कोरोना वायरस की महामारी ऐसी फैली है कि दुनिया त्राहि-त्राहि कर रही है। हेल्थ से जुड़े जितने भी रिसर्च सेंटर्स हैं, अधिकतर कोरोना की दवा या वैक्सीन डेवलप करने में लगे हुए हैं। बीमारों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। ऐसे में लोग कोरोना वायरस की वैक्सीन और दवा को लेकर हर जानकारी चाहते हैं। वे इंटरनेट पर इस बारे में सर्च करते हैं। मगर एक बड़ी संख्या ऐसे यूजर्स की है जो ये खोज रही है कि घर पर कोरोना वैक्सीन कैसे बनाई जा सकती है। कोरोना का घर में इलाज ढूंढने वाले भी बहुत हैं।
इतना भी आत्मनिर्भर नहीं बनना है भाई…😅https://t.co/zloBmHbvpS
— Dipanshu Kabra (@ipskabra) January 18, 2021
घर पर कैसे ठीक हो कोरोना? गूगल से पूछ रहे लोग
गूगल ट्रेंड्स के मुताबिक, भारत में ऐसी सर्च में पिछले एक-दो महीने में भारी उछाल देखा गया है। मसलन how to treat covid at home पर अप्रैल-मई भी सर्च हो रहे थे मगर जून खत्म होते-होते इसपर यूजर्स की संख्या तेजी से बढ़ी। भारत में पिछले तीन महीने में कोरोना से जुड़े टॉप सर्चेज में से एक यह भी है। घर पर कोरोना वैक्सीन बनाने को लेकर भी लोगों की दिलचस्पी पिछले एक महीने में बढ़ी है।
किन राज्यों से हो रहे ऐसे सर्च?
How to treat covid at home पर अधिकतर सर्च पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश से हैं। वहीं घर पर कोरोना वैक्सीन बनाने का तरीका लगभग सभी राज्यों के यूजर्स ने खोजा है। आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, असम, गुजरात, जम्मू कश्मीर में इसके सर्च ज्यादा हैं। वैक्सीन को लेकर भी भारतीयों की दिलचस्पी इस बात से जाहिर होती है कि वह मई, जून और जुलाई (अब तक) के टॉप कीवर्ड्स में से एक रहा है।
ऐसे सर्च करने की क्या है वजह
कोरोना वायरस एक ऐसी बीमारी के रूप में उभरा है जिसके मरीजों को हीनता की नजर से देखा गया है। भारत में ऐसे कई मामले हैं जहां मरीजों को समाज में दुत्कारा गया। उन्हें चिढ़ाया गया। आसपास सावधानी के बजाय डर का माहौल बन गया। कई मनोचिकित्सक मानते हैं कि कई मरीज इन्फेक्ट होने के बावजूद इसलिए सामने नहीं आते क्योंकि उन्हें सोशल बायकॉट का डर है। इसलिए घर पर ही कोरोना के इलाज, दवा और वैक्सीन बनाने को लेकर लोग सर्च कर रहे हैं।
ऐसे सर्च करने की क्या है वजह
कोरोना वायरस एक ऐसी बीमारी के रूप में उभरा है जिसके मरीजों को हीनता की नजर से देखा गया है। भारत में ऐसे कई मामले हैं जहां मरीजों को समाज में दुत्कारा गया। उन्हें चिढ़ाया गया। आसपास सावधानी के बजाय डर का माहौल बन गया। कई मनोचिकित्सक मानते हैं कि कई मरीज इन्फेक्ट होने के बावजूद इसलिए सामने नहीं आते क्योंकि उन्हें सोशल बायकॉट का डर है। इसलिए घर पर ही कोरोना के इलाज, दवा और वैक्सीन बनाने को लेकर लोग सर्च कर रहे हैं।
Input: NBT Hindi