मुंबई. बॉलीवुड फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत (Kangana Ranaut) ने महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) के धार्मिक स्थल न खोलने के फैसले पर निशाना साधते हुए उसे ‘गुंडा सरकार’ करार दिया है. महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Governor Bhagat Singh Koshiyari) ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (CM Uddhav Thackeray) को पत्र लिखकर कोविड बचावों के साथ धार्मिक स्थलों को खोलने पर फैसला लेने के लिए कहा था. कोश्यारी के इस पत्र की खबर को ट्वीट कर कंगना ने लिखा- “ये जानकर अच्छा लगा कि गुंडा सरकार से माननीय राज्यपाल साहब सवाल कर रहे हैं, गुंडों ने बार और रेस्त्रां खोल दिए लेकिन रणनीति के तहत मंदिरों को अभी भी बंद रखा है. सोनिया सेना, बाबर की सेना से भी खराब बर्ताव कर रही है.”

दरअसल राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को जो चिट्ठी लिखी थी उसमें उन्होंने कहा कि 1 जून से आपने मिशन अगेन शुरू करने की घोषणा की थी, लेकिन अब चार महीने बीत जाने के बाद भी पूजा स्थल नहीं खोले जा सके हैं. राज्यपाल ने कहा, ‘यह विडंबना है कि एक तरफ सरकार ने बार और रेस्तरां खोले हैं, लेकिन दूसरी तरफ, देवी और देवताओं के स्थल को नहीं खोला गया है. आप हिंदुत्व के मजबूत पक्षधर रहे हैं. आपने भगवान राम के लिए सार्वजनिक रूप से अपनी भक्ति जाहिर की है.’

Kangana Ranaut, Uddhav thackeray

कोश्यारी ने उद्धव से किया था ये सवाल
कोश्यारी ने अपने पत्र में आगे कहा, ‘आपने आषाढ़ी एकादशी पर विट्ठल रुक्मणी मंदिर का दौरा किया था, क्या आपने अचानक खुद को सेक्युलर बना लिया है? जिस शब्द से आपको नफरत है?’

सीएम ठाकरे ने दिया ये जवाब
इस पत्र के जवाब में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्यपाल बीएस कोश्यारी को सूचित किया है कि राज्य में कोविड-19 संबंधी हालात की पूरी समीक्षा के बाद धार्मिक स्थलों को पुन: खोलने का फैसला किया जाएगा. ठाकरे ने कोश्यारी के सोमवार को लिखे पत्र के जवाब में मंगलवार को पत्र लिखकर कहा कि राज्य सरकार इन स्थलों को पुन: खोलने के उनके अनुरोध पर विचार करेगी.

धर्मनिरपेक्षता के सवाल पर पर ठाकरे ने पलटकर पूछा कि क्या कोश्यारी के लिए हिंदुत्व का मतलब केवल धार्मिक स्थलों को पुन: खोलने से है और क्या उन्हें नहीं खोलने का मतलब धर्मनिरपेक्ष होना है.

ठाकरे ने कहा, ‘‘क्या धर्मनिरपेक्षता संविधान का अहम हिस्सा नहीं है, जिसके नाम पर आपने राज्यपाल बनते समय शपथ ग्रहण की थी.’’ उन्होंने कहा, ‘‘लोगों की भावनाओं और आस्थाओं को ध्यान में रखने के साथ साथ, उनके जीवन की रक्षा करना भी अहम है. लॉकडाउन अचानक लागू करना और समाप्त करना सही नहीं है.’’

Source : News18

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