पटना. बिहार (Bihar) के लोगों के लिये अच्छी और सुखद खबर है. दिवंगत गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह (Mathematician Vasistha Narayan Singh) की जीवनी पर जल्द ही बायोपिक (Biopic) बनेगी. इस बात की घोषणा मशहूर फिल्म डायरेक्टर नीरज पाठक (Film Director Neeraj Pathak) और वशिष्ठ नारायण सिंह के पारिवारिक सदस्यों ने राजधानी पटना में की. फरहान अख्तर और रितेश सिधवानी (Farhan Akhtar and Ritesh Sidhwani) की मशहूर कंपनी एक्सेल इंटरटेनमेंट इस फिल्म को प्रोड्यूस करेगी.

डायरेक्टर नीरज पाठक ने बताया कि फिल्म में वशिष्ठ नारायण सिंह के परिवार के सदस्यों के अलावा उनके नजदीकी लोगों को भी शामिल किया जायेगा. इस बायोपिक में पटना विश्वविद्यालय से लेकर इसरो तक की वशिष्ठ नरायण सिंह की जीवन यात्रा को शामिल किया जायेगा. उन्होंने बताया कि फिल्म का निर्माण जल्द ही शुरू कर दिया जायेगा और जल्द इसकी तारीख की भी घोषणा कर दी जायेगी.

नीरज पाठक ने बताया कि वशिष्ठ नारायण सिंह की भूमिका के लिए अभिनेता अक्षय कुमार, अभिषेक बच्चन, आमिर खान से लेकर ऋतिक रोशन के नाम पर विचार चल रहा है और इनमें से कोई एक वशिष्ठ नारायण सिंह का रोल अदा कर सकते हैं. हालांकि यह बहुत ज्यादा इस बात पर निर्भर करता है कि कौन सा कलाकार फिल्म के लिये कितनी जल्दी और कितना टाइम दे पाते हैं.

बायोपिक फिल्म बनाने पर परिवार ने जताई खुशी

वशिष्ठ नारायण सिंह के परिवार ने उनकी बायोपिक बनाये जाने पर प्रसन्नता जाहिर की है. उनकी मानें तो आने वाली पीढ़ी के लिए वशिष्ठ नारायण सिंह को जानने के लिये इससे बेहतर माध्यम और कुछ नहीं हो सकता है. वशिष्ठ बाबू के भाई हरिश्चंद्र सिंह ने उम्मीद जताई है कि बायोपिक में वशिष्ठ बाबू के जीवन के उन पहलुओं को प्रमुखता से शामिल किया जा सकेगा जिससे लोग अब तक अनजान हैं.

कौन हैं वशिष्ठ नारायण सिंह

मूल रूप से भोजपुर जिले के रहने वाले वशिष्ठ नारायण सिंह ने महान वैज्ञानिक आईंस्टीन के सापेक्षता के सिद्धांत को चुनौती दी थी. उनके बारे में यह बात भी मशहूर है कि अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा में अपोलो के लॉन्चिंग के पहले जब 31 अक्टूबर को एक साथ कुछ समय के लिये सभी कंप्यूटर बंद हो गये थे तो कंप्यूटर दोबारा ठीक होने पर उनका और कंप्यूटर का कैलकुलेशन एक तरह का ही था.

विदेश रास नहीं आया और स्वदेश लौट आए

बता दें कि पटना के साईंस कॉलेज में पढ़ाई-लिखाई के बाद वशिष्ठ नारायण सिंह वर्ष 1965 में अमेरिका चले गये थे. 1969 में उन्होंने कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से पीएचडी की डिग्री हासिल की थी. इसके बाद वो वाशिंगटन यूनिवर्सिटी में एसोसिएट प्रोफेसर बन गये. लेकिन, उनको विदेश रास नही आया और वर्ष 1971 में वो स्वदेश लौट आए.

इसके बाद वर्ष 1973 में उनकी शादी हो गई और शादी के कुछ दिनो बाद वो सिजोफ्रेनिया से पीड़ित हो गये. इसी दौरान उनका पारिवारिक जीवन संकट के दौर से गुजरने लगा. बीमार वशिष्ठ नारायण सिंह को उनकी पत्नी ने तलाक दे दिया था. काफी दिनों तक वो गुमनामी की जिंदगी जीते रहे. लंबी बीमारी के बाद हाल ही में उनका निधन हो गया था.

Input : News18

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