पटना मेडिकल कॉलेज (PMCH) के टाटा वार्ड में भर्ती मां की जान बचाने के लिए बेटा आखिरी सांस तक लड़ाई लड़ता रहा, लेकिन वह हार गया। सिस्टम ने उसकी मां की जान ले ली। उसने वार्ड की व्यवस्था को बेपर्दा कर वीडियो वायरल किया, ताकि बात अधिकारियों के कान तक पहुंच जाए, लेकिन अफसर भी चुप्पी साधे रहे। पहले दलालों ने 60 हजार में 15 यूनिट खून बेचा और फिर रही-सही कसर PMCH ने पूरी कर दी। भोजपुर के अनूप ने अपनी मां उर्मिला की मौत के लिए सिस्टम को जिम्मेदार ठहराया है।
अनूप 7 दिन पहले मां को कराया था भर्ती
अनूप का कहना है कि वह 7 दिन पहले अपनी मां उर्मिला को लीवर में समस्या के बाद भर्ती कराया था। डॉक्टर लगातार जांच के लिए लिखते रहे, लेकिन जांच नहीं कराई गई। कोई देखने तक नहीं आता था। गुरुवार को जब उर्मिला की हालत बिगड़ने लगी तो अनूप ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया था। टाटा वार्ड की व्यवस्था की पोल खोलते हुए अनूप ने वीडियो में कहा था कि एक दो नहीं, हर मरीज की हालत एक जैसी है। किसी को कोई देखने वाला नहीं है। इस कारण से मरीजों की जान चली जा रही है। वीडियो शेयर कर उन्होंने ICU की मांग की थी, बेटे ने प्रशासन से गुहार लगाई थी कि उसकी मां की हालत लगातार खराब होती जा रही है। कम से कम ICU की व्यवस्था करा दी जाए, जिससे ऑक्सीजन का झंझट खत्म हो जाए, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। शुक्रवार को मां की मौत के बाद अनूप ने कहा PMCH बड़ा अस्पताल है,लेकिन अब यहां से भरोसा उठ गया है।
दलालों ने खून के लिए जेब कर दी खाली
अनूप का कहना है कि PCH में सक्रिय खून के दलालों ने खून के लिए उसकी जेब तक खाली कर दी। 60 हजार में 15 यूनिट खून दिया गया। अनूप ने ब्लड बैंक के कर्मचारियों की दलालों से मिलीभगत का भी आरोप लगाया था। अनूप ने दलालों को भेजे गए पैसे के साथ पूरा सबूत इकट्ठा किया है और सोशल मीडिया पर वीडियो भी वायरल किया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। दलाल खून के लिए हर दिन जेब खाली करते हैं और कोई ध्यान नहीं दिया जाता है। अनूप का कहना है कि ब्लड बैंक की सेटिंग से ही पूरा खेल चल रहा है, कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। दलाल की लिखित शिकायत भी की, लेकिन कोई जांच नहीं की गई।
Input: Dainik Bhaskar