कोविड-19 का खतरा अभी बना हुआ है। ऐसे में दुर्गा पूजा के अवसर पर जिले में न तो कोई अस्थाई पंडाल बनेगा और न ही अस्थाई प्रतिमा स्थापित की जाएगी। प्रशासन की अपील है कि लोग अपने घरों में पूजा करें। घरों में स्थापित प्रतिमा का विसर्जन दो या तीन लोगों के माध्यम से किया जा सकता है। किसी भी तरह का जुलूस या मेला का आयोजन नहीं होगा। डीजे पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। जिले के दुर्गा माता मंदिरों में भी अलग से कोई मूर्ति स्थापित नहीं की जाएगी। शारीरिक दूरी के साथ श्रद्धालु वहां पूजा अर्चना कर सकते हैं। प्रशासन द्वारा ऐसे स्थलों पर की गई व्यवस्थाओं का सतत अनुश्रवण किया जायगा। कतिपय शर्तों के साथ विशेषकर मंत्रोच्चारण के लिए वहां (मंदिरों) पर लाउडस्पीकर की अनुमति है।

डीपीआरओ कमल सिंह ने कहा कि गत दिनों जिला शांति समिति तथा प्रबुद्ध लोगों और जिला प्रशासन के साथ हुई बैठक में जो निर्णय लिया गया था वह अक्षरश:लागू रहेगा। हालांकि इधर देखा जा रहा कि कतिपय व्यक्तियों व कुछ संस्थानों द्वारा लोगों के बीच भ्रम उत्पन्न करने की कोशिश की जा रही है, जो कतई स्वीकार्य नहीं है। पर्व त्योहारों और निर्वाचन के अवसर पर या किसी भी स्थिति में भ्रामकता की स्थिति उत्पन्न होने पर आम लोगों के बीच संदेह की स्थिति उत्पन्न होती है। जिससे सामाजिक तनाव की आशंका को बल मिलता है। समाज में अफवाह और भ्रम फैलाने वाले तत्वों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

मंदिरों में शारीरिक दूरी रखा जाएगा ख्याल

कोविड-19 को लेकर जारी सरकारी दिशा निर्देशों के कारण इस बार नवरात्र के मौके पर मंदिरों में बड़े आयोजन की तैयारी नहीं है। अधिकांश घरों में लोग पूजा करेंगे। मंदिरों में भी शारीरिक दूरी का पालन करते हुए ही भक्त माता का दर्शन करेंगे।

शारीरिक दूरी का ख्याल रखते हुए दर्शन की व्यवस्था

वैसे मंदिरों के पट अब खुल चुके हैं और पूजा-अर्चना भी हो रही है। पंडित हरिशंकर प्रसाद ने कहा कि मंदिर परिसर में शारीरिक दूरी का ख्याल रखते हुए भक्तों के दर्शन की व्यवस्था की जाएगी। देवी मंदिर के पुजारी अमित तिवारी ने कहा कि मंदिर परिसर में भीड़ नहीं लगेगी। शारीरिक दूरी मापदंड का ख्याल ख्याल रखा जाएगा। भक्तों को आने और जाने के लिए रास्ता भी होगा। सरकार की गाइडलाइन का पालन किया जाएगा।

Input: Dainik Jagran

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