कर देता है. वहीं श्वसारि रस गाढ़े बलगम को बनने से रोकता है और बने हुए बलगम को खत्म कर फेफड़ों की सूजन कम कर देता है.
Input : News18