कोरोना संक्रमण ने हर एक इंसान को किसी न किसी रूप में जरूर प्रभावित किया. ऐसे में कोरोना काल (Corona era) में मूर्तिकारों को भी काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा. दस महीने के इस लंबे अंतराल में कई पर्व त्योहार मनाए गए. सरकार के गाइडलाइंस के हिसाब से ही तैयारियां हुई. ऐसे में रांची के मूर्तिकार अजय पाल ने मां सरस्वती की कई ऐसी प्रतिमा बनाई है जिससे कोरोना के खात्मा यानी विदाई का संदेश दे रहे हैं.
साथ ही भारत में बने वैक्सीन के लिए भी लोगों को जागरूक करने का संदेश दे रहे हैं.
रांची के लालपुर इलाके में रहने वाले मूर्तिकार अजय पाल की मानें तो करोना काल (Corona virus) मे काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा. ऐसे में उन तमाम तकलीफों को नजदीक से अजय पाल ने महसूस किया है. ऐसे में अजय पाल ने मूर्ति के माध्यम से ही कोरोनावायरस (Corona virus) की विदाई और उसके खात्मे को लेकर संदेश देने का काम कर रहे हैं.
अजय पाल ने कई ऐसी मां सरस्वती का प्रतिमाएं बनाईं हैं जिसमें वीणा की जगह पर हाथ में सिरिंज और वैक्सीन दिख रहा है. वही इस मुश्किल घड़ी में कोरोना वारियर्स (Corona warriors) के तौर पर काम करने वाले डॉक्टर और नर्स को आशीर्वाद देते हुए भी दिखाया गया है.
मूर्तिकार अजय पाल की मानें तो खाली समय में कोरोना के दरम्यान उनके दिमाग में यह बातें चल रही थी कि जरूर हम कोरोना से जुड़े कुछ मूर्ति बनाएं. इससे लोगों में एक जागरूकता की मैसेज आए और इसी को देखते हुए उन्होंने इस मूर्ति को तैयार किया. साथ ही कोरोना के दरम्यान में जितने भी पर्व त्यौहार मनाए गए थे उसमें सरकार के द्वारा गाइडलाइंस जारी किया गया था.
मूर्ति के हाइट भी फिक्स कर दिए गए थे. 4 फीट से ऊंची मूर्ति को परमिशन नहीं दिया जाता था लेकिन जब सब कुछ अब पटरी पर लौट रहा है तो ऐसे में प्रतिमा की हाइट की भी छूट मिल गई है. ऐसे में मां सरस्वती की बड़ी-बड़ी प्रतिमाएं मूर्तिकारों ने बनाया है.
वही मूर्ति खरीदने आए लोगों की मानें तो सरस्वती पूजा (Saraswati Puja) ही एक ऐसा पूजा होगा जिसे लोग अच्छे तरीके से मना पाएंगे. इससे पहले जो कुछ भी पूजा हुआ है, वह सिर्फ विधि-विधान को ही पूरा किया गया है. उसमें कोई हर्ष और उल्लास नहीं देखने को मिला था. साथ ही लोगों ने कहा कि इस बार सरस्वती पूजा के पंडाल में कोरोना वायरस (Corona virus) ज्यादा से ज्यादा देखने को मिलेगा ऐसे में लोगों की पसंद भी कोरोना वायरस मूर्ति ही है.
मूर्तिकार अजय पाल ने कहा कि कोरोना वायरस (Corona virus) बनाए गए मूर्ति की कीमत सबसे ज्यादा है क्योंकि सबसे अधिक डिमांड इसी मूर्ति की है 25 से ₹30000 तक इस मूर्ति का दाम रखा गया है लोग एडवांस में बुक भी करा चुके हैं लेकिन पहले से उम्मीद नहीं थी कि इतनी डिमांड मूर्ति के आएंगे इसलिए कम संख्या में ही मूर्ति पहले से बनाए थे लेकिन अब ग्राहक लौट कर जा रहे हैं
अजय पाल ने कहा कि कितने दिनों ₹100 के लिए भी मोहताज रहने के बाद अब जब सब कुछ ठीक हो रहा है और सरस्वती पूजा (Saraswati Puja) में मूर्ति की बिक्री अधिक हो रही है. ऐसे में हम अपनी खुशी बयां नहीं कर सकते. साथ ही हमारे साथ जो 25 से 30 वर्षों से 10 से 15 लोग यानी कारीगर जो काम कर रहे हैं, वह भी काफी खुश हैं कि अब उनको रोजी-रोटी चलने लगा है. इससे उनके परिवार के लोग खुशी से अपना जीवन यापन कर सकेंगे.
Source : Zee News