प्रॉपर्टी डीलर आशुतोष शाही की हत्या में इस्तेमाल पिस्टल के साथ पटना के जानीपुर से उज्ज्वल और शिवम उर्फ गोलू को बिहार एसटीएफ की टीम ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया।

आशुतोष शाही की हत्या के दूसरे दिन पुलिस ने उज्ज्वल के घर पर जानीपुर में छापेमारी की थी। हालांकि तब वह फरार हो गया था। संदिग्ध मानकर बिहार एसटीएफ उसकी तलाश में जुटी थी। गिरफ्तारी के बाद पटना में सीआईडी और बिहार एसटीएफ के अधिकारियों की टीम उज्ज्वल और गोलू से पूछताछ कर रही है। बीते 21 जुलाई को हुई आशुतोष शाही की हत्या में नामजद मंटू शर्मा और गोविंद से गिरफ्तार उज्ज्वल और गोलू के जुड़ाव की भी टीम को आशंका है।

आशुतोष शाही की हत्या के बाद उज्ज्वल के घर पर हुई छापेमारी में पुलिस उसके घर पर लगे कैमरे का रिकॉर्डर और डीबीआर सेट जब्त किया था। उज्ज्वल के साथ गोलू भी कई अपराधों में भागीदार रहा है।

उज्ज्वल पर अपनी ही पंचायत रामपुर फरीदपुर के भूतपूर्व मुखिया नीरज कुशवाहा की हत्या का भी आरोप है। इस बार के चुनाव में जीतने के बाद नीरज मुखिया बने थे, लेकिन कुछ ही दिन बाद उनकी हत्या कर दी गई। इस हत्या में उज्ज्वल मुख्य आरोपित है। हत्या के पीछे उसी का हाथ माना जा रहा है। कुछ समय बाद जब इस पंचायत में उपचुनाव कराए गए, तो उज्ज्वल की मां चंचल देवी यहां की मुखिया बनी। बताया जाता है कि मुखिया बनाने में उसकी भूमिका काफी अहम रही है। उसके खिलाफ पटना जिले के विभिन्न थानों में हत्या, रंगदारी समेत अन्य कई मामले दर्ज हैं।

बता दें कि 21 जुलाई की देर शाम लकड़ीढाई में बाइक से पहुंचे चार शूटर ने आशुतोष शाही और उसके तीन बॉडीगार्ड की हत्या कर दी थी। गोलियों से आशुतोष शाही और उसके तीन बॉडीगार्ड को छलनी कर दिया गया था।

मामले में आशुतोष की पत्नी दीपांदिता के बयान पर मंटू शर्मा, गोविंद, शेरू अहमद, विक्कू शुक्ला, वकील सैयद कासिम हसन उर्फ डॉलर और रणंजय ओंकार को नामजद व अन्य अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। अब तक पुलिस मामले में ओंकार का सुराग नहीं ढूंढ पाई है।

आशुतोष शाही और उनके तीन बॉडीगार्ड की हत्या में जेल में बंद नामजद आरोपित गोविंद की ओर से सोमवार को सीजेएम कोर्ट में नियमित जमानत अर्जी दाखिल की गई है। जमानत अर्जी गोविंद के अधिवक्ता प्रियरंजन उर्फ अन्नू ने दाखिल की है। जमानत अर्जी पर मंगलवार को सीजेएम पंकज कुमार लाल सुनवाई करेंगे।

उज्जवल के पास से 4.5 एमएम की एक अवैध पिस्टल, 6 कारतूस और 2 मोबाइल मिले हैं। आशुतोष शाही की हत्या के वक्त पुलिस ने मौके से इस बोर के खोखे जब्त किए थे। एफएसएल जांच में यदि यह साबित होता है कि पिस्टल हत्या में इस्तेमाल की गई थी तो मुख्य साजिशकर्ता व शूटर तक का खुलासा हो जाएगा।

Source : Hindustan

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