मुजफ्फरपुर, [अमरेंद्र तिवारी]। JDU Vs BJP: सम्राट अशोक (Emperor Ashoka)के मुद्दे को लेकर बिहार के सत्ताधारी एनडीए (NDA)के दो प्रमुख घटक दल जदयू (JDU)व भाजपा (BJP)में कलह जारी है। भाजपा के बिहार प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल (Dr. Sanjay Jaiswal)व मंत्री जीवेश मिश्र (Minister Jivesh Mishra) के बाद एक और भाजपा नेता ने जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) पर हमला बोला है। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष व मुजफ्फरपुर से सांसद अजय निषाद (Ajay Nishad)ने कहा है कि भाजपा सम्राट अशोक के सिद्धांत का पालन करते हुए कश्मीर से कन्याकुमारी तक भगवा लहरा रही है। जहां तक भाजपा और जदयू के गठबंधन की बात है तो वह अटूट है। इसको लेकर किसी को भी संशय पालने की जरूरत नहीं है। कहा, उपेंद्र कुशवाहा एक खूंटा से बंधकर नहीं रह सकते हैं।
कुशवाहा नीतीश कुमार के रहमोकरम से एमएलसी
सांसद निषाद ने कुशवाहा पर करारा हमला करते हुए कहा, उन्होंने रालोसपा को मिट्टी में मिला दी और अब जदयू में आ गए हैं। इसका क्या हाल होगा, भगवान ही जानें। उनकी एंट्री के बाद जदयू में तीन कोण बन गया है। एक ओर जदयू राष्ट्रीय अध्यक्ष सांसद राजीव रंजन सिंह हैं तो दूसरे सिरे पर केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह। एक सिरा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार () का दिख रहा है। वैसे यह जनता दल यू का अंदरुनी मामला है। मैं इसपर कुछ नहीं कहना चाहता हूं। उन्होंने पुराने दिनों की याद दिलाते हुए कहा कि 2014 में रालोसपा (RLSP)के तीन सांसद थे। जेडीयू के पास केवल दो। उस समय बड़ी ताकत थी रालोसपा। लेकिन आज क्या हालत है? कुशवाहा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के रहमोकरम पर एमएलसी हैं।
भाजपा को सम्राट अशोक के बारे में शिक्षा न दें
एनडीए और खासकर भाजपा-जदयू के गठबंधन के बारे में उन्होंने कहा कि यह अटूट है। सूबे में जंगलराज के खात्मा को लेकर इसकी नींव पड़ी थी। उसी विचारधारा को लेकर दोनों ही दल आगे बढ़ रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में चौतरफा विकास हो रहा है और आने वाले दिनों में यह गठबंधन काम करता रहेगा। कुछ लोगों को सुर्खियों में रहने की आदत है। इसलिए वे विवादित बयान खोजते चलते हैं। सम्राट अशोक महान थे। आज भाजपा उनके सिद्धांत का शत-प्रतिशत पालन कर रही है। कश्मीर से कन्याकुमारी तक भगवा लहराने की पहल चल रही है। आनेवाले दिनों में इसका व्यापक रूप दिखेगा। कोई भाजपा को सम्राट अशोक के बारे में शिक्षा देने का काम ना करे।
Source : Dainik Jagran