मोटर वाहन अधिनियम की धारा 129 में कुछ सुधार किए गए हैं. यह सुधार मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम 2019 को लेकर है. इस धारा में एक प्रावधान यह है कि केंद्र सरकार अपने नियमों के जरिये मोटर साइकिल पर सवारी करने वाले या ले जाए जा रहे चार साल से कम उम्र के बच्चों की सुरक्षा के उपाय उपलब्ध करा सकती है. इस प्रावधान को ध्यान में रखते हुए सरकार ने कुछ नए नियम बताए हैं. हालांकि अभी ये मसौदा नियम हैं, लेकिन कई मायनों में महत्वपूर्ण हैं.
सड़क परिवहन मंत्रालय ने इसके मसौदा नियम बनाए हैं, जिसमें कई सिफारिशें की गई हैं. अगर मसौदा नियम को सरकार से हरी झंडी मिलती है तो इसे अमल में लाया जाएगा. ये नियम मोटरसाइकिल चालक के साथ बैठे बच्चों को लेकर है. मंत्रालय की सिफारिश में कहा गया है, चार साल से कम उम्र के बच्चों को मोटरसाइकिल चालक के साथ अटैच करने के लिए सुरक्षा उपकरण का उपयोग किया जाएगा. यहां सुरक्षा उपकरण के तौर पर हेलमेट को मान सकते हैं.
MoRTH has issued new safety guidelines for children below 4 years of age being carried on a motorcycle. A safety harness shall be provided to attach the child to the driver of the motorcycle.
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) October 26, 2021
क्या है नियम में
सिफारिश में कहा गया है कि मोटरसाइकिल चालक यह तय करेगा कि उसके पीछे बैठे 9 महीने से 4 वर्ष तक की आयु के बच्चे अपना क्रैश हेलमेट पहने हो जो उसके सिर पर फिट बैठता हो. बच्चा ऐसा मोटरसाइकिल हेलमेट पहना हो जो भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) से अप्रूव हो. यानी कि हेलमेट की क्लालिटी बीआईएस की गाइडलाइंस से मेल खाती होनी चाहिए. ऐसा नहीं होने पर चालक के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है. क्रैश हेलमेट के बारे में कहा गया है कि वह भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम 2016 के तहत निर्धारित गाइडलाइंस और [यूरोपीय (सीईएन) बीएस ईएन 1080/ बीएस ईएन 1078 से मेल खाता हो. चार साल तक की आयु के बच्चे को पिलियन (चालक के पीछे बैठी सवारी) के रूप में ले जाने वाली मोटरसाइकिल की गति 40 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक नहीं होनी चाहिए.
क्या कहा परिवहन मंत्रालय ने
इस बारे में केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने एक ट्वीट किया है. इसमें कहा गया है कि ड्राइवर से बच्चे को जोड़ने के लिए एक सेफ्टी हार्नेस (सुरक्षा उपकरण) लगाना जरूरी है. यह सेफ्टी हार्नेस दोनों को जोड़े रखेगा ताकि मोटरसाइकिल चलाने के दौरान बच्चा गिरे नहीं. अगर बच्चा 9 महीने से 4 साल के बीच का है तो उसे क्रैश हेलमेट लगाना जरूरी होगा. बाइक की स्पीड भी 40 किमी के अंदर ही रखना है.
कैसा होना चाहिए हेलमेट
सेफ्टी हार्नेस के बारे में कहा गया है कि यह बीआईएस के सभी नियमों के मुताबिक होना चाहिए. वजन में हल्का और एडजस्ट करने लायक हो. साथ ही वाटरप्रूफ और टिकाऊ भी होना चाहिए. सुरक्षा उपकरण हेवी नायलॉन या मल्टीफिलामेंट नायलॉन का बना होना चाहिए जिसमें मजबूत फोम लगा हो. सुरक्षा उपकरण इतना मजबूत होना चाहिए कि वह 30 किलो तक का वजन आसानी से बर्दाश्त कर सके. परिवहन मंत्रालय ने कहा है कि अगर किसी को इस मसौदा नियम के बारे में कोई सुझाव हो या ऐतराज हो तो उसे ईमेल-पत्र के जरिये सूचित किया जा सकता है.
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