भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को कहा कि उसने कर्नाटक के डेक्कन अरबन को-अपरेटिव बैंक लिमिटेड को नया कर्ज देने या जमा स्वीकार करने से प्रतिबंधित कर दिया है। साथ ही ग्राहक अपने बचत खाते से 1000 से ज्यादा की निकासी नहीं कर सकते। यह निर्दश छह महीने के लिए है।

सहकारी बैंक को बिना पूर्व मंजूरी के कोई नया निवेश या नई देनदारी लेने से भी मना किया गया है। आरबीआई ने कहा कि उसने बैंक के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) को गुरुवार (18 फरवरी) को यह निर्देश दिया। केंद्रीय बैंक ने एक विज्ञप्ति में कहा, बैंक की मौजूदा नकदी स्थिति को देखते हुए जमाकर्ताओं को सभी बचत खातों या चालू खातों से 1000 रुपए से अधिक निकालने की अनुमति नहीं दी जा सकती।

आरबीआई के अनुसार ग्राहक अपने कर्ज का निपटान जमा के आधार पर कर सकते हैं। यह कुछ शर्तों पर निर्भर है। नियामक ने कहा, हालांकि 99.58 प्रतिशत जमाकर्ता जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम बीमा निगम (डीसीजीसी) योजना के दायरे में हैं। डीसीजीसी आरबीआई की पूर्ण अनुषंगी है। यह बैंक जमा पर बीमा उपलब्ध कराता है।

आरबीआई ने कहा कि बैक पर पाबंदी का यह मतलब नहीं निकालना चाहिए कि उसका बैंक लाइसेंस रद्द किया जा रहा है। बैंक वित्तीय स्थिति में सुधार तक बैंक कारोबार पूर्व की तरह करता रहेगा। ये निर्देश 19 फरवरी, 2021 की शाम से छह महीने के लिये प्रभाव में रहेगा जो आगे समीक्षा पर निर्भर करेगा।

बता दे कि इससे पहले इसी महीने आरबीआई ने महाराष्ट्र के नासिक स्थिति इंडिपेंडेंस को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड से पैसा निकालने पर रोक लगा थी। रोक लगाने के बाद आरबीआई ने कहा था कि बैंक की 99.88 प्रतिशत जमाकर्ता पूर्ण रूप से ‘डिपोजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन बीमा योजना के दायरे में हैं। आरबीआई ने कहा था कि मौजूदा नकदी की स्थिति को देखते हुए किसी भी खाते से जमा राशि में से कोई भी रकम निकालने की अनुमति नहीं होगी।

Input: Live Hindustan

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