मुजफ्फरपुर में अज्ञात बीमारी से मरने वाले बच्चों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। मुजफ्फरपुर में इंसेफ्लाइटिस की वजह से मरने वालों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी ने चिकित्सा जगत में हड़कंप मचा दी है।

इस बीच बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे जिस तरह अपने पार्टी मीटिंग के कामों में व्यस्त हैं उनसे ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे उन्हें इस गंभीर मामले को लेकर किसी तरह की कोई चिंता नहीं है।

गुरुवार को राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे राजधानी दिल्ली में एक पार्टी मीटिंग में व्यस्त थे। इधर ताजा खबरों के मुबातिक बिहार की सड़कों पर मंत्री जी का काफिला गुजरने के दौरान एक एंबुलेंस को रोक दिया गया। इन सब से तो यही सवाल उठता है कि वे राज्य में मासूमों की हो रही मौत को लेकर कितना गंभीर हैं?

आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि 50 से ज्यादा बच्चे मौत के मुंह से समा गए हैं। जिले में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के काफिले के लिए एंबुलेंस को रोक दिया गया इसके पीछे जो भी जिम्मेदार है उस पर कार्रवाई होनी चाहिए। इससे शर्मनाक बात कुछ हो नहीं सकती है। ये मानवता का भी उल्लंघन है। उन्होंने आगे कहा कि ये काफी संवेदनशीन घटना है और ऐसे मामलों में वे संवेदनहीनता दिखाते हैं तो उन्हें इस कुर्सी पर रहने का कोई हक नहीं है।

बता दें कि श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SKMCH) मुजफ्फरपुर के अधीक्षक, सुनील शाही ने कहा, ‘जनवरी से 2 जून तक 13 रोगियों को भर्ती किया गया था, उनमें से 3 की मृत्यु हो गई। 2 जून से इस दिन तक 86 लोगों को भर्ती किया गया था, जिनमें से 31 की मौत हो गई।’

केंद्र सरकार ने भा एक विशेषीकृत उच्च-स्तरीय टीम का गठन किया है जो मुजफ्फरपुर में एक्यूट एंसेफलाइटिस (एईएस) और गया में जापानी एंसेफलाइटिस (जेई) के बढ़ते मामलों पर लगाम लगाने में राज्य सरकार की मदद करेगी।

Input : Times Now

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