अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति के बदौलत एक गरीब परिवार की बेटी अंकिता ने अपने सपनों को साकार करने के लिए हाथ नहीं होने के बावजूद पैरों से लिखकर बिहार इंटरमीडिएट की परीक्षा दी. अंकिता ने अपने संकल्प, विश्वास, धैर्य और उत्साह से दिव्यांगता को पीछे छोड़ कर अपने मंजिल की तलाश में पढाई को जारी रखा.
शारीरिक रूप से अक्षम होने के बाद भी दृढ़ इच्छा शक्ति को आधार बनाकर अंकिता कई लोगों के लिए मिसाल बनी हैं. 18 वर्षीय अंकिता बिहार के सारण जिले के बनियापुर प्रखंड के हरपुर बाजार के रहने वाले अशोक प्रसाद गुप्ता की बेटी है.
अंकिता हाथों से मजबूर होने के बाद भी पैरों से अपनी किस्मत लिखी है. हाथों से काम न कर पाने के कारण अंकिता पढ़ाई तो कर सकती थी, लेकिन कुछ लिख पाने में अक्षम थी. इसके बाद उसने पैरों की उंगलियों में कलम लगाकर लिखना शुरू कर दिया.
अंकिता बोल नहीं पाती है और वो सिर्फ इशारों से ही बात करती है. ना सिर्फ अंकिता इंटर की परीक्षा दी बल्कि अंकिता के लिखावट हर किसी को पैरों तले उंगलियां दबाने को मजबूर कर रहे हैं. अब जब परिणाम आए तो 337 नम्बर पा कर अंकिता प्रथम श्रेणी से उतीर्ण हुई है. अंकिता के घर में फिलहाल उत्सव का माहौल है. अंकिता अपने रिजल्ट से खुश है और भविष्य में आईएएस बनना चाहती है.
Input : Zee News