दीपावली के बाद शहर के वायु प्रदूषण का ग्राफ लगातार मानक से ज्यादा रहा है। छठ के दिन यह आरेंज जोन में पहुंच गया। प्रदूषण लगातार बढऩे से लोगों में सांस लेने में परेशानी की शिकायत मिल रही हैं। गुरुवार को अपने शहर का प्रदूषण 256 एक्यूआइ पर जाकर थमा। इसी तरह पटना का 296 तो गया का प्रदूषण ग्राफ 192 एक्यूआइ पर पहुंचा। तीन शहरों की बात करें तो गया से ज्यादा और पटना से कम प्रदूषण का ग्राफ अपने शहर का रहा है।
आठ नवंबर को सबसे ज्यादा ग्राफ
सबसे उच्चतम स्तर पर आठ नवंबर को प्रदूषण का ग्राफ 358 पर पहुंच गया। उसके बाद 11 नवंबर तक मानक से ऊपर है। अचानक प्रदूषण का ग्राफ बढऩे से सांस संबंधी परेशानी के मरीज सरकारी से लेकर निजी अस्पतालों में पहुंच रहे हैैं। मेडिसिन विशेषज्ञ डा.नवीन कुमार ने बताया कि इधर उनके क्लीनिक पर सांस लेने में तकलीफ की शिकायत लेकर लोग आ रहे हैं । दीपावली के बाद से वायु प्रदूषण का ग्राफ ज्यादा था। छठ के बाद कम हुआ है, लेकिन अभी आरेंज जोन में है। सावधान रहने की जरूरत है। इधर-उधर कचरा नहीं जलाएं। जाड़े के मौसम में जब तापमान और हवा की गति कम होती है तब प्रदूषित धूलकण/पर्टिकुलेट मैटर बढ़ते हैं। वायु प्रदूषण के नियंत्रण के उपायों का सख्ती से अनुपालन कराने की जरूरत है।
दीपावली के बाद वायु प्रदूषण की स्थिति
तिथि – मानक
तीन नवंबर—244 एक्यूआइ
चार नवंबर—285 एक्यूआइ
पांच नवंबर—306 एक्यूआइ
छह नवंबर–303 एक्यूआइ
सात नवंबर–321 एक्यूआइ
आठ नवंबर–358 एक्यूआइ
नौ नवंबर को –डाटा अप्राप्त
10 नवंबर –249 एक्यूआइ
11 नवंबर–256 एक्यूआइ
वायु गुणवत्ता का ये है मानक
शून्य से 50 के बीच के एक्यूआइ को अच्छा, 51 से 100 को संतोषजनक, 101 से 200 के बीच को मध्यम, 201 से 300 के बीच को खराब , 301 से 400 के बीच को बहुत खराब और 401 से 500 के बीच को गंभीर श्रेणी में माना जाता है।
Source : Dainik Jagran
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