बिहार में चार दिनों तक चलने वाले लोक आस्था के महापर्व ‘चैती छठ’ आज से शुरू हो गया। हालांकि कोरोना वायरस की वजह से बिहार के लगभग हर घर में मनाये जाने वाले व्रतियों की काफी कम हो गयी है। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए ज्यादातर व्रतियों ने इस साल छठ पर्व नहीं करने का निर्णय लिया है।

छठी मइया मांग रहे कोरोना से जंग जीतने की मन्नत

वैसे छठ के पर्व में पूरे परिवार का सहयोग होता है, और इस मौके पर परिवार के रिश्तेदार भी घर पहुंचते हैं। लेकिन कोरोना वायरस की वजह से इस बार ऐसा नहीं हो रहा। पटना में अपने आवास पर अपने पति राकेश प्रवीर के साथ रहकर छठ अनुष्ठान की तैयारी में जुटी पूनम पांडे ने कहा कि उन्होंने छठी मइया से मन्नत मांगी है कि भारत कोरोना वायरस से जंग जीत जाए।

बता दें कि साल में दो बार चैत्र और कार्तिक महीने में छठ पर्व मनाया जाता है। जिसमें श्रद्धालु भगवान भास्कर की आराधना करते हैं। रविवार को व्रती खरना करेंगी और प्रसाद वितरण किया जाएगा। सोमवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाना है और मंगलवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर व्रती पारण करेंगे।

बता दें कि कार्तिक के छठ को देखने के लिए देश-विदेश के लोग गंगा के घाट पर जुटते हैं। इसी तरह औरंगाबाद के विश्व प्रसिद्ध देव मंदिर पर चैती छठ के मौके पर देश के विभिन्न कोनों से श्रद्धालु पहुंचते थे। लेकिन इस बार कोरोना वायरस के कारण देव मंदिर में छठ पर्व के आयोजन को कैंसिल कर दिया गया है

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